बूंदी किसान ललकार सभा में डोटासरा का हमला : स्मार्ट मीटर चोर-गद्दी छोड़, कांग्रेस किसानों के साथ

Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 28 Aug, 2025 07:48 PM

dotasara s attack in bundi kisan lalkaar sabha

जयपुर । बून्दी जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा जिला मुख्यालय पर आयोजित किसान ललकार सभा में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, कांग्रेस विधायक, विधायक प्रत्याशी, सांसद प्रत्याशी सहित बड़ी संख्या में...

जयपुर । बून्दी जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा जिला मुख्यालय पर आयोजित किसान ललकार सभा में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, कांग्रेस विधायक, विधायक प्रत्याशी, सांसद प्रत्याशी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता एवं कार्यकर्ता शामिल हुए। इस अवसर पर हजारों की संख्या में उपस्थित किसानों एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि बून्दी जिले से तीन सीटों पर कांग्रेस विधायकों को चुन कर विधानसभा भेजने वाले अन्नदाता किसान आज प्रदेश की भाजपा सरकार के शासन में दुःख एवं तकलीफ का सामना कर रहे है जिस कारण बून्दी में आयोजित यह किसान ललकार सभा के माध्यम से सरकार को चेतावनी देने का कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता में किसानों का हित है लेकिन जो सरकार प्रदेश में चल रही है उसकी योजनाओं के केन्द्र में किसानों का हित नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने किसानों का राज्य सहकारी बैंकों का ऋण माफ किया था लेकिन भाजपा के नेता दुष्प्रचार कर रहे थे कि यदि भाजपा सरकार में आयी तो किसानों का राष्ट्रीयकृत बैंकों का कर्जा भी माफ करवा दिया जाएगा लेकिन वास्तविकता यह है कि आज किसान परेशान है और उनका ना तो केन्द्रीय सहकारी बैंकों का कर्जा माफ किया जा रहा है और ना ही राष्ट्रीयकृत बैंकों का कर्जा माफ हो रहा है, ना किसानों को फसल खराबें का मुआवजा मिल रहा है, ना किसानों को बिजली मिल रही है और ना ही किसानों को शुद्ध पेयजल मिल रहा है, बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल में अध्यापक नहीं मिल रहे है और तो और अगस्त का महीना समाप्त हो गया लेकिन किसान के बच्चों को स्कूल में बैठने के लिए सुरक्षित भवन तक नहीं उपलब्ध हो रहे है और सरकार किताबें तक उपलब्ध नहीं करवा रही है, यह किसान के साथ अन्याय है। चुनाव आते हैं तो भाजपा के लोग बड़े-बड़े वादे करते है लेकिन  जब किसान को सरकार की सहायता की आवश्यकता पड़ी तो सरकार कहीं खड़ी नजर नहीं आ रही है। देश में जब यूपीए की सरकार थी तो राईट टू एज्यूकेशन कानून लागू कर सभी गरीबों के बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा देने का प्रावधान किया गया था। यूपीए सरकार ने मनरेगा लागू कर सभी को रोजगार देने का अधिकार लागू किया था। 

डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 72 हजार करोड़ का किसानों का कर्जा माफ करने का ऐतिहासिक कार्य किया था। यूपीए सरकार के शासन में ही खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू हुआ और हर गरीब को एक-दो रुपये में खाद्यान्न देकर पेट भरने का कार्य किया गया था। भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के नौजवानों को रोजगार के नाम पर ठगने का काम किया है आज तक एक भर्ती निकाल कर नौकरी नहीं दी, किसानों को आज तक मुआवजा नहीं दिया, स्कूलों में शिक्षक भर्ती कर अध्यापक नहीं लगाये, दुर्भाग्य है कि झालावाड़ में भाजपा सरकार की नाकामी और गलती के कारण गरीब आदिवासियों के सात बच्चें अपनी जान गंवा बैठे, उनके हालचाल पूछने और उन पीड़ित परिवारों से मिलकर सांत्वना देने के लिए आज तक पर्ची से मुख्यमंत्री बने भजनलाल झालावाड़ नहीं गए। बहुत ही दुःख की बात है कि मुख्यमंत्री तो पीड़ित परिवारों से नहीं मिलने गए लेकिन शिक्षा मंत्री भी नहीं गए जो निकटवर्ती क्षेत्र से ही आते है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार नहीं सर्कस चल रहा है। आज जब प्रदेश के लोग परेशानी में है, पीड़ित है, अतिवृष्टि के कारण लोगों के मकान ढह रहे है, मौत हो रही है, पशु मर रहे है, खेत में फसलें बर्बाद हो रही है ऐसे समय में किसानों की ओर से यह ललकार करने वाले विधायक अशोक चांदना तथा कांग्रेस पार्टी ही है, क्योंकि कांग्रेस के दिल में किसानों और गरीबों के लिए दर्द है और कांग्रेस पार्टी ही किसानों की पीड़ा समझती है। उन्होंने कहा कि किसानों के शरीर से यदि पसीनें की यदि एक बून्द निकले तो हमारे आंख से लहू छलकेगा। उन्होंने कहा कि किसान आश्वास्त रहे कि कांग्रेस उनके साथ हर सुख-दुःख में खड़ी है और आने वाले समय में देश की सत्ता से मोदी सरकार को हटाएंगे, साथ ही प्रदेश से पर्ची सरकार को भी हटाने का कार्य प्रदेश का किसान और नौजवान करेगा। 

