किसानों के हित में मुख्यमंत्री का महत्वपूर्ण निर्णय, विकेन्द्रित सौर संयंत्रों से संबद्ध फीडरों में तुरन्त जारी होंगे कृषि कनेक्शन

Edited By Chandra Prakash, Updated: 28 Aug, 2025 05:21 PM

important decision of the chief minister in the interest of farmers

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के किसानों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय किया है। अब पीएम कुसुम योजना के तहत स्थापित विकेन्द्रित सौर ऊर्जा संयंत्रों से जुड़े 33/11 केवी सब स्टेशन क्षेत्रों में अलग से प्राथमिकता के आधार पर तत्काल कृषि कनेक्शन जारी...

जयपुर, 28 अगस्त 2025। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के किसानों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय किया है। अब पीएम कुसुम योजना के तहत स्थापित विकेन्द्रित सौर ऊर्जा संयंत्रों से जुड़े 33/11 केवी सब स्टेशन क्षेत्रों में अलग से प्राथमिकता के आधार पर तत्काल कृषि कनेक्शन जारी किए जा सकेंगे। इसके लिए कृषि कनेक्शन नीति-2017 में संशोधन को भी मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है। प्रदेश के तीनों विद्युत वितरण निगमों ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। 

मुख्यमंत्री के इस निर्णय के पश्चात अब ऐसे सौर ऊर्जा संयंत्रों की क्षमता के अनुसार 33/11 केवी से निकलने वाले फीडरों पर कृषि कनेक्शन के लिए आवेदकों को पृथक् से प्राथमिकता से मांग पत्र जारी किए जा सकेंगे। मांग पत्र जमा होने के बाद आवेदकों को तुरंत प्राथमिकता से कनेक्शन जारी कर दिए जाएंगे। 

कृषि कनेक्शनों की प्रतीक्षा सूची में आएगी कमी
मौजूदा समय में कृषि कनेक्शन नीति-2017 के अन्तर्गत सामान्य श्रेणी के कृषि कनेक्शन के आवेदकों को राज्य सरकार द्वारा घोषित निर्धारित अंतिम तिथि (कट ऑफ डेट) के अनुसार डिमांड नोट जारी किए जाते हैं। मांग पत्र जमा होने के बाद कनेक्शन जारी करने की प्राथमिकता मूल आवेदन तिथि के अनुसार संधारित की जाती है। वहीं अन्य श्रेणी-ड्रिप, डिग्गी अथवा शहरी क्षेत्र के आवेदकों के मांग पत्र तुरन्त प्राथमिकता के आधार पर जारी किए जाते हैं। इन आवेदकों के लिए कनेक्शन जारी करने की प्राथमिकता मांग पत्र जमा करवाने की तिथि के अनुसार संधारित की जाती है। 

वर्तमान में 22 फरवरी 2022 तक की कट ऑफ डेट के अनुसार सामान्य श्रेणी के आवेदकों को कनेक्शन देय हैं। राज्य में फिलहाल 78 हजार 498 कृषि कनेक्शन लंबित हैं, जिनमें डिमाण्ड नोट जमा किए जा चुके हैं। वहीं इसके बाद 2 लाख़ 27 हजार 913 नए आवेदन प्राप्त हुए है। 

विकेन्द्रित सौर संयंत्रों की उत्पादन क्षमता का होगा उपयोग
उल्लेखनीय है कि पीएम-कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए एवं कम्पोनेंट-सी में प्रदेश में धरातल पर तेजी से काम हो रहा है। प्रदेश की गांव-ढाणियों में लगभग 1543 मेगावाट क्षमता के 776 विकेन्द्रित सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। इनमें भी 1420 मेगावॉट क्षमता के प्लांट मात्र डेढ़ वर्ष के भीतर स्थापित किए गए हैं। इन सौर ऊर्जा संयंत्रों से 1 लाख़ से अधिक कृषि उपभोक्ताओं को खेती के लिए दिन में बिजली सुलभ होने लगी है। 

यह संयंत्र विद्युत सब-स्टेशन से 5 किलोमीटर के दायरे में स्थापित किए जाते हैं। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से सौर ऊर्जा संयंत्रों से दिन में उत्पादित हो रही बिजली का उपयोग कृषि क्षेत्र में हो सकेगा और बड़ी संख्या में किसानों को कृषि कनेक्शन जारी किए जा सकेंगे। जिससे कृषि कनेक्शनों की आवेदन सूची में कमी आएगी।  
 

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