गणतंत्र दिवस पर लाल किला प्रांगण में राजस्थान की झांकी 'सोणो राजस्थान' बनेगी आकर्षण का केंद्र

Edited By Ishika Jain, Updated: 22 Jan, 2025 06:16 PM

rajasthan s tableau will be the center of attraction at red fort on republic day

राजधानी नई दिल्ली में इस वर्ष गणतंत्र दिवस की मुख्य परेड में कर्तव्य पथ से निकलने वाली चुनिंदा झांकियों और दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में 26 से 31 जनवरी तक आयोजित होने वाले भारत पर्व-2025 में भाग लेने वाली झांकियों की तैयारियों का बुधवार को...

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में इस वर्ष गणतंत्र दिवस की मुख्य परेड में कर्तव्य पथ से निकलने वाली चुनिंदा झांकियों और दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में 26 से 31 जनवरी तक आयोजित होने वाले भारत पर्व-2025 में भाग लेने वाली झांकियों की तैयारियों का बुधवार को नई दिल्ली के दिल्ली कैंट परेड ग्राउंड दिल्ली केंट स्थित गणतंत्र दिवस परेड राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में प्रेस प्रिव्यू हुआ ।

इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में विभिन्न राज्यों सहित केन्द्रीय मंत्रालयों की 31 झांकियां शामिल होंगी, जबकि लाल किला प्रांगण में 26 से 31  जनवरी तक आयोजित होने वाले भारत पर्व-2025 में मुख्य परेड में शामिल झाँकियों सहित विभिन्न राज्यों की 43 झांकियां भाग लेंगी ।

हालांकि इस बार राजस्थान की झाँकी गणतंत दिवस की परेड में कर्तव्य पथ से निकलने वाली चुनिंदा झांकियों में  तो शामिल नहीं होंगी,लेकिन दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में आयोजित होने वाले भारत पर्व-2025 में राजस्थान की झांकी 'सोणो राजस्थान' भी मुख्य परेड में निकलने वाली झांकियों के साथ ही शामिल होंगी और जन आकर्षण का केंद्र बनेगी। इस झाँकी में विरासत ओर विकास का सुन्दर मिश्रण किया  गया हैं। यह नयनाभिमानी यह झांकी विकसित भारत की संकल्पना लिए राजस्थान के समृद्ध इतिहास,संस्कृति और स्थापत्य परंपरा के साथ ही राज्य के नवीन निर्माण की एक सुंदर झांकी है।

झांकी के नोडल अधिकारी राजस्थान ललित कला अकादमी के डॉ.रजनीश हर्ष ने प्रेस प्रिव्यू  में पत्रकारों को बताया कि यह सुन्दर झांकी राजस्थान की उत्सवधर्मी संस्कृति, स्थापत्य परंपरा और हस्तशिल्प का सुंदर मिश्रण हैं।   इस बार भी झाँकी का डिजाइन सिद्धस्त कलाकार हरशिव शर्मा द्वारा सुंदर तरीके से किया गया है।

इस अद्भुत झांकी के अग्रभाग में राजस्थान के पारंपरिक पर्व तीज की सुप्रसिद्ध सवारी के मनोहारी दृश्य को शामिल किया गया है, जबकि पिछले भाग में शेखावाटी की प्राचीन और दुर्लभ हवेलियों की समृद्ध विरासत को दर्शाया गया है। झाँकी के नीचे के पैनल में इन हवेलियों में बने हुए पुराने भित्ति चित्र ओर विभिन्न प्रकार के म्यूरल की डिजाइन का दिग्दर्शन किया गया हैं । साथ ही झाँकी में राजस्थान सरकार द्वारा जल संरक्षण और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों की झलक को भी शामिल किया गया हैं । 

डॉ.हर्ष ने बताया कि राज्य के कला और संस्कृति विभाग के शासन सचिव रवि जैन, उप शासन सचिव बृज मोहन नोगिया, जयपुर की संभागीय आयुक्त एवं राजस्थान ललित कला अकादमी की प्रशासक रश्मि गुप्ता के मार्गदर्शन में बनाई गई हैं। राजस्थान का गौरव कही जाने वाली हवेलियों को हाल ही में राजस्थान के पर्यटन विभाग ने विकसित कर म्यूजियम में बदलने का सराहनीय प्रयास किया है,ताकि देशी विदेशी पर्यटक इनका दीदार कर सकें।

इस सांस्कृतिक झांकी में विकसित भारत की संकल्पना के तहत राजस्थान की उत्सवधर्मी संस्कृति में समाए महिलाओं के सुप्रसिद्ध त्यौहार तीज ओर खेतीबाड़ी ओर उद्योगों में जल संरक्षण, सौर ऊर्जा के विकास का सुंदर ढंग से प्रदर्शन किया गया है। झांकी का निर्माण कार्य इंवेंटिवो क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड  फैब्रिकेटर द्वारा किया गया है। झाँकी को नेशनल कैनवास पर उतारने के लिए उनके साथ  कलाकार हरशिव शर्मा, विनय शर्मा   समुद्र सिंह और  प्रीति सोलंकी अकादमी की पूरी टीम ने फैब्रिकेटर के साथ मिलकर रात दिन काम किया है।

उल्लेखनीय है कि भारत पर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर वर्ष 2014 से दिल्ली में अनवरत मनाया जा रहा हैं।इस पर्व का उद्देश्य  विविधताओं से भरे भारत के सांस्कृतिक वैभव का प्रदर्शन करना और कलाकारों का उत्साह वर्धन करना हैं ।

भारत पर्व में इस बार राजस्थान की झाँकी भी अन्य झाँकियों के साथ दिल्लीवासियों और देश विदेश के दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेगी।
 

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