जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की भव्य शुरुआत, पहले दिन दिग्गज हस्तियों के विचार

Edited By Chandra Prakash, Updated: 02 Feb, 2025 12:20 PM

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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) का शुभारंभ गुरुवार को हो गया है, जिसमें दुनिया भर से 600 से अधिक वक्ता भाग ले रहे हैं। पांच दिवसीय इस प्रतिष्ठित आयोजन के पहले दिन कई चर्चित सत्र हुए, जिनमें सुधा मूर्ति, जावेद अख्तर, कैलाश सत्यार्थी और मोहिंदर अमरनाथ...

जयपुर, 2 फरवरी 2025 । जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) का शुभारंभ गुरुवार को हो गया है, जिसमें दुनिया भर से 600 से अधिक वक्ता भाग ले रहे हैं। पांच दिवसीय इस प्रतिष्ठित आयोजन के पहले दिन कई चर्चित सत्र हुए, जिनमें सुधा मूर्ति, जावेद अख्तर, कैलाश सत्यार्थी और मोहिंदर अमरनाथ जैसी जानी-मानी हस्तियों ने अपने विचार साझा किए।

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मोहिंदर अमरनाथ का BCCI पर तंज - "अमरनाथ नाम से दिक्कत थी"
पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ ने टीम चयन को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि BCCI को अमरनाथ नाम से हमेशा दिक्कत रही, पहले मेरे पिता (लाला अमरनाथ) के साथ और फिर मेरे साथ भी।
उन्होंने टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर पर इशारों में तंज कसते हुए कहा, "रोहित शर्मा और विराट कोहली के बारे में कोई मजबूत चयनकर्ता ही फैसला ले सकता है। अगर चयनकर्ता खुद बेहतरीन खिलाड़ी नहीं रहा हो, तो वह मजबूत निर्णय नहीं ले पाएगा।"

"जाति के कारण टॉर्चर सहना पड़ा"- कैलाश सत्यार्थी
नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने अपने सत्र 'दियासलाई' में जातिवादी भेदभाव के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा, "जातिवादी सोच और ऊंच-नीच के भेदभाव को देखकर मैंने अपने नाम से 'शर्मा' हटाकर 'सत्यार्थी' लगाया। मुझे जाति से बाहर कर दिया गया और मेरे परिवार को भी प्रताड़ना झेलनी पड़ी।"

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"मातृभाषा से कटना ठीक नहीं"- जावेद अख्तर
गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने 'ज्ञान सीपियां' सत्र में मातृभाषा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "आजकल हर कोई अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ा रहा है। मैं अंग्रेजी की जरूरत से इनकार नहीं करता, लेकिन अगर हम अपनी मातृभाषा से कट गए, तो यह सही नहीं होगा।" उन्होंने अपनी नई किताब 'सीपियां' के बारे में भी चर्चा की और कहा कि दोहा लेखन की एक अनूठी शैली है, जिसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है।

"एआई में इमोशंस नहीं, कहानियां दिल से आती हैं"- सुधा मूर्ति 
लेखिका और समाजसेवी सुधा मूर्ति ने अपनी नई किताब 'कोकोनट एंड बर्फी' पर चर्चा की। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रभाव पर बोलते हुए कहा, "AI हर जगह मौजूद है और बेहद शक्तिशाली है, लेकिन इसके पास भावनाएं और कला नहीं है। कहानियां दिल से आती हैं, और यही एआई कभी नहीं कर सकता।" इस दौरान सुधा मूर्ति ने जावेद अख्तर के पैर छूकर आशीर्वाद लिया, जो इस सत्र का भावुक क्षण बन गया।

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जेएलएफ का जोश और ज्ञान का संगम
पहले ही दिन क्रिकेट, साहित्य, समाज, जाति भेदभाव और तकनीक जैसे विभिन्न विषयों पर गहरी चर्चा हुई। आने वाले दिनों में और भी दिलचस्प सत्र होने वाले हैं, जो इस आयोजन को और खास बनाएंगे।

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