राजस्थान बजट 2023-24 पर पंजाब केसरी का जन-संवाद, पंजाब केसरी टीवी-डिजीटल टीम ने आयोजित की परिचर्चा

Edited By Afjal Khan, Updated: 09 Feb, 2023 06:12 PM

दस फरवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वित्तमंत्री के रूप में अपना दसवां बजट और इस सरकार के कार्यकाल का अंतिम बजट लेकर आ रहे हैं ।  यह पहला मौक़ा जब आने वाले बजट को लेकर सरकार ने अभी से ही बड़े-बड़े दावे करते हुए पोस्टर बैनर और सोशल मीडिया पर अभियान चला...

दस फरवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वित्तमंत्री के रूप में अपना दसवां बजट और इस सरकार के कार्यकाल का अंतिम बजट लेकर आ रहे हैं ।  यह पहला मौक़ा जब आने वाले बजट को लेकर सरकार ने अभी से ही बड़े-बड़े दावे करते हुए पोस्टर बैनर और सोशल मीडिया पर अभियान चला दिया है । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने के बजट की टैग लाइन भी बनाई गई है । जिसमें आने वाले बजट के लिए बचत,राहत और बढ़त की थीम रखी गई है । बड़े प्रचार के बीच, मुख्यमंत्री गहलोत से प्रदेश की जनता को बहुत उम्मीदें बंध गई है । चुनावी साल में आम तौर पर लुभावना बजट तो होता ही है मगर दिलचस्प पहलू है कि इस बजट में बचत और राहत के साथ राजस्थान के लिए बढ़त दिलाने वाली क्या घोषणाएं और उनके लिए कैसे वित्तिय प्रबंधन होगा । पंजाब केसरी डिजीटल-टीवी ने पंजाब केसरी जयपुर स्थित मुख्यालय में शहर के गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया और उनसे बजट से उम्मीदों पर बात की । कार्यक्रम का संचालन पंजाब केसरी टीवी-डिजिटल एडिटर विशाल सूर्यकांत ने किया । 

बजट जन-संवाद के नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में शहर के प्रबुद्ध लोग जिनमें जयपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष डॉ.ललित सिंह सांचौर, व्यावसायी व समाजसेवी रवि नैयर, डॉ.संतोष शर्मा, निजी अस्पताल संचालिका, सीए व आर्थिक मामलों के जानकार नटवर सारड़ा, पूर्व आईएएस ड़ॉ.सत्यनारायण सिंह, अभिभावक संघ से अरविन्द जैन,  राजस्थान नर्सिंग एसोसिएशन प्रदेश सचिव नीरज तंबोली, युवा वर्ग से तेजराज यादव समेत कई गणमान्य लोगों ने राजस्थान बजट पर सार्थक बहस की । जयपुर व्यापार मंडल के डॉ.ललित सिंह ने कहा कि इस बार राजस्थान में सरकार को छोटे व्यापारियों पर फोकस करना चाहिए । स्टार्ट अप के लिए जिस तरह से सरकारें लोन मुहैया करवा रही हैं, ठीक वैसे ही पुराने व्यापारियों की जरूरतों के लिए भी योजना लेकर आनी चाहिए ।

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जिसमें सरकार को बहुत रियायती दरों पर जरूरतमंद व्यापारियों को लोन मुहैया करवाने के लिए कोई सहज व्यवस्था बनानी चाहिए । क्योंकि छोटे व्यापारी ही देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था चलाते हैं । इस दौरान निजी अस्पताल की संचालिका डॉ. संतोष शर्मा ने गहलोत सरकार के राइट टू हैल्थ कानून पर बात की और कहा कि सरकार को निजी क्षेत्र में भी अस्पतालों का वर्गीकरण कर सुविधाएं और योजनाएं लानी चाहिए । अलग-अलग कॉलोनियों में बने छोटे व सीमित बेड के अस्पतालों को अगर सरकार फंडिंग और रियायतें यदि उपलब्ध करवाए और साथ ही चिरंजीवी योजना में कागजी खानापूर्ति को सीमित करे तो निजी क्षेत्र, राजस्थान की स्वास्थ्य सेवाओं में आमूलचूल परिवर्तन लाने में सक्षम है।

