PTI भर्ती-2022: फर्जी डिग्री घोटाले में सरकार की सख्ती, JS यूनिवर्सिटी के कुलपति समेत कई गिरफ्तार

Edited By Raunak Pareek, Updated: 12 Mar, 2025 03:22 PM

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हाल ही में उत्तर प्रदेश की जेएस यूनिवर्सिटी, शिकोहाबाद से जुड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, जिसके बाद एसओजी ने यूनिवर्सिटी के कुलपति सुकेश कुमार, रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा और दलाल अजय भारद्वाज को गिरफ्तार किया।

राजस्थान में पीटीआई भर्ती-2022 में फर्जी डिग्रियों के जरिए नौकरी पाने के मामले पर सरकार लगातार सख्त रुख अपनाए हुए है। हाल ही में उत्तर प्रदेश की जेएस यूनिवर्सिटी, शिकोहाबाद से जुड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, जिसके बाद एसओजी ने यूनिवर्सिटी के कुलपति सुकेश कुमार, रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा और दलाल अजय भारद्वाज को गिरफ्तार किया। इन पर आरोप है कि इन्होंने पीटीआई भर्ती के लिए बैकडेट में फर्जी डिग्रियां जारी कर उम्मीदवारों को नौकरी दिलवाई।

134 पीटीआई बर्खास्त, JS यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री का बड़ा घोटाला

शिक्षा विभाग ने पीटीआई भर्ती-2022 में फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने वाले 134 पीटीआई को बर्खास्त कर दिया। इन बर्खास्त उम्मीदवारों में से 73 के पास केवल JS यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री थी। 50 में से 28 जिलों में इन फर्जी डिग्रियों के आधार पर उम्मीदवारों ने सरकारी नौकरी भी प्राप्त कर ली थी।

JS यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री से कहां-कहां हुई भर्ती?

JS यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री के आधार पर कई जिलों में भर्ती हुई थी। सबसे अधिक ब्यावर में 9 और धौलपुर में 7 उम्मीदवारों ने फर्जी डिग्री के जरिए नौकरी प्राप्त की। इसके अलावा अलवर, बाड़मेर, भरतपुर, दौसा और करौली में 4-4 फर्जी डिग्री धारकों की भर्ती हुई। बालोतरा, बीकानेर, सांचौर, नीम का थाना, जोधपुर, सवाई माधोपुर और सीकर में 3-3 उम्मीदवारों ने इस फर्जीवाड़े के तहत नौकरी हासिल की। वहीं, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद में 2-2 उम्मीदवारों की भर्ती हुई। इसके अलावा जयपुर शहर, फलौदी, गंगापुर सिटी, कोटा, पाली और टोंक में 1-1 उम्मीदवार फर्जी डिग्री के आधार पर चयनित हुए।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

•        भर्ती आवेदन में उम्मीदवारों ने ‘रिजल्ट अवेटिंग’ या ‘अपेयरिंग’ लिखा।

•        भर्ती का परिणाम आने के बाद बैकडेट में फर्जी डिग्री हासिल कर ली।

•        दस्तावेज सत्यापन के दौरान 2019 का उत्तीर्ण वर्ष और रोल नंबर तक दर्ज कर दिया।

•        सत्यापन में डेटा मिसमैच हुआ, जिससे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

•        जब विभाग ने नोटिस भेजा, तो उम्मीदवार संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।

•        फर्जी डिग्री मानते हुए सरकार ने नियुक्ति रद्द कर दी।

बेरोजगार यूनियन ने सत्यापन टीमों पर भी जांच की मांग की

राजस्थान बेरोजगार यूनियन के अध्यक्ष हनुमान किसान ने मांग की है कि फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वाले उम्मीदवारों के साथ-साथ दस्तावेज सत्यापन करने वाली टीमों पर भी कार्रवाई हो। उनका कहना है कि बिना अंदरूनी मिलीभगत के इतने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा संभव नहीं था।

सरकार का कड़ा रुख: आगे क्या?

सरकार अब इस घोटाले में और गहन जांच की तैयारी में है। अन्य विश्वविद्यालयों से ली गई फर्जी डिग्रियों की भी जांच जारी है। एसओजी द्वारा मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि फर्जी तरीके से नौकरी पाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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