राजस्थान: क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी धोखाधड़ी मामलों की सुनवाई सभी अतिरिक्त जिला व सत्र अदालतों में होगी

Edited By PTI News Agency, Updated: 28 Feb, 2023 04:37 PM

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जयपुर, 28 फरवरी (भाषा) राजस्थान में क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों द्वारा अपने निवेशकों से धोखाधड़ी के मामलों की सुनवाई राज्य के सभी अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालयों में होगी। एक उच्च अधिकारी ने यह जानकारी दी।

जयपुर, 28 फरवरी (भाषा) राजस्थान में क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों द्वारा अपने निवेशकों से धोखाधड़ी के मामलों की सुनवाई राज्य के सभी अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालयों में होगी। एक उच्च अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी के अनुसार, क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिले इसके लिये राज्य की सभी 280 अपर जिला एवं सत्र अदालतों को इनसे सम्बंधित प्रकरणों की सुनवाई एवं निस्तारण के लिए अधिकृत किया गया है।

सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने ऐसी सोसायटियों में घोटालों एवं अनियमितताओं की पुनरावृति की रोकथाम के लिए गठित निगरानी समिति की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी।
गुहा ने बताया कि क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों द्वारा धोखाधड़ी से पीड़ित निवेशकों की शिकायतों की अधिकता को देखते हुए यह निर्णय किया गया है। राज्य के 33 जिलों एवं सत्र अदालतों को ऐसे प्रकरणों में सुनवाई एवं निस्तारण का पूर्व में अधिकार दिया गया था। इस प्रकार राज्‍य में 313 न्यायालयों में पीड़ितों के इस्तगासे दायर हो रहे हैं।

उन्होंने बैठक में निर्देश दिए कि जिन पीड़ित निवेशकों की शिकायतें राज सहकार पोर्टल पर प्राप्त हुई है, इनके संबंध में इस्तगासे प्रस्तुत करने के लिए आवश्यक सभी शिकायतों के दस्तावेजों की पूर्ति का कार्य शीघ्रता से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि करीब 20 हजार पीड़ितों को दस्तावेज जांच के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है।

प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि पोर्टल पर एक तथ्य यह भी ध्यान में आया है कि कई ममालों में एक ही पीड़ित द्वारा कई बार शिकायत दर्ज की गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग पोर्टल पर 'फिल्टर' के माध्यम से वास्तविक शिकायतकर्ता की पहचान सुनिश्चित करें तथा दस्तावेज जांच प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि क्रेडिट सोसायटी द्वारा धोखाधड़ी से पीड़ित लोग सोसायटी के खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करवाने के साथ ही राज सहकार पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराएं।

गुहा ने कहा कि उप रजिस्ट्रार कार्यालयों द्वारा अभी तक 10 हजार से अधिक इस्तगासे दायर किए जा चुके हैं। पिछले करीब दो वर्षों से विभिन्न सहकारी समितियों में चुनाव प्रक्रिया होने से इस्तगासे दायर करने में विलम्ब हुआ है। अब ज्यादातर प्राथमिक समितियों में चुनाव सम्पन्न हो चुके है। ऐसे में सभी उप रजिस्ट्रार इस्तगासे दायर करने की प्रक्रिया में शीघ्रता लाए।

उन्होंने लोक अभियोजकों को भी इस्तगासे दायर करने में त्वरित कार्रवाई करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि पीड़ित निवेशक भी उप रजिस्ट्रार कार्यालयों द्वारा नोटिस या सूचना मिलने पर तुरन्त ही संबंधित कार्यालय जाकर दस्तावेज प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर 'मल्टी स्टेट क्रेडिट' को-ऑपरेटिव सोसायटियों के विरूद्ध एक लाख से अधिक शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं जिसकी राशि 2084 करोड़ रूपये है और शिकायतें निरन्तर प्राप्त हो रही है।


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