Edited By Shruti Jha, Updated: 23 Jul, 2025 10:55 AM

प्रदेश में छात्रसंघ चुनावों की बहाली की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। इसी कड़ी में अब भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) भी मैदान में उतर आया है। NSUI ने अपनी इस मुहिम का आगाज राजस्थान की सांस्कृतिक और राजनीतिक राजधानी जोधपुर से किया, जहां उन्होंने...
छात्रसंघ चुनाव की मांग तेज: NSUI ने जोधपुर से शुरू की 'चेतना रैली', सनातन प्रतीकों संग अनोखा प्रदर्शन
जोधपुर, राजस्थान: प्रदेश में छात्रसंघ चुनावों की बहाली की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। इसी कड़ी में अब भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) भी मैदान में उतर आया है। NSUI ने अपनी इस मुहिम का आगाज राजस्थान की सांस्कृतिक और राजनीतिक राजधानी जोधपुर से किया, जहां उन्होंने जिला कलेक्टर को छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। इस प्रदर्शन में NSUI के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी के नेतृत्व में प्रदर्शन
यह महत्वपूर्ण ज्ञापन NSUI के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी के नेतृत्व में सौंपा गया। चौधरी ने छात्रों की मांगों को पुरजोर तरीके से रखते हुए कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में छात्र संघ चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये छात्रों को नेतृत्व कौशल विकसित करने और अपनी आवाज उठाने का मंच प्रदान करते हैं। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द छात्रसंघ चुनावों की घोषणा करने की अपील की।
सनातन प्रतीकों के साथ 'चेतना रैली'
इस प्रदर्शन को 'चेतना रैली' का नाम दिया गया, जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। रैली में NSUI कार्यकर्ताओं ने भगवान शिव, माता पार्वती और हनुमान जी के कटआउट्स के साथ प्रदर्शन किया। इस अनूठे प्रदर्शन के पीछे NSUI का तर्क था कि राजस्थान की भाजपा सरकार खुद को 'सनातन सरकार' बताती है। ऐसे में NSUI सनातन धर्म के इन पूज्य प्रतीकों के माध्यम से सरकार में छात्रसंघ चुनाव के प्रति 'चेतना' लाना चाहती है। उनका मानना है कि जब सरकार सनातन मूल्यों की बात करती है, तो उसे लोकतांत्रिक मूल्यों का भी सम्मान करना चाहिए, जिसमें छात्र संघ चुनाव एक अभिन्न अंग हैं।
राजस्थान यूनिवर्सिटी में भी उठे थे स्वर
गौरतलब है कि छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर यह पहला बड़ा प्रदर्शन नहीं है। इससे पहले, राजस्थान यूनिवर्सिटी में भी छात्र राजनीति से निकलकर मुख्यधारा की राजनीति में शामिल हुए नेताओं के कटआउट्स लगाकर विरोध प्रदर्शन किया गया था। यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार के बाहर हुए इस प्रदर्शन ने भी छात्रों की एकजुटता और उनकी मांगों को उजागर किया था।
राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव पर प्रतिबंध के बाद से छात्रों में गहरा असंतोष है। उनका मानना है कि चुनाव छात्रों को अपनी समस्याओं को प्रभावी ढंग से उठाने और कैंपस में लोकतांत्रिक माहौल बनाए रखने का अवसर देते हैं। अब NSUI के इस अनोखे और बड़े प्रदर्शन से उम्मीद है कि सरकार पर दबाव बढ़ेगा और छात्रसंघ चुनावों की बहाली की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जाएगा। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस बढ़ती मांग पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या प्रदेश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रसंघ चुनावों की वापसी हो पाती है।