Edited By PTI News Agency, Updated: 23 Feb, 2023 08:21 PM

जयपुर, 23 फरवरी (भाषा) राजस्थान सरकार इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में अब हर साल प्रति परिवार 125 दिन रोजगार देगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस योजना में रोजगार दिवस की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
जयपुर, 23 फरवरी (भाषा) राजस्थान सरकार इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में अब हर साल प्रति परिवार 125 दिन रोजगार देगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस योजना में रोजगार दिवस की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि शहरों में बेरोजगारों के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना मददगार साबित हो रही है और महात्मा गांधी नरेगा (मनरेगा) की तर्ज पर शुरू की गई इस योजना में अब प्रति वर्ष, प्रति परिवार 125 दिवस का रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री गहलोत ने 'हर हाथ को रोजगार' और बेरोजगारों को सम्बल प्रदान करने के लिए 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन रोजगार के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
गहलोत द्वारा योजना के अनुमोदित दिशा-निर्देशों में इस संशोधन की सहमति दी गई है। यह संशोधन एक अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगा। शहरी बेरोजगारों को 25 दिवस का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने से लगभग 1,100 करोड़ रुपए का व्यय होना संभावित है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा इस संबंध में बजट 2023-24 में घोषणा की गई है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की 2022-23 की बजट घोषणा में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू की गई थी। पिछले साल योजना के तहत प्रति परिवार, प्रतिवर्ष 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 800 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया था। इसकी शुरुआत नौ सितंबर, 2022 को जयपुर से हुई।
योजना में जरूरतमंद परिवार जन आधार कार्ड के माध्यम से जॉब कार्ड बनवाकर रोजगार की मांग कर सकते हैं। इस योजना में पर्यावरण सरंक्षण, जल संरक्षण, हैरिटेज संरक्षण, स्वच्छता, सेवा, कन्वर्जेंस तथा सम्पत्ति विरूपण रोकने संबंधी कार्यों सहित अन्य कई तरह के कार्य अनुमत किए गए हैं।
बयान के अनुसार, योजना के तहत अब तक 4.51 लाख से अधिक जॉब कार्ड बनाए गए हैं और 6.94 लाख से अधिक सदस्य अब तक योजना से जुड़े हैं।
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