उम्मेदाराम के बाद अब हनुमान बेनीवाल का इस नेता भी छोड़ दिया साथ, हनुमान को छोड़ थामा पायलट का हाथ

Edited By Chandra Prakash, Updated: 22 Aug, 2024 04:07 PM

after ummedram now this leader also left hanuman beniwal

इन उपचुनावों से पहले हनुमान बेनीवाल को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है । दरअसल, बेनीवाल के करीबी और पार्टी सदस्य आनंदी राम खटीक ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से इस्तीफा दे दिया है । जयपुर में कांग्रेस नेता सचिन पायलट से मुलाकात के बाद यह फैसला लिया...

जयपुर, 22 अगस्त 2024 । राजस्थान में 6 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनावों को लेकर प्रदेश की सभी राजनीतिक पार्टियां पूरी तरह से जुट गई है । ऐसे में सियासी गलियारों में आरएलपी अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल के लिए बुरी खबर निकलकर सामने आई है । दरअसल, लोकसभा चुनावों के समय उम्मेदाराम बेनीवाल ने इस्तीफा देकर कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन कर ली थी । जिसके बाद वे जैसलमेर-बाड़मेर से सांसद चुने गए थे । ऐसे में अब बेनीवाल के बाद एक और आरएलपी नेता ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है । लिहाजा कुछ दिनों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर हनुमान बेनीवाल को तगड़ा नुकसान उठाना पड़ गया है । बता दें कि सचिन पायलट की मौजूदगी में आरएलपी के इस नेता ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की । ऐसे में अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर किस आरएलपी नेता ने कांग्रेस का हाथ थामा है ?, इसी को लेकर खबर में हम आपको बताने वाले हैं । 

आनंदीराम खटीक ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से दिया इस्तीफा 
आने वाले कुछ दिनों में राजस्थान में 6 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं । ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के साथ ही हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक भी इसकी तैयारियों में जोर शोर से जुटी हुई है । बता दें कि हनुमान बेनीवाल लोकसभा चुनाव में नागौर लोकसभा सीट से जीत हासिल की हैं, ऐसे में उनके सांसद बनने के बाद उनकी विधानसभा सीट खींवसर भी खाली हो गई है । वहीं पहले सियासी गलियारों में कयास लगाए जा रहे थे कि लोकसभा चुनाव की तरह हनुमान बेनीवाल उपचुनाव में भी कांग्रेस से गठबंधन कर सकते हैं, लेकिन हनुमान बेनीवाल ने इन कयासों पर विराम लगाते हुए पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने का दावा किया है । लेकिन इन उपचुनावों से पहले हनुमान बेनीवाल को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है । दरअसल, बेनीवाल के करीबी और पार्टी सदस्य आनंदी राम खटीक ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से इस्तीफा दे दिया है । जयपुर में कांग्रेस नेता सचिन पायलट से मुलाकात के बाद यह फैसला लिया गया ।  

पिछले विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस से नाराज थे आनंदीराम 
आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में आनंदी राम खटीक ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, क्योंकि वो कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से नाराज थे । जिसके बाद उन्होंने आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल से मुलाकात कर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और आरएलपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा। आनंदी राम खटीक ने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कपासन विधानसभा क्षेत्र के कई दौरे किए। वर्ष 2018 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि चुनाव परिणामों में आनंदी राम खटीक भाजपा प्रत्याशी अर्जुन लाल जीनगर से करीब 7 हजार वोटों से हार गए थे। उस समय आरएलपी से चुनाव लड़े शांति लाल को करीब 27 हजार वोट मिले थे। 2018 का चुनाव हारने के बाद भी आनंदी राम कपासन क्षेत्र में सक्रिय रहे। वहीं, 2023 के विधानसभा चुनाव में गुटबाजी के चलते आनंदी का टिकट कांग्रेस ने काट दिया। उनकी जगह पूर्व विधायक शंकर लाल बैरवा को टिकट दिया गया। कांग्रेस से टिकट कटने के बाद आनंदी राम ने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। 

पायलट खेमे से आते हैं आनंदीराम खटीक 
वहीं रातों-रात उन्होंने आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल से मुलाकात कर आरएलपी की सदस्यता ग्रहण कर ली और कपासन विधानसभा से आरएलपी के टिकट पर चुनाव लड़ा। कांग्रेस के बागी होने के कारण आनंदी राम को 6 साल के लिए कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि 2023 के विधानसभा चुनाव परिणाम में उन्हें 29 हजार से ज्यादा वोट मिले, लेकिन यहां आनंदी राम खटीक तीसरे नंबर पर रहे। वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान भी कयास लगाए जा रहे थे कि आनंदी राम खटीक कांग्रेस में जा सकते हैं। आनंदी राम खटीक पायलट खेमे के बताए जाते हैं। आखिर दो-तीन दिन पहले ही उन्होंने जयपुर में सचिन पायलट से मुलाकात की और आरएलपी सुप्रीमो को अपना इस्तीफा भेजा। पायलट से मुलाकात के दौरान विधायक मुकेश भाकर, पूर्व विधायक सुशील पारीक और वेद प्रकाश सोलंकी मौजूद रहे। 

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हनुमान बेनीवाल के करीबी उम्मेदराम बेनीवाल भी आरएलपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर बाड़मेर जैसलमेर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। ​​वहीं उपचुनाव से ठीक पहले आनंदीराम का आरएलपी छोड़ना हनुमान बेनीवाल के लिए बड़ा नुकसान साबित हो सकता है।

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