Edited By Chandra Prakash, Updated: 24 Aug, 2025 07:28 PM

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि भारत का लोकतंत्र मजबूत है। भारत के लोकतंत्र को किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। भारत के संविधान की जड़े भी बहुत गहरी हैं। इसे कोई समाप्त नहीं कर सकता है। भारत के लोगों को एकजुट और एकमुखी होकर...
जयपुर , 24 अगस्त 2025। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि भारत का लोकतंत्र मजबूत है। भारत के लोकतंत्र को किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। भारत के संविधान की जड़े भी बहुत गहरी हैं। इसे कोई समाप्त नहीं कर सकता है। भारत के लोगों को एकजुट और एकमुखी होकर काम करना होगा ताकि विश्व को एकता का संदेश जाए। श्री देवनानी ने कहा कि कुछ ताकतें जो भृम फैला रही हैं उनसे सभी को सतर्क रहना होगा।
देवनानी ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक यात्रा वेदों से लेकर संविधान तक फैली हुई है। यह यात्रा दर्शाती है कि भारत केवल आज का लोकतंत्र नहीं है बल्कि यह उसकी आत्मा में सदियों से बसी एक परंपरा है। देवनानी ने कहा कि भारत वास्तव में लोकतंत्र की जननी है।
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष देवनानी रविवार को दिल्ली विधानसभा द्वारा आयोजित स्पीकर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। श्री देवनानी ने कहा कि भारत विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जिसकी लोकतांत्रिक परंपरा हजारों वर्ष पुरानी है। यह परंपरा वेदों उपनिषदों और इतिहास में अंकित है।
देवनानी ने कहा कि जब विश्व के अन्य भागों में मानव समाज शिकार पर आश्रित था और लोग वृक्षों की छालों से अपने शरीर ढकते थे, उस प्राचीन काल में भारत का वैदिक साहित्य राजनीतिक क्षेत्र और शासन व्यवस्था की अत्यंत परिपक्व अवधारणा से समृद्ध हो चुका था। उन्होंने कहा कि भारत भूमि पर उस युग में ही गणराज्य, लोकतंत्र तथा राष्ट्र की अवधारणा ने केवल विकसित हो चुकी थी, अपितु उनका भू- सांस्कृतिक ,भू राजनीतिक तथा सार्वभौम शासन से संबंधित गहन विमर्श भी प्राचीन ग्रंथो में संकलित हो चुका था।
देवनानी ने कहा कि वर्तमान में भारत को विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश कहे जाने का आधार केवल इसकी जनसंख्या की विशालता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उसकी लोकतांत्रिक संरचना, परंपरा और व्यापक जनसंख्या में निहित है। उन्होंने कहा कि भारत में संविधान द्वारा स्थापित लोकतंत्र केवल एक राजनीतिक व्यवस्था नहीं बल्कि एक जीवन्त सामाजिक अनुशासन है, जो विविधता में एकता, विचारों की स्वतंत्रता, सार्वभौमिक मताधिकार और न्याय प्रियता पर आधारित है।
देवनानी ने कहा कि भारत में नियमित स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव, स्वतंत्र न्यायपालिका जीवन्त संसद,सक्रिय मीडिया और मजबूत नागरिक समाज इस लोकतंत्र की स्थायितवशीलता और गहराई को प्रमाणित करते हैं।
देवनानी दो दिवसीय अखिल भारतीय स्पीकर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू, दिल्ली के उपराज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष श्री विजेंद्र गुप्ता सहित देशभर की राज्य विधानसभा एवं विधान परिषदों के लगभग 60 अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर दिल्ली विधानसभा द्वारा केंद्रीय विधानसभा के प्रथम निर्वाचित भारतीय स्पीकर श्री वीर विट्ठल भाई पटेल का शताब्दी समारोह भी आयोजित किया जा रहा है।