Edited By Kailash Singh, Updated: 11 Nov, 2024 04:16 PM
जयपुर | राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार का अंतिम दौर बेहद जोरदार हो गया है। मतदान 13 नवंबर को होगा और इसके परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, भाजपा, कांग्रेस, आरएलपी और...
जयपुर | राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार का अंतिम दौर बेहद जोरदार हो गया है। मतदान 13 नवंबर को होगा और इसके परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, भाजपा, कांग्रेस, आरएलपी और बीएपी समेत सभी पार्टियों ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अंतिम दिनों में प्रत्याशियों के समर्थन में बड़े नेताओं की रैलियों और चुनावी सभाओं की संख्या में भी तेजी आई है। पिछले दो तीन दिन से प्रचार की गति काफी तेज हो गई है। सभी राजनैतिक दलों के नेता अपने प्रत्याशी के समर्थन में लगातार रैलियां, चुनावी सभाएं और रोड शो करके समर्थन मांगने में जुटे हैं। नेताओं के बीच जमकर बयानों के तीर चलाए जा रहें है।
इस बीच बीजेपी नेता सतीश पूनिया का बयान "बटेंगे तो कटेंगे" इन चुनावों के दौरान विवाद का केंद्र बन गया है। इस पर कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने नाराजगी जाहिर की है। जूली का कहना है कि भाजपा अपने बयानों से समाज में डर और नफरत फैलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने इस बयान को लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ बताते हुए चुनाव आयोग से इस पर कार्रवाई की मांग की है। जूली ने कहा कि भाजपा प्रदेश में सातों विधानसभा सीट उप-चुनाव में हारने जा रही है, इससे भाजपा विचलित हो गई है और भाजपा नेता प्रदेश में घृणा और भय पैदा करने पर उतर आये हैं. मतदाताओं को भयभीत और गुमराह करने की कोशिश की जा रही है."नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, "जनता के बीच घृणा और भय फैलाने वाले बयान पर चुनाव आयोग को खुद संज्ञान लेना चाहिए था. टोंक जिला प्रशासन को ऐसे भड़काऊ भाषण पर सतीश पूनिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना चाहिए था. लेकिन, प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है."नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, "लोकतंत्र में चुनाव विचारधारा के आधार पर और विकास के मुद्दे पर लड़े जाते हैं. लेकिन, भाजपा सिर्फ घृणा और भय पैदा करके समाज को बांटने वाली राजनीति करना जानती है.
भाजपा के पास विकास का कोई दर्शन नहीं है."जूली ने कहा, "प्रदेश की जनता जागरूक है. वह बीजेपी की घृणास्पद राजनीति के झांसे में नहीं आएगी. लेकिन, ऐसे घृणास्पद नारे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है, इसलिए चुनाव आयोग संज्ञान लेकर कार्रवाई करे. बतादें राजस्थान की सात विधानसभा सीटों झुंझुनूं, दौसा, देवली उनियारा, खींवसर, चौरासी और सलूंबर के लिए उपचुनाव होने हैं। इन सभी विधानसभा क्षेत्रों में कुल 69 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। दौसा और खींवसर में सर्वाधिक 12-12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है जबकि सबसे कम 6 प्रत्याशी सलूंबर में किस्मत आजमा रहे हैं। चौरासी और रामगढ़ में 10-10 प्रत्याशी जबकि झुंझुनूं में 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। मतदान 13 नवंबर को होगा और 23 नवंबर को मतगणना होगी।