Edited By Raunak Pareek, Updated: 25 Aug, 2025 04:56 PM

दौसा जिले के लालसोट में तहसीलदार और वकीलों के बीच शुरू हुआ विवाद अब और गंभीर हो गया है। तहसीलदार अमितेश मीणा ने भले ही माफी मांग ली हो, लेकिन वकील उनकी बर्खास्तगी की मांग पर डटे हैं। मामला अब हाईकोर्ट प्रशासन और बार काउंसिल ऑफ इंडिया तक पहुंच चुका...
दौसा जिले के लालसोट में तहसीलदार अमितेश मीणा और वकीलों के बीच छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। तहसीलदार ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है, लेकिन वकील अब भी उनकी बर्खास्तगी की मांग पर अड़े हुए हैं।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
19 अगस्त को तहसीलदार का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने वकीलों को “काले कोट में घूमने वाले गुंडे” कह दिया। यह बयान सोशल मीडिया पर फैलते ही वकीलों में गुस्सा भड़क गया और मामला तूल पकड़ गया।
स्टे ऑर्डर बना विवाद की जड़
वकीलों का आरोप है कि वे उसी दिन एसडीएम का स्टे ऑर्डर तहसीलदार को सौंपने गए थे। लेकिन तहसीलदार ने ऑर्डर लेने से इनकार कर दिया और वकीलों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उन्हें धक्का देकर बाहर निकाल दिया।
इसके बाद तहसीलदार खुद लालसोट थाने के बाहर धरने पर बैठ गए और 13 अधिवक्ताओं के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया। वहीं, जवाबी कार्रवाई में वकीलों ने भी तहसीलदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
बार एसोसिएशन की रिपोर्ट में दोषी ठहराए गए
इस पूरे प्रकरण पर अब राजस्थान बार एसोसिएशन की रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है, जिसमें तहसीलदार को दोषी माना गया है। रिपोर्ट को राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भी भेजा गया है।
आगे क्या?
वकील अब तहसीलदार की बर्खास्तगी की मांग पर अड़े हैं। सोमवार (25 अगस्त) को बार एसोसिएशन जिला अध्यक्ष कुंज बिहारी शर्मा के नेतृत्व में अधिवक्ता दौसा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे। विवाद अब सिर्फ तहसील स्तर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है, जिससे पूरे प्रदेश में यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है।