Edited By Raunak Pareek, Updated: 24 Jul, 2025 04:37 PM

भीलवाड़ा के सुरास ग्राम में जिंदल शॉ लिमिटेड पर चारागाह भूमि पर अवैध खनन का आरोप। जांच करने वाले तहसीलदार और एसडीएम का तबादला, कार्रवाई की जगह अफसरों पर गिरी गाज।
जिले की सुरास ग्राम पंचायत में स्थित चारागाह भूमि पर जिंदल शॉ लिमिटेड द्वारा अवैध खनन किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जांच रिपोर्टों और अधिकारियों के निरीक्षण में यह साफ तौर पर सामने आया है कि कंपनी ने स्वीकृत लीज क्षेत्र से बाहर निकलकर ग्राम डांग क्षेत्र की आरक्षित चारागाह भूमि पर अवैध गतिविधियां की हैं। जांच में पाया गया कि कंपनी को आराजी संख्या 2096 में 43.1921 हेक्टेयर भूमि लीज पर स्वीकृत थी, लेकिन इस सीमा से बाहर जाकर लगभग 4707 हेक्टेयर चारागाह भूमि (आराजी 2096 और 1105 किस्म रस्ता) पर खनन किया गया।
जिला कलेक्टर को ग्रामवासियों द्वारा की गई शिकायत के बाद मांडल के उपखंड अधिकारी सीएल शर्मा ने तहसीलदार सुमन गुर्जर को मौके पर जांच के निर्देश दिए। सुमन गुर्जर की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बताया गया कि खनिज विभाग के मानक चिन्ह मौजूद नहीं थे और न ही लीज की शर्तों के अनुसार खनन कार्य किया जा रहा था।
हालांकि कार्रवाई की बजाय, जांच करने वाले दोनों अधिकारियों को ही हटा दिया गया। पहले तहसीलदार सुमन गुर्जर का तबादला कोटी कर दिया गया, और फिर रविवार 20 जुलाई को अवकाश के दिन एसडीएम सीएल शर्मा को एपीओ कर दिया गया। यह आदेश ऐसे समय पर आया जब शर्मा अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई की तैयारी में थे।
सूत्रों के अनुसार, जिंदल शॉ लिमिटेड ने चारागाह भूमि को भी अपने लीज क्षेत्र में शामिल करवाने के लिए फाइल प्रस्तुत की थी, जिसे स्वीकृत कराने के लिए उच्च स्तर पर दबाव बनाए जा रहे थे। अब सवाल उठता है — जब कार्रवाई करने वाले अधिकारियों पर ही गाज गिराई जा रही है, तो अवैध खनन करने वालों के खिलाफ न्याय की उम्मीद किससे की जाए?