Edited By Shruti Jha, Updated: 19 Jul, 2025 02:25 PM

जयपुर, राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव बहाली की मांग को लेकर आंदोलन तेज हो गया है. शुक्रवार को राजस्थान यूनिवर्सिटी में एक छात्र ने जमीन में गड्ढा खोदकर सांकेतिक रूप से 'जमीन समाधि' ली, जबकि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने रैली निकालकर अपना विरोध...
छात्रसंघ चुनाव बहाली के लिए अनोखा प्रदर्शन: छात्र जमीन समाधि में बैठा, SFI ने निकाली रैली
जयपुर, राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव बहाली की मांग को लेकर आंदोलन तेज हो गया है. शुक्रवार को राजस्थान यूनिवर्सिटी में एक छात्र ने जमीन में गड्ढा खोदकर सांकेतिक रूप से 'जमीन समाधि' ली, जबकि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने रैली निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया.
गजराज सिंह राठौड़ ने ली सांकेतिक 'जमीन समाधि'
छात्र नेता गजराज सिंह राठौड़ ने छात्रसंघ चुनाव बहाली की मांग को लेकर राजस्थान यूनिवर्सिटी परिसर में एक गड्ढे में सांकेतिक रूप से समाधि ली. उनका कहना था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने छात्रसंघ चुनाव बंद करके युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया है. उन्होंने भजनलाल सरकार से चुनाव फिर से शुरू करने की अपील की. राठौड़ ने बताया कि युवा गांधीवादी तरीके से अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहते थे, लेकिन जब लंबे समय तक उनकी जायज मांग पूरी नहीं हुई, तो उन्होंने यह तरीका अपनाया. हालांकि, यूनिवर्सिटी प्रशासन की समझाइश के बाद राठौड़ कुछ ही देर में गड्ढे से बाहर आ गए.
SFI ने निकाली विरोध रैली
इसी क्रम में, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने भी छात्रसंघ चुनाव बहाल करने की मांग को लेकर राजस्थान यूनिवर्सिटी में जोरदार प्रदर्शन किया. SFI के बैनर तले बड़ी संख्या में छात्रों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में रैली निकाली.
SFI के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र ने जोर देकर कहा कि छात्रसंघ चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा हैं, जो छात्रों को अपनी आवाज उठाने का मंच प्रदान करते हैं. उन्होंने छात्रसंघ चुनाव बंद करने को युवाओं के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया. विजेंद्र ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने समय रहते उनकी मांगें पूरी नहीं कीं, तो भविष्य में और भी उग्र आंदोलन किए जाएंगे. इस प्रदर्शन में प्रदेश सचिव मुकेश मोहनपुरिया, प्रदेश उपाध्यक्ष कपिल राव, पंकज गुर्जर, फाल्गुन भराड़ा, प्रदीप बुरडक, अनुराग, राजकुमार वर्मा और विक्रम नेहरा सहित बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे.