PCPNDT एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

Edited By Anil Jangid, Updated: 24 Dec, 2025 05:13 PM

one day workshop on effective implementation of pcpndt act held

जयपुर। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव (आरसीएच) मीरा श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को आरएएस क्लब सभागार में पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में जिला समुचित प्राधिकारी...

जयपुर। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव (आरसीएच) मीरा श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को आरएएस क्लब सभागार में पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में जिला समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं जिला समन्वयक उपस्थित रहे।

 

संयुक्त सचिव ने राजस्थान में पीसीपीएनडीटी के प्रभावी की क्रियान्वयन हेतु किए जा रहे प्रयासों को सराहा और कहा की यहां के अनुभव अन्य राज्यों में भी शेयर किए जाने चाहिए। उन्होंने "लडका-लड़की बराबर है, तो पूछना क्यों" स्लोगन पर आधारित अभियान के साथ ही जागरूकता अभियान को और भी प्रभावी तरीके से किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा आजकल ऑनलाइन वेबसाइटस पर बेबी ब्वॉय पैदा करने हेतु उपलब्ध विभिन्न प्रकार के वीडियो या अन्य तरह के कंटेंट जैसे पूजा करवाना आदि वाली 1000 वेबसाइट्स को ब्लॉक किया गया है। लेकिन अभी भी यह एक बड़ी चुनौती है, जिसका सामना करने के लिए राज्यों को भी पहल करनी होगी। राज्य ऐसी वेबसाइट्स को आईडेंटिफाई कर सहयोग पोर्टल के माध्यम से ब्लॉक करवाने की कार्रवाई करें। 

 

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    संयुक्त सचिव ने कहा की सोनोग्राफी मशीनों के रजिस्ट्रेशन और रिन्यूअल के लिए एक टाइम फ्रेम तैयार किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि समय के साथ आमजन में बेटी बेटा एक समान की धारणा को बदलने के लिए और भी अपडेट होकर प्रयास किया जाना चाहिए।

     

    अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं मिशन निदेशक एचएचएम डॉ. अमित यादव ने प्रदेश में पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत किया जा रहे प्रयासों पर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही उन्होंने समुदाय में जागरूकता पैदा करने के लिए नवाचार किए जाने पर आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने नागौर में बालिका वाटिका नवाचार का उदाहरण देते हुए कहा कि अन्य जिलों में भी ऐसे नवाचार किए जाएं। 

     

    केंद्रीय उपयुक्त पीसीपीएनडीटी डॉक्टर पद्मिनी कश्यप ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के वर्तमान परिपेक्ष्य, मॉनिटरिंग हेतु प्रमुख इंडीकेटर और मुख्य चुनौतियां विषय पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत किया जा रहे प्रयासों का परिणाम एसआरएस के आंकड़ों में देखने को मिल रहा है। एसआरएस वर्ष 2021-23 के आंकड़ों के अनुसार अभी राजस्थान में लिंगानुपात 921 है।

     

    पीसीपीएनडीटी एवं जेंडर स्पेशलिस्ट इफात हमीद ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रावधानों एवं इनसे  जुड़े प्रमुख न्यायिक  फैसलों और प्रोसीजर के बारे में विस्तार से अवगत कराया।

     

    परियोजना निदेशक पीसीपीएनडीटी राकेश कुमार मीणा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद दिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीसीपीएनडीटी हेमंत कुमार ने प्रदेश में पीबीआई थाना और डिकाय ऑपरेशन के बारे में विस्तार से अपने अनुभव साझा किए। कार्यशाला में ओएसडी संतोष गोयल सहित संबंधित अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

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