Edited By Rahul yadav, Updated: 17 Jan, 2025 03:04 PM
जैसलमेर में प्रवासी पक्षियों के बीच बर्ड फ्लू का खतरा गहराता जा रहा है। फलोदी के खीचन में पहला मामला सामने आने के बाद अब जैसलमेर में भी लगातार कुरजां पक्षियों की मौत हो रही है। गुरुवार को देगराय ओरण क्षेत्र के लखमणा तालाब और झिनझिनयाली क्षेत्र के...
जैसलमेर में प्रवासी पक्षियों के बीच बर्ड फ्लू का खतरा गहराता जा रहा है। फलोदी के खीचन में पहला मामला सामने आने के बाद अब जैसलमेर में भी लगातार कुरजां पक्षियों की मौत हो रही है। गुरुवार को देगराय ओरण क्षेत्र के लखमणा तालाब और झिनझिनयाली क्षेत्र के गजसिंह का गांव में एक-एक कुरजां मृत पाई गई। जिले में अब तक मृत कुरजां की संख्या 28 हो चुकी है।
वन विभाग और पशुपालन विभाग की टीम ने इन पक्षियों के शवों को सरकारी प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षित तरीके से दफनाया है। इससे पहले 11 जनवरी को देगराय ओरण क्षेत्र के लूणेरी तालाब में 6 कुरजां पक्षी मृत मिले थे। इसके बाद 12 जनवरी को 2 और 13, 15 और 16 जनवरी को क्रमशः 2, 3 और 1 कुरजां मृत मिली। सभी मृत पक्षियों के विसरा को जांच के लिए भोपाल स्थित निषाद लैब भेजा गया, जहां रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई।
आज शुक्रवार को मोहनगढ़ के बांकलसर गांव के पास 14 कुरजां एक साथ उड़ते हुए अचानक खेत में गिरकर मृत हो गईं। इससे जिले में मृत कुरजां पक्षियों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है।
प्रशासन अलर्ट पर
बर्ड फ्लू के संक्रमण ने आमजन और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह संक्रमण पक्षियों से इंसानों में भी फैल सकता है। इसे देखते हुए सरकार ने आम जनता को सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का सख्ती से पालन करने की सलाह दी है।
एक ही स्थान पर बड़ी संख्या में पक्षियों के शव मिलने के बाद प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया है। इन क्षेत्रों में आमजन और पशुओं के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
सतर्कता और कार्रवाई
वन, चिकित्सा, पशुपालन और राजस्व विभाग के अधिकारी पूरी तरह सतर्क हैं। फील्ड अधिकारियों को गश्त बढ़ाने और किसी भी संदिग्ध स्थिति पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रवासी पक्षियों में बढ़ते इस संक्रमण से जैसलमेर के पर्यावरण और जनजीवन पर खतरे की स्थिति बन रही है। प्रशासन और विशेषज्ञ लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।