अशोक गहलोत का बड़ा हमला: ट्रंप-टैरिफ विवाद में मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल ?

Edited By Chandra Prakash, Updated: 31 Jul, 2025 06:20 PM

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गहलोत ने कहा, “ट्रंप साहब 25-30 बार बोल चुके हैं कि उन्होंने इंडो-पाक युद्ध रुकवाया, जबकि हमारे विदेश मंत्री साफ कहते हैं कि किसी भी देश का हस्तक्षेप नहीं हुआ। मोदी जी को क्या हर्ज है यह कहने में कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं? परसों की डिबेट में भी वो...

बीकानेर, 31 जुलाई 2025 । पूर्व सीएम अशोक गहलोत का विदेश नीति पर तीखा हमला: "मोदी-ट्रंप संबंध अब कहां काम आ रहे हैं?"

 

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज बीकानेर सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्र सरकार की विदेश नीति और अमेरिका-भारत संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर अचानक 25% टैरिफ और पेनल्टी लगाने को लेकर पूछे गए सवाल पर गहलोत ने कहा कि ट्रंप का व्यवहार देश को अजीब और अस्थिर कर देने वाला लग रहा है।

गहलोत ने कहा, “ट्रंप साहब 25-30 बार बोल चुके हैं कि उन्होंने इंडो-पाक युद्ध रुकवाया, जबकि हमारे विदेश मंत्री साफ कहते हैं कि किसी भी देश का हस्तक्षेप नहीं हुआ। मोदी जी को क्या हर्ज है यह कहने में कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं? परसों की डिबेट में भी वो खुलकर कुछ नहीं बोले, पूरे देश में आलोचना हो रही है।”

अचानक टैरिफ से गिरा बाजार, सरकार का व्यवहार संदिग्ध: गहलोत
गहलोत ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा टैरिफ और पेनल्टी की घोषणा से शेयर बाजार गिर गया और व्यापार में गिरावट की आशंका है। उन्होंने इसे संभावित बार्गेनिंग टैक्टिक बताया और कहा कि "शायद ट्रंप चालाकी से बातचीत के लिए दबाव बना रहे हैं, अभी एक हफ्ते तक निगोशिएशन चलने की संभावना है।"

रूस से व्यापार को लेकर अमेरिका को क्यों आपत्ति?
गहलोत ने आगे कहा कि अमेरिका को भारत के रूस से हथियार और ऊर्जा खरीदने पर आपत्ति है, जबकि भारत-रूस संबंध दशकों पुराने हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि "अब अमेरिका को तकलीफ क्यों हो रही है, जब संबंध इतने अच्छे बताए जाते हैं? जब पीएम मोदी ने अमेरिका जाकर 'अगली सरकार ट्रंप सरकार' तक कह दिया, तब तो संबंध चरम पर थे, फिर ये सब क्यों हो रहा है?"

गहलोत का कटाक्ष: "मोदी जी ने भावनात्मक रूप से ट्रंप से संबंध जोड़े थे, अब विदेश नीति का नुकसान भुगत रहे हैं"
गहलोत ने विदेश नीति में बदलाव को लेकर भी मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि "नेहरू युग से चली आ रही विदेश नीति को हर सरकार ने निभाया, चाहे वाजपेयी सरकार हो या मोरारजी देसाई की, लेकिन आज नीति में जो राइट-लेफ्ट हो रहा है, उसका सीधा नुकसान भारत भुगत रहा है।"

उन्होंने पड़ोसी देशों से संबंधों में गिरावट का हवाला देते हुए कहा कि "नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार—हमारे पड़ोसी आज हमारे साथ नहीं हैं।"
उन्होंने यह भी जोड़ा कि "इंडो-पाक ऑपरेशन के समय चीन, टर्की, आर्मेनिया जैसे देश पाकिस्तान के पक्ष में थे और रूस भी चुप था, यह भारत की विदेश नीति में बदलाव का संकेत है।"

भारत सरकार से की संतुलित नीति की अपेक्षा
अंत में गहलोत ने कहा कि ट्रंप द्वारा टैरिफ के बहाने जो चाल चली गई है, उसका जवाब भारत को संतुलन और रणनीति से देना होगा। "भारत सरकार को अब नए देशों से सहयोग लेकर रणनीति बनानी होगी, जिससे ड्यूटी और टैरिफ का असर कम हो सके।"

यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है और देश के अंदर विदेश नीति पर राजनीतिक बहस तेज हो गई है।

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