सिरोही यूआईटी को भंग करने की उठी मांग

Edited By Kailash Singh, Updated: 31 Dec, 2024 01:21 PM

demand raised to dissolve sirohi uit

सिरोही : राजस्थान के सिरोही जिले में यूआईटी आबू को भंग करने की मांग तेज हों चुकी है। एक दिवसीय दौरे पर आए राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के समक्ष भाजपा नेताओं नें मजबूती से बात रखते हुए नगर सुधार न्यास आबू आबू को भंग करने की मांग पुनः जोर...

सिरोही : राजस्थान के सिरोही जिले में यूआईटी आबू को भंग करने की मांग तेज हों चुकी है।  एक दिवसीय दौरे पर आए राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के समक्ष भाजपा नेताओं नें मजबूती से बात रखते हुए नगर सुधार न्यास आबू आबू को भंग करने की मांग पुनः जोर से उठाई है।  राठौड़ सिरोही दौरे पर थे । राठौड़ सर्वप्रथम आबूरोड़ पहुंचे जहां पर भाजपाइयों नें गरमजोशी से स्वागत किया, उसके बाद वे माउंट आबू गये और भाजपा नेता नरपत चारण के पिता के निधन पर व पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष जालमगिरी के निधन पर शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधवाया उसके बाद उनका काफिला स्वरूपगंज पहुंचा जहां पर भाजपा के पिण्डवाड़ा प्रधान नितिन बंसल के पिता के निधन होने पर परिवार को ढाढंस बढ़वाया गया। इस दौरान कई भाजपाई मौजूद रहें।

प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष उठी यह मांग 
प्रदेश अध्यक्ष को बताया की UIT आबू से ग़रीब आमजन को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, उन्हें गरीबो का दुःख अवगत करवाया एक स्वीकृति के लिए ग़रीब लोगों को दर दर की ठोकरें खानी पड़ रहीं है। उनके काम नहीं होते, साथ ही भारी आर्थिक नुकसान भी उन्हें उठाना पड़ रहा है, लेकिन उनका दर्द क़ोई सुनने वाला नही है।

भाजपा नेता द्वारा ज्ञापन में यह भी किया जिक्र 

सिरोही के भाजपा के दिग्ज नेता भुवनेश पुरोहित नें बताया की नगर सुधार न्यास को करीब 15 वर्ष हो चुके है, लेकिन यूआइटी आबू के अधीन आने वाले आदिवासी गाँवो में आज भी कुछ भी विकास का कार्य यूआइटी आबू ने नही करवाये है। इसके विपरित अनावश्यक रुप से ग्रामीणों व किसानो एवं आदिवासीयो को अपने छोटे मोटे कार्य भवन निर्माण स्वीकृति भूमि संपरिवर्तन जैसे कार्यों मै यूआइटी आबू द्वारा लाखों रुपयो का शुल्क वसूल किया जा रहा है।
वर्तमान में यूआइटी में सम्मिलित राजस्व गाँव आबूरोड, केसरगंज, तरतोली, मोरथला, सांतपुर, चंद्रावती, वासडा, मावल, आम्बा, खारा, खडात, कुई, सांगना, ओर, डेरना, मानपुर, आकराभटा, गणका, दानवाव, आमथला, उमरनी, कारोली, क्यारिला, जुनाकाकर, रेडवाकला, सियावा, पाण्डुरी, के ग्रामीण भी बहुत परेशान है। इन गरीब आदिवासी किसान ग्रामीणों की समस्याओ को ध्यान में रखते हुए नगर सुधार न्याय आबू को भंग करवाने की मांग की है। साथ ही यूआइटी आबू के प्रस्तावित क्षेत्राधिकार विस्तार पर रोक लगाने की मांग उठाई है। पूर्व में भी पिण्डवाड़ा आबू विधायक सहित कई नेताओं को यह मांग को लेकर अवगत करवाया गया है।

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!