जेडीए सचिव ने ली समीक्षा बैठक: लंबित प्रकरणों को शून्य करने के निर्देश

Edited By Shruti Jha, Updated: 24 Jul, 2025 06:52 PM

jda secretary took review meeting instructions to clear pending cases

जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के सचिव निशांत जैन की अध्यक्षता में गुरुवार को मंथन सभागार में समस्त प्रकोष्ठों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा और जयपुर विकास आयुक्त आनंदी के मार्गदर्शन में हुई...


जेडीए सचिव ने ली समीक्षा बैठक: लंबित प्रकरणों को शून्य करने के निर्देश

जयपुर, 24 जुलाई 2025: जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के सचिव निशांत जैन की अध्यक्षता में गुरुवार को मंथन सभागार में समस्त प्रकोष्ठों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा और जयपुर विकास आयुक्त आनंदी के मार्गदर्शन में हुई इस बैठक में लंबित प्रकरणों के शीघ्र और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण पर जोर दिया गया।


लंबित प्रकरणों के निस्तारण पर विशेष ध्यान

बैठक में 'डीटीएस' (Development Tracking System), 'मुख्यमंत्री जनसुनवाई मॉनिटरिंग सिस्टम', 'लोकायुक्त' और 'मानव अधिकार आयोग' से जुड़े लंबित प्रकरणों के त्वरित समाधान के निर्देश दिए गए। सचिव जैन ने विशेष रूप से 'संपर्क पोर्टल' और 'डीटीएस' पर 60 दिवस से अधिक समय से लंबित प्रकरणों के संतोषजनक समाधान की आवश्यकता पर बल दिया।

जैन ने 'लाइट्स (कोर्ट केस)' के तहत विभिन्न माननीय न्यायालयों में लंबित प्रकरणों की तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार कर शीघ्र उत्तर प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने-अपने प्रकोष्ठों की 'साप्ताहिक समीक्षा प्रत्येक सोमवार' को अनिवार्य रूप से करने को कहा, ताकि प्रारंभिक स्तर पर ही पेंडेंसी को नियंत्रित किया जा सके। जेडीए सचिव ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रदत्त निर्देशों की 'त्वरित एवं सतत मॉनिटरिंग' सुनिश्चित करने पर भी विशेष बल दिया।


 

ऑनलाइन सेवाओं और योजना हस्तांतरण पर संतोष व निर्देश

बैठक में 'नागरिक सेवा केंद्र' के माध्यम से जेडीए के ऑनलाइन पोर्टल पर आमजन को प्रदान की जा रही सेवाओं - जैसे 'लीजहोल्ड', 'नामांतरण', 'लीज मुक्ति प्रमाणपत्र', 'उपविभाजन/पुनर्गठन' आदि - के समयबद्ध समाधान पर संतोष व्यक्त किया गया। उन्होंने इन सेवाओं के निरंतर गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के साथ '90ए से संबंधित प्रकरणों' को भी समयबद्ध रूप से निपटाने के निर्देश दिए।

सचिव ने यह भी निर्देशित किया कि जिन योजनाओं में नियमन व विकास कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं, उन 'योजनाओं को नगर निगम जयपुर को शीघ्र हस्तांतरित' करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि कुल 1409 योजनाओं का नगर निगम को हस्तांतरित किया जाना प्रस्तावित है। इन योजनाओं से संबंधित कुल 13800 पत्रावलियों को नगर निगम को अग्रेषित किया जाना है। यह कदम शहरी विकास में सुगमता लाने और निकायों के बीच समन्वय बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

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