 

लेकिन अक्सर सरकारें निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले सभी अलग-अलग स्तर के अस्पतालों को एक ही लाठी से हांकना चाहती है । इसे ठीक किया जाना चाहिए । पंजाब केसरी टीवी-डिजिटल की ओर से आयोजित कार्यक्रम में आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ के रूप में नटवर सारड़ा ने कहा कि चुनावी साल में आने वाला बजट वैसे तो लुभावना होता है लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दीर्धकालीन दृष्टि रखते हुए राज्य के बुनियादी ढ़ाचे को विकसित करने वाला बजट देना होगा । कार्यक्रम के दौरान व्यावसायी और समाजसेवी रवि नैयर ने कहा कि सरकार को होटल,पर्यटन और सौर ऊर्जा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इन्हीं तीन पहलूओं में राजस्थान का उज्जवल भविष्य छिपा है । मुख्यमंत्री गहलोत अक्सर समाजिक क्षेत्र में उत्थान की बात करते हैं लेकिन वो रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा किए बिना संभव नहीं है । इसीलिए सरकार को नौकरियां और नौकरियां पैदा करने के अवसरों को और बढ़ाना होगा ।

 

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अभिभावक संघ के अरविन्द जैन ने कहा कि केन्द्र सरकार ने इस बार शिक्षा के बजट में कुछ कटौती की है । ऐसे में राजस्थान सरकार से उम्मीद है कि शिक्षा के बजट को बढ़ाया जाए । सरकार ने जो स्कूल खोले हैं लेकिन जब तक संसाधनों का अभाव रहेगा, स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार नहीं आएगा। निजी स्कूलों की फीस,कोचिंग सेवाओं को लेकर कोई नियामक व्यवस्था लागू करनी चाहिेए । वहीं नर्सिंग सेवाओं को लेकर राजस्थान नर्सिंग एसोसिएशन के प्रदेश सचिव नीरज तंबोली ने कहा कि हमारी कई मांगे कई सालों से लंबित है । कोरोना काल हो या निशुल्क ईलाज योजना, प्रदेश के नर्सिंग स्टाफ ने सरकार की बहुत मदद की है । ऐसे में, इस सरकार के आखिरी बजट से हमें बहुत उम्मीदें हैं । प्रदेश में एएनएम और जीएनएम के लिए जो फंड दिया है । उसमें बढ़ोतरी किए जाने की जरूरत है । नर्सिगं कैडर्स में डायरेक्टर सैल अलग से होना चाहिए । वहीं युवा वर्ग से तेजराज सिंह ने कहा कि राजस्थान में गैंगवार की समस्या बढ़ी है ।

युवा सोशल मीडिया से अपराध की दुनिया में फंस रहे हैं । कानून-व्यवस्था में सुधार लाने के साथ गैंग्स से निपटने के लिए भी कोई एक्शन प्लान सरकार को राजस्थान में लागू करना चाहिए । अगर इसके लिए पुलिस के लिए बजट बढ़ाने की आवश्यकता हो, वो तुरंत करें लेकिन अपराधों पर नियंत्रण किए बिना विकास करना संभव नहीं । तेजराज सिंह ने प्रदेश में नए जिले बनाने की प्रक्रिया में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखने पर जोर दिया । साथ ही किसानों की फसल खराबी की समस्या, फसल बीमा योजना का लाभ और किसानों की फसल के उचित दाम उपलब्ध करवाने के लिए गहलोत सरकार से बजट में विशेष व्यवस्था करने की मांग की । कार्यक्रम में युवा छात्र संदीप भी जुड़े, जिन्होनें परीक्षा भर्तियों में धांधली का मुद्दा उठाकर सख्त कानून बनाने की वकालत की और कहा कि नकल माफिया राजस्थान में युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं । इसे जड़ से खत्म करने के लिए गहलोत सरकार को बजट में कोई घोषणा करनी होगी ।

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