Edited By Kailash Singh, Updated: 30 Jul, 2025 07:10 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश उद्यमिता के क्षेत्र में लगातार बढ़ता जा रहा है। निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर साल दर साल बढ़ रहे है। भारतीय कॉर्पोरेट सेक्टर को हो रहे मुनाफे से कंपनियां सामाजिक उत्तरदायित्व भी बेहतर ढंग से निर्वहन कर...
भारतीय कंपनियों ने राजस्थान में 3 वर्षो में खर्च किए 3 हजार करोड़ रुपए :— सांसद मदन राठौड़
जयपुर, 30 जुलाई 2025। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश उद्यमिता के क्षेत्र में लगातार बढ़ता जा रहा है। निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर साल दर साल बढ़ रहे है। भारतीय कॉर्पोरेट सेक्टर को हो रहे मुनाफे से कंपनियां सामाजिक उत्तरदायित्व भी बेहतर ढंग से निर्वहन कर रही है। देश में पिछले तीन वित्तीय वर्ष में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड में करीबन 7 हजार करोड़ रूपए की बढ़ोतरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2021—22 में जहां भारतीय कंपनियों द्वारा 27141 करोड़ रुपए कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व क्षेत्र में खर्च किए गए थे, वहीं वित्तीय वर्ष 2023—24 में इस फंड में 7 हजार करोड़ की बढ़ोतरी हुई और लगभग 34908 करोड़ रुपए कंपनियों ने समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, सामाजिक सशक्तिकरण जैसे अन्य कल्याणकारी कार्यों में खर्च किए। राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ के सवाल के जवाब में यह जानकारी कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने सदन में दी।
राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021—22 मे 27141 करोड़, वित्तीय वर्ष 2022—23 में 30932 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2023—24 में 34932 करोड़ रुपए भारतीय कंपनियों ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व क्षेत्र में खर्च किए। देश में सर्वाधिक सीएसआर फंड महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में खर्च किया गया। राजस्थान में इन तीन वर्षो में 3 हजार करोड़ रुपए कंपनियों ने सीएसआर निधि के तहत खर्च किए और विकास में सहयोग किया। देश में इन तीन वित्तीय वर्ष के दौरान सर्वाधिक महाराष्ट्र में 17177 करोड़ रुपए, गुजरात में 6380 करोड़, कर्नाटक में 6161 करोड और तमिलनाडु में 5046 करोड़ रुपए सीएसआर फंड से विकास कार्यों में खर्च किए गए।
राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि भारतीय कंपनियां कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत अपने शुद्ध लाभांश का करीबन 2 प्रतिशत मुनाफा समाज में विकास कार्यों पर खर्च करते है। इन विकास कार्यों में 26 अलग—अलग श्रेणियां विभाजित है। इनमें मुख्य रूप से कृषि वानिकी, पशु कल्याण, सशस्त्र बल, पूर्व सैनिक, वीरांगनाएं, कला एवं संस्कृति, शिक्षा, प्राकृतिक संसाधनों का सरंक्षण, पर्यावरण, स्वास्थ्य सेवाएं, गरीबी, भूखमरी उन्मूलन, कुपोषण उन्मूलन, सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता, वरिष्ठ नागरिक कल्याण, महिलाओं के लिए घर, सामाजिक आर्थिक समानताएं, खेल, व्यावसायिक कौशल सहित कई विकास क्षेत्र शामिल किए गए है।
राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि कॉर्पोरेट डाटा प्रबंधन प्रकोष्ठ के मुताबिक पिछले तीन सालों में सर्वाधिक शिक्षा क्षेत्र में धन राशि खर्च किए गए। कंपनियां ने शिक्षा क्षेत्र में क्रमश: 6717 करोड़, 10414 करोड और 12134 करोड़ रुपए सीएसआर फंड से खर्च किए गए। शिक्षा के साथ ही सीएसआर फंड का सर्वाधिक उपयोग कंपनियों ने स्वास्थ्य देखभाल, ग्रामीण विकास परियोजनाओं, पर्यावरणीय स्थिरता, व्यावसायिक कौशल क्षेत्र में खर्च किए।