Edited By Vishal Suryakant, Updated: 25 Sep, 2025 03:46 PM
वड़नगर की संकरी गलियों में कदम रखते ही यह एहसास होता है कि यह नगर अपनी ढ़ाई हज़ार साल पुरानी विरासत को संजोते हुए विकास की नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ रहा है।
वड़नगर की संकरी गलियों में कदम रखते ही यह एहसास होता है कि यह नगर अपनी ढ़ाई हज़ार साल पुरानी विरासत को संजोते हुए विकास की नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ रहा है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहाँ मकानों के जीर्णोद्धार के लिए कोई सरकारी नोटिस नहीं आता, बल्कि लोग खुद अपने घरों को ‘प्रोजेक्ट प्रेरणा’ में शामिल कराने पहुंच रहे हैं।
"हम चाहते हैं कि हमारे घर पुराने स्वरूप में ही सुरक्षित रहें और गलियों की पुरानी पहचान बनी रहे। उनके जैसे सैकड़ों लोग अब सरकारी सहयोग के साथ अपने घरों में सुधार करा रहे हैं। यह काम 80:20 साझेदारी के मॉडल पर किया जा रहा है। इसमें सरकार 80 प्रतिशत खर्च वहन कर रही है और स्थानीय लोग 20 प्रतिशत योगदान दे रहे हैं। इस साझेदारी से सिर्फ घर ही नहीं, बल्कि पूरे गलियों और कॉरिडोर का जीर्णोद्धार पुराने स्वरूप के अनुरूप हो रहा है।
वहीं ‘प्रोजेक्ट प्रेरणा’ का सुपरविजन कर रहे पवन कुमार मिश्रा ने वडनगर में हो रहे हेरिटेज के कामों की जानकारी देते हुए बताया कि, सरकार की स्कीम के तहत जो घर वडनगर में दब गए या टूट गए थे, उन्होंने रेनोवेट किया जा रहा है.

मौके पर मौजूद एक अन्य व्यक्ति जिनका नाम मेवाराम हैं और जो ‘प्रोजेक्ट प्रेरणा’ के तहत कारपेंटरी का काम देख रहे हैं उन्होंने पंजाब केसरी को बताया कि, यहां घरों को सरकार और आम जनता के बीच 80:20 साझेदारी के साथ भव्य तरीके से घरों को उनके पुराने स्वरूप में लौटाया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत 80 प्रतिशत योगदान सरकार देगी, जबकि 20 प्रतिशत घर के मालिक देंगे.

वडनगर भ्रमण के वक्त हमारी मुलाकात एक ऐसे बुजुर्ग व्यक्ति से भी हुई, जो प्रधानमंत्री मोदी के साथ पढ़े हैं, उनका नाम नगीन दास धोबी है, उन्होंने पीएम मोदी के साथ पुरानी बातों को याद करते हुए बताया कि, कैसे मोदी क्लास में मस्ती किया करते थे. उनके अंदर बाल अवस्था से ही नेतृत्वक्षमता थी, साथ ही स्थानीय लोगों ने पीएम मोदी की लंबी उम्र की कामना भी की. 
वड़नगर में पुरातात्विक और सांस्कृतिक धरोहर
वड़नगर में ASI द्वारा बौद्ध मठ, प्राचीन स्तूप और मूर्तियों की खोज की गई है। बौद्ध यात्रियों ह्वेनसांग और इत्सिंग ने भी इस नगर का उल्लेख किया। नगर की पहचान प्राचीन किलेबंदी और कीर्ति तोरण से होती है। हाटकेश्वर महादेव मंदिर, शेरगढ़, ऐतिहासिक बावड़ियां और दरवाजों से घिरा नगर क्षेत्र इसे लिविंग हेरिटेज टाउन बनाते हैं।


वडनगर इंटरनेशनल हैरिटेज म्यूजियम में डिजिटल और इंटरैक्टिव गैलरी बनाई गई है। यहां प्रधानमंत्री मोदी के जीवन और नगर की सांस्कृतिक परंपराओं को प्रदर्शित किया गया है। दरअसल,गुजरात सरकार ने वड़नगर को आइकॉनिक हैरिटेज साइट के रूप में विकसित कर रही है। जिसमें आधुनिक विज़िटर सेंटर, होटल और इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण चल रहे हैं।


यहां मेहसाणा-तरंगा हिल रेललाइन को अपग्रेड किया गया है और सुविधाओं के विस्तार का काम अभी भी चल रहा है। वड़नगर को प्रमुख तीर्थ और पर्यटन केंद्रों से जोड़ा गया है।

वडनगर में मलय त्रिवेदी युवा लोकल साइट सीन और आर्कियोलॉजी साइट पर गाइड जैसे कामों में लगे हैं। बड़नगर की प्रमुख गैलरी में इतिहास के बारे पर्यटकों को उत्साह से जानकारी देती गाइड मनीषा ने बताया कि यहां की तस्वीर अब बदल रही है।

बीते सालों में हस्तशिल्प, लोककला और पारंपरिक बाजारों को बढ़ावा दिया जा रहा है। पर्यटन से जुड़े रोजगार जैसे गाइड, होटल और ट्रैवल सर्विसेज में स्थानीय लोगों को अवसर मिल रहे हैं। स्मार्ट हेरिटेज टाउन योजना के तहत साफ-सफाई, पार्किंग, हेरिटेज वॉक और सोलर लाइटिंग जैसी आधुनिक सुविधाओं को भी विकसित किया जा रहा है।

विशाल सूर्यकांत, वड़नगर