Edited By Kailash Singh, Updated: 20 Aug, 2025 05:17 PM

पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. राजीव गॉंधी की जयंती के अवसर पर आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, जयपुर पर पुष्पांजलि कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित...
राजीव गांधी की जयंति पर कांग्रेस ने आयोजित की स्वराज बचाओ रैली
जयपुर, 20 अगस्त। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. राजीव गॉंधी की जयंती के अवसर पर आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, जयपुर पर पुष्पांजलि कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित अनेक कांग्रेसजनों ने स्व. श्री राजीव गॉंधी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी पुष्पांजलि दी।
प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा चुनाव तिथियां घोषित नहीं किये जाने के विरोध में तथा पंचायती राज संस्थाओं एवं निकायों के चुनाव की तिथि घोषित करवाने की मांग को लेकर आज राजीव गॉंधी पंचायती राज संगठन द्वारा स्वराज बचाओ रैली आयोजित की गई। रैली में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित कांग्रेस विधायक, विधायक प्रत्याशी एवं बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता शामिल हुये।
इस अवसर पर उपस्थित मीडिया को सम्बोधित करते हुये प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि देश को 21वीं सदी में ले जाने के लिये कम्प्यूटर क्रांति लाकर भारत को विश्व के अग्रणी देशों की श्रेणी में पहुंचाने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. राजीव गॉंधी को जाता है, उनकी जयंती पर आज कृतज्ञ राष्ट्र भावभीनी श्रृद्धांजलि प्रदान कर रहा है। स्व. राजीव गॉंधी के वीजन के कारण ही आज देश में आईटी की क्रांति आई है और कम्प्यूटर व मोबाईल उन्हीं की देन है, 18 साल के नौजवान को वोट का अधिकार स्व. राजीव गॉंधी ने दिया, नई एज्यूकेशन पॉलिसी लागू की, देश में नगर निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव समय पर हो इसके लिये संविधान में 73वॉं व 74वॉं संशोधन कर प्रावधान किया कि सभी नगर निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव हर पॉंच वर्ष में करवाये जायें तथा स्थानीय सरकार में महिलाओं के आरक्षण का भी प्रावधान उन्होंने ही दिया और आज पूरा देश उनके इस वीजन का लाभ प्राप्त कर रहा है। भारत का मान-सम्मान विश्व में बढ़ाया और प्रगति के पथ पर देश को आगे ले जाने का उनका वीजन आज पूरा देश कृतज्ञता के साथ याद करता है।
डोटासरा ने कहा कि दुर्भाग्य से आज देश की सत्ता में ऐसी ताकतें बैठी हैं जो संविधान को नहीं मानते, खुलेआम संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं, विपक्ष का अनादर करते हैं और लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के द्वारा संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन किये जाने का सबसे ज्वलंत उदाहरण यह है कि संविधान के 73वें व 74वें संशोधन के पश्चात् लोकसभा एवं विधानसभा की भांति पंचायती राज एवं स्थानीय निकायों के चुनाव हर पॉंच वर्ष में होना आवश्यक है, उसकी राजस्थान में अवेहलना कर धज्जियां उड़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा विभिन्न मंचों से भाजपा द्वारा संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन कर नगर निकाय व पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव पॉंच का कार्यकाल पूर्ण होने के पश्चात् भी नहीं करवाने के मुद्दे को उठाया और सरकार को आगाह किया था और अब माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा सरकार की खिंचाई की गई और विचार व्यक्त किये है कि भारत निर्वाचन आयोग तथा राज्य चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेजनी चाहिये और जॉंच होनी चाहिये कि स्थानीय निकाय और पंचायतों का पॉंच वर्ष का कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व वोटर लिस्ट क्यों नहीं तैयार हुई और परिसीमन का कार्य पूर्ण क्यों नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के चुने हुये जनप्रतिनिधियों को अलोकतांत्रिक तरीके से पद से हटाने की कार्यवाही भाजपा कर रही है, किसी मुद्दे पर दायर रिट के तहत् माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा यह निर्णित किया गया है कि अविलम्ब चुनाव करवाकर लोकतंत्र बहाल हो। उन्होंने कहा कि भाजपा नहीं चाहती है कि स्थानीय विकास हेतु लोगों को जनमत से पंचायती राज और स्थानीय निकायों का जनप्रतिनिधि चुना जाये और प्रदेश का विकास हो। इसीलिये इन चुनावों को टालने का कार्य भाजपा कर रही है, क्योंकि इन चुनावों के माध्यम से चुने गये स्थानीय सरकार के जनप्रतिनिधि लोगों की आवाज बनकर उनके कल्याण के लिये कार्य करते। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार पर्ची से गठित हुई और अब यह सरकार भी हर निर्णय लेने के लिये केन्द्र से पर्ची आने का इंतजार करती है और स्वविवेक से जनकल्याण के लिये कोई भी निर्णय सरकार द्वारा नहीं लिया जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जानबूझकर बहुत ही विलम्ब के साथ ओबीसी आयोग का गठन किया है जिसकी रिपोर्ट प्राप्त होने में समय लगेगा और ऐसे में माननीय उच्चतम न्यायालय के पारित निर्णय के अनुसार ओबीसी वर्ग को दिये जाने वाले आरक्षण रिपोर्ट के अभाव में लागू होना सम्भव नहीं है, इसीलिये नगर निकायों व पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव निकट समय में करवाया जाना सम्भव नहीं लग रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के पास एक पर्ची आई और अन्य सेवाओं से चार का चयन आईएएस सेवा के लिये किया गया जबकि 18 लोगों के आवेदन थे, 17 ने इन्टरव्यू दिया, पहले दिन 9 लोगों का इन्टरव्यू 7 घण्टे चला, क्योंकि चुने गये लोग इन्हीं में से थे, अगले दिन शेष आधे लोगों को मात्र ढाई घण्टे इन्टरव्यू लेकर इतिश्री कर ली गई जिससे प्रतीत होता है कि जिन्हें चुनना था उनकी पर्ची पहले से आई हुई थी। उन्होंने कहा कि जिन्हें चुना उन्हें सभी ने बधाई दी है लेकिन सरकार से प्रश्र यह है कि आवेदकों की लिस्ट में जो अन्य एससी/एसटी/ओबीसी के अधिकारी शामिल थे उनमें क्या कमी थी, यह सरकार बताने में असमर्थ है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार लेटरल एन्ट्री के माध्यम से भर्ती कर रही है और राज्य सरकार भी इसी तर्ज पर चलते हुये मनमानी तरीके से आरएसएस से संबंधित लोगों को मुख्य पदों पर थोपने का कार्य कर रही है।