Edited By Raunak Pareek, Updated: 23 Jul, 2025 03:30 PM

भीलवाड़ा के 8 गांवों के लोगों ने यूआईटी द्वारा जारी मास्टर प्लान के खिलाफ जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने रोड चौड़ाई, ग्रीन जोन और नर्सरी ज़ोनिंग पर आपत्ति जताते हुए 5 दिन में योजना निरस्त नहीं करने पर धरने की...
यूआईटी (शहरी सुधार न्यास) द्वारा जारी मास्टर प्लान के विरोध में शुक्रवार को आठ गांवों के सैकड़ों ग्रामीण जिला कलेक्टर कार्यालय पर इकट्ठा हुए और जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने कहा कि अगर 5 दिन के भीतर विवादित जोनल प्लान को रद्द नहीं किया गया, तो यूआईटी कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा।
क्या है ग्रामीणों की आपत्ति?
· ग्रामीणों का आरोप है कि योजना में 200 फीट की प्रस्तावित सड़क को बदलकर 1200 फीट कर दिया गया, और यह सड़क उन इलाकों तक खींच दी गई है जहां काश्तकारों की निजी जमीन है।
· वहीं, जहां सरकारी जमीन थी, वहां सड़क को केवल 200 फीट तक ही सीमित रखा गया है, जो कि तर्कसंगत नहीं है।
· योजना में तस्वारिया, आरजिया सहित 8 राजस्व गांवों की 15,000 बीघा कृषि भूमि को नर्सरी और उद्यान क्षेत्र में बदल दिया गया है, जबकि भीलवाड़ा शहर में पहले से ही 18,000 बीघा जमीन इस उद्देश्य के लिए आरक्षित है।
प्रमुख मांगें -
· विवादित 1200 फीट रोड योजना को तत्काल रद्द किया जाए।
· ग्रीन जोन को वापस लिया जाए।
· पूर्व में स्वीकृत प्लान को ही लागू किया जाए।
· नई योजना में की गई 10-12 बड़ी खामियों को दूर किया जाए।
प्रदर्शन में शामिल गांव -
पालड़ी, गोविंदपुरा, इंद्रपुरा, तेलीखेड़ा, देवखेड़ी, सांगानेर, तस्वारिया सहित अन्य गांवों के लोग बड़ी संख्या में प्रदर्शन में शामिल हुए। पूर्व सरपंच देवेंद्र सिंह ने कहा कि यह प्लान किसानों के हितों के खिलाफ है और यदि इसे रद्द नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।