उन्होंने कहा कि आज माननीय न्यायालय द्वारा एसआई भर्ती-2021 निरस्त करने का निर्णय पारित हुआ है जो दर्शाता है कि पिछले पौने दो साल से प्रदेश की भाजपा सरकार स्वयं कोई निर्णय ले नहीं सकी और दिल्ली से पर्ची आने का इंतजार करते रहे, पूरा मंत्रिमण्डल धड़ों में बंटा हुआ है, मुख्यमंत्री भजनलाल और मंत्री किरोड़ी मीणा विपरीत दिशाओं में चल कर खींचतान कर रहे है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अलग दिशा में चल रहे है अन्य कैबिनेट मंत्री और ही दिशा में जा रहे है जिससे डबल इंजन की सरकार का इंजन ही सीज हो गया और केवल धुआं छोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि किसान अतिवृष्टि से हताहत है खुद आपदा राहत मंत्री किरोड़ी मीणा ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण 80 से ज्यादा मौतें हो गई, किसानों की फसल बर्बाद हो गई, घर और पशुधन की हानि हो गई ऐसे में आपदा से राहत के लिए विशेष पैकेज की घोषणा होनी चाहिए। यदि सरकार के मुखिया की आंख में जरा सी शर्म बाकी है तो उन्हें तुरन्त आपदा से ग्रस्त जनता के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए अन्यथा प्रदेश के किसान ऐसी हुंकार भरेगा कि भाजपा का कहीं नामोनिशान नहीं मिलेगा। मुख्यमंत्री किसानों व जनता के दिए टैक्स के पैसे से हैलीकॉप्टर में घूमते है लेकिन झालावाड़ में सात बच्चों की मौत होने पर भी नहीं पहुंचते, वहीं झुंझुनूं के किसान पुत्र सुरेन्द्र मोघा ऑपरेशन सिन्दूर में शहीद हो गए मुख्यमंत्री वहां भी नहीं पहुंचे। 80 से ज्यादा किसानों की मौत अतिवृष्टि से हो गई लेकिन मुख्यमंत्री उनके यहां जाना तो दूर सांत्वना के लिए सोशल मीडिया पर बयान तक जारी नहीं करते है। उन्होंने प्रश्न किया कि क्या प्रदेश में ऐसी सरकार होनी चाहिए? क्या ऐसी सरकार को हटाना चाहिए? तो लोगों ने समर्थन में अपने हाथ खड़े कर सहमति प्रदान की। उन्होंने कहा कि नाराज किसान का सामना करने की हिम्मत भाजपा में नही है और बेशर्मी इतनी कि अतिवृष्टि से हताहत किसानों की सांत्वना में एक शब्द भाजपा के नेता नहीं बोल रहे है। 

भाजपा के नेता तो आपस में ही लड़ने में लगे हुए है, मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और जवाहर बेढम हैलीकॉप्टर से तो दौरा कर गए लेकिन जमीन पर उतर कर किसी परेशान किसान के पास नहीं गए क्योंकि आपस एक-दूसरे से आंख तक नहीं मिलाते हैं ऐसे में वो किसानों का क्या भला करेंगे। बून्दी का प्रभारी मंत्री अथवा अन्य कोई वरिष्ठ भाजपा नेता आज तक बून्दी में किसानों के आंसू पोंछने नहीं आया है क्योंकि मंत्री तो बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने वाले है उनके लिए नारा है ‘‘स्मार्ट मीटर चोर-गद्दी छोड़’’ राजस्थान की जनता की गाढ़ी कमाई का 14 हजार करोड़ रुपये का चूना स्मार्ट मीटर के नाम पर भाजपा सरकार लगा रही है। 9 से 10 हजार रुपये का स्मार्ट मीटर आता है ऐसे मीटर की किसे जरूरत है, यदि यह पैसा किसान को दे दिया जाएं तो किसान का भला होगा। इसी स्मार्ट मीटर की चोरी को लेकर बिहार का एक आईएएस 60 करोड़ रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था और स्मार्ट मीटर की चोरी में कोटा संभाग के भाजपा सरकार के मंत्री और केन्द्र की सत्ता में बैठे हुए लोग शामिल है। आवश्यकता यह है कि अब सारे किसान भाजपा सरकार को चुनौती देकर कहें कि किसी किसान के घर पर स्मार्ट मीटर नहीं लगेगा। यदि सरकार जोर-जबरदस्ती करे और पुलिस को आगे करें तो कांग्रेस के नेता किसानों के साथ खड़ें होंगे यह आश्वस्त करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एक मीटर पहले से किसान के लगा हुआ है ऐसे में दूसरा मीटर कैसे लगाया जा रहा है। 

गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि किसानों के फसल खराबें का मुआवजा लेकर रहेंगे, स्मार्ट मीटर नहीं लगने देंगे, अतिवृष्टि से जो नुकसान किसान का हुआ है उसकी भरपाई सरकार से करवा कर रहेंगे, नौजवानों को नौकरी दिलवा कर रहेंगे। कांग्रेस पार्टी सदैव किसानों, गरीबों के दुःख में उनके साथ खड़ी है तथा आमजन को सरकार से अधिकार दिलवाने के लिए सदन से सड़क तक लड़ाई लड़ेगी। 

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