Edited By Anil Jangid, Updated: 04 Nov, 2025 03:55 PM

राजस्थान में पशुपालकों को जरा सावधन हो जाने की जरूरत है क्योकि भेड़-बकरियों में रहस्यमयी बीमारी फैल रही है जिसके उनकी जान जा रही है. हाल ही में जालौर जिले के आहोर और जालौर उपखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों में भेड़-बकरियों की रहस्यमयी तरीके से जाने गई...
जयपुर। राजस्थान में पशुपालकों को जरा सावधन हो जाने की जरूरत है क्योकि भेड़-बकरियों में रहस्यमयी बीमारी फैल रही है जिसके उनकी जान जा रही है. हाल ही में जालौर जिले के आहोर और जालौर उपखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों में भेड़-बकरियों की रहस्यमयी तरीके से जाने गई हैं जिसके चलते पशुपालकों की चिंता बढ़ गई है. पिछले एक महीने में अब तक करीब 1500 से अधिक भेड़-बकरियों की जान जा चुकी है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर मामला क्या है।
रहस्यमयी बीमारी के चलते भेड़-बकरियों की जान जाने के पीछे के कारणों का पता पशुपालन विभाग बीमारी की सटीक पहचान नहीं कर सका है. विभागीय जांच टीमें गांवों में जाकर सैंपल तो ले चुकी हैं, लेकिन अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई हैं. जोधपुर से पहुंची पशु चिकित्सा टीम ने ब्लड सैंपल लिए थे, मगर रिपोर्ट अब तक नहीं पहुंची. जिसके चलते बीमारी की पुष्टि नहीं हो सकी है और उपचार भी शुरू नहीं हो पाया है. स्थानीय विधायक ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच कर प्रभावी उपचार शुरू करें, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है.
जालौर के मायालावास, मेडा उपरला, निचला मेडा, सहित कई गांवों में स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है. कुछ पशुपालकों की 50 से अधिक भेड़ों में से 20–30 की मौत हो चुकी है. जिनके पास 100 भेड़ें थीं, उनमें से 50 से ज्यादा मर चुकी हैं. कई जगह छोटे-छोटे मेमने ही जीवित बचे हैं और उनके झुंड लगभग खत्म हो गए हैं. पशुपालकों का कहना है कि विभाग और सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे, जिससे बीमारी लगातार फैलती जा रही है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही जांच रिपोर्ट और उपचार की दिशा तय नहीं हुई, तो जिले के पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा.