Edited By Chandra Prakash, Updated: 09 Feb, 2025 02:54 PM
![politics after the meeting of vasundhara raje and madan rathore](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_14_54_195077812thum-ll.jpg)
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद राजस्थान की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है। इसी कड़ी में जयपुर में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की अहम मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं को हवा दे दी है।...
जयपुर, 9 फरवरी 2025 । आज हम आपको लेकर चल राजस्थान की राजनीति में उस बड़ी खबर तक....जी हां हम बात कर रहे हैं भारत की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की, जो इस समय राजनीतिक चर्चाओं का विषय बनी हुई है । दरअसल दिल्ली विधानसभा चुनावों की जीत की गूंज जयपुर तक दिखाई दे रही है । अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या राजस्थान की राजनीति में भी कोई बड़ा फेरबदल देखने को मिलेगा ? क्या राजस्थान की भाजपा पार्टी में उथलफेर होने की संभावना है ?, इन्ही सवालों के जवाब आज हम इस खबर के जरिए आपको देने वाले हैं ।
तो चलिए बात करते हैं राजस्थान भाजपा की....शनिवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद राजस्थान की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है। इसी कड़ी में जयपुर में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की अहम मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं को हवा दे दी है। इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। ये जानने से पहले हम आपको बता दें कि दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद जयपुर में जश्न का माहौल देखने को मिला। इस अवसर पर पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचीं, जहां प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने उनका स्वागत किया और मिठाई खिलाई। वसुंधरा राजे ने भी राठौड़ को लड्डू खिलाकर खुशी जाहिर की।
इस मौके पर वसुंधरा राजे ने कहा, “दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत पर हार्दिक बधाई। यह ऐतिहासिक जनादेश स्पष्ट करता है कि दिल्लीवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में समृद्ध और प्रगतिशील राजधानी के निर्माण का संकल्प लिया है।” उन्होंने इस जीत का श्रेय भाजपा कार्यकर्ताओं को देते हुए कहा कि यह उनकी अथक मेहनत और निष्ठा का परिणाम है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी कार्यकर्ताओं का आभार जताया और कहा कि यह जीत भाजपा की नीतियों और प्रधानमंत्री मोदी के प्रति जनता के विश्वास का प्रमाण है। इसी के साथ प्रदेशभर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जीत का जश्न मनाया और ढोल-नगाड़ों के साथ पटाखे जलाए। कई जगहों पर कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और मोदी-मोदी के नारे लगाए।
ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि जयपुर में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की अहम मुलाकात सियासी मायने क्या है ?
इस मुलाकात के बाद प्रदेशभर ही नहीं बल्कि पूरे देशभर में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है । लोग अपने-अपने हिसाब से दोनों नेताओं की इस अहम मुलाकात के अलग अलग सियासी मायने निकाल रहे हैं । दरअसल भाजपा संगठन में नई नियुक्तियों का दौर भी जारी है । इसके साथ ही मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर भी अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं । हालांकि अचानक वसुंधरा राजे का पार्टी में फिर से सक्रिय हो जाना और भाजपा प्रदेश मुख्यालय में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष से मुलाकात करना राजनीतिक हल्कों में एक बड़ी सियासी चर्चा को जन्म दे दिया है ।
1. क्या है राजस्थान में भाजपा की नई रणनीति ?
दिल्ली चुनाव की सफलता के बाद भाजपा राजस्थान में भी संगठन को मजबूत करने और नई रणनीति बनाने में जुट गई है। इस मुलाकात को प्रदेश में भाजपा की आगामी रणनीति और भविष्य की सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है।
2. वसुंधरा राजे की सक्रियता— क्या संकेत ?
पिछले कुछ समय से वसुंधरा राजे संगठन की गतिविधियों से दूर नजर आ रही थीं, लेकिन अब उनकी सक्रियता बढ़ती दिख रही है। क्या यह उनकी मजबूत वापसी का संकेत है ?
3. मदन राठौड़ और वसुंधरा राजे के बीच तालमेल ?
मदन राठौड़ को प्रदेश भाजपा की कमान मिलने के बाद यह मुलाकात कई संकेत दे रही है। भाजपा नेतृत्व राजस्थान में सभी गुटों को एकजुट करने की कोशिश कर रहा है। वसुंधरा राजे के साथ चर्चा से साफ है कि पार्टी गुटबाजी को खत्म करने और एकजुट होकर 2028 की तैयारी में जुटने का प्रयास कर रही है।
4. मिशन 2028 पर चर्चा ?
राजस्थान में भाजपा की राजनीति में वसुंधरा राजे का कद आज भी सबसे बड़ा माना जाता है। इस मुलाकात में आगामी चुनावों और संगठन की मजबूती को लेकर विचार-विमर्श हुआ होगा ।
5. क्या यह सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात थी ?
हालांकि, इसे एक सामान्य शिष्टाचार मुलाकात बताया जा रहा है, लेकिन राजनीति में कोई भी मुलाकात यूं ही नहीं होती। यह मुलाकात भाजपा के अंदर जारी सियासी खींचतान और संगठन में तालमेल बैठाने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।
अब देखने वाली बात ये है कि वसुंधरा राजे और मदन राठौड़ की मुलाकात महज औपचारिक नहीं, बल्कि राजस्थान भाजपा की राजनीति में नए समीकरणों का संकेत भी हो सकती है। आने वाले दिनों में इसके असर देखने को मिल सकते हैं !