Edited By Raunak Pareek, Updated: 18 Feb, 2025 07:28 PM

राजस्थान में भजनलाल सरकार के तहत दीया कुमारी अपना दूसरा बजट 19 फरवरी को पेश करने वाली हैं। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस बजट में कर्मचारियों के लिए खास तोहफे की घोषणा हो सकती है।
राजस्थान में लगभग 9 लाख सरकारी कर्मचारी और करीब पौने चार लाख पेंशनभोगी हैं। इन कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर राज्य के कर राजस्व का लगभग 90% हिस्सा खर्च होता है। सरकार इस बजट को अलग से निर्धारित करती है। मासिक वेतन के साथ ही, बजट का एक बड़ा भाग पेंशन के भुगतान में भी खर्च होता है।
इस बार के बजट से कर्मचारियों को काफी उम्मीदें हैं। यदि वर्ष 2024-25 के बजट पर नजर डालें तो सरकार ने कर्मचारियों के वेतन के लिए 78,340.85 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था, जिसमें से जनवरी 2025 तक लगभग 59,137.20 करोड़ रुपए खर्च हो चुके थे।
कर्मचारी यूनियनों के नेताओं का कहना है कि अगर सरकार बजट में कोई सौगात देना चाहती है, तो वेतन विसंगतियों को दूर करना चाहिए। इस मुद्दे पर वित्त मंत्री दीया कुमारी ने कर्मचारियों से सुझाव भी लिए थे। कर्मचारी संगठनों का स्पष्ट कहना है कि खेमराज चौधरी की अध्यक्षता वाली वेतन विसंगति परीक्षण समिति ने सरकार के निर्देशों के तहत काम किया है। कर्मचारी यह भी मांग कर रहे हैं कि समिति की रिपोर्ट में एसीपी में जो बदलाव किए गए थे, उन्हें अब बजट में ठीक किया जाना चाहिए।
अगर बजट के खर्चे पर नजर डालें तो 2024-25 के बजट में कर्मचारियों की पेंशन पर 29,012.06 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसमें से जनवरी तक लगभग 24,934.26 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके थे। इसके अलावा, कर्मचारी पेंशन और जीपीएफ खातों की राशि को लेकर भी अपनी मांगें रख रहे हैं। उनका कहना है कि बजट में पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के तहत जमा नेशनल पेंशन स्कीम की राशि को GPF खातों में स्थानांतरित किया जाए। यह राशि 37 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक है।
महिला कर्मचारियों ने भी दीया कुमारी के सामने अपनी मांगें रखी हैं। संविदा पर काम करने वाली महिलाएं चाहती हैं कि सरकार उन्हें प्राथमिकता देकर स्थायी नियुक्ति दे। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, और स्वास्थ्य विभाग की नर्सिंग कर्मचारी नर्सिंग निदेशालय के गठन की मांग कर रही हैं। वहीं, मंत्रालयिक कर्मचारियों को भी बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। वे ग्रेड पे को 4200 से बढ़ाकर 4800 करने, निदेशालय के गठन, और पदोन्नति के नए अवसरों की मांग कर रहे हैं।