Edited By Chandra Prakash, Updated: 09 Jan, 2025 05:29 PM
सुनो सरकार अभी में जिंदा हूं......आखिर ऐसा क्यों कहना पड़ा बांदीकुई के रामावतार सैनी को ?, दौसा जिले में जिम्मेदार अधिकारियों की भेंट क्यों चढ़ गया रामवतार सैनी ? इन सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़िये पूरी खबर ।
दौसा, 9 जनवरी 2025 । सुनो सरकार अभी में जिंदा हूं......आखिर ऐसा क्यों कहना पड़ा बांदीकुई के रामावतार सैनी को ?, दौसा जिले में जिम्मेदार अधिकारियों की भेंट क्यों चढ़ गया रामवतार सैनी ? इन सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़िये पूरी खबर ।
दरअसल, दौसा जिले में जिम्मेदारों की भेट चढ़े बांदीकुई के गुढ़ा कटला के रामावतार सैनी, जिसे सरकारी सिस्टम ने मृत घोषित कर दिया और अब वह अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहा है । ऐसे में अब रामवतार सैनी अपने परिवार जनों के साथ जिला कलेक्टर के यहां गुहार लगाने पहुंचे, जहां उन्होंने अपने आप को जिंदा साबित करते हुए कहा कि साहब मैं अभी जिंदा हूं ।
यह मामला दौसा जिले के बांदीकुई के गुढ़ा कटला निवासी रामावतार सैनी का है । जो पत्थरों का काम करता था और वह सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित है । अब समझिए आखिर पूरा माजरा है क्या ?
दरअसल, सरकारी सिस्टम के नकारापन के चलते रामावतार सैनी को कागजों में मृत घोषित कर दिया, उसके बाद से ही उसे सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित होना पड़ा । क्योंकि रामावतार सैनी धूल के कणों से होने वाली सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित है और परिवार की हालत भी ज्यादा ठीक नहीं है । आपको बता दें कि सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को दवाइयां मुफ्त मिलती है । लेकिन रामवतार को मृत घोषित होने के बाद से ही रामावतार को हजारों रुपए की दवाइयां फ्री नहीं मिल पा रही है, जिसके चलते परिवार की हालत और पतली होने लगी है ।
इधर, राम अवतार सैनी का कहना है कि वह खुद और उसके परिवारजन इस सरकारी सिस्टम को कई बार धोक लगा चुके हैं । कि मैं जिंदा हूं अभी मरा नहीं हूं....मुझे सिलिकोसिस बीमारी ने घेरा हुआ है और मुझे सरकारी सिस्टम से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ चाहिए ।
लेकिन सरकारी सिस्टम का नकारापन देखो जीवित व्यक्ति को कागजों में मृत तो घोषित कर दिया, लेकिन अब उसे कागजों में वापस जिंदा नहीं किया गया । सिलिकोसिस पीड़ित रामवतार सैनी का कहना है कि वह सरकारी महकमों की इस लापरवाही का दंश झेल रहा है। और सरकारी सिस्टम है कि उसे जिंदा करने को तैयार ही नहीं है ।
सिलिकोसिस पीड़ित के लिए सरकार से जो भी सुविधा मिलती है, उन सबसे रामावतार सैनी महरूम है और जिम्मेदारों से कई बार लगाई अरदास कर चुका है। लेकिन किसी ने भी नहीं सुनी उसकी पुकार.....ऐसे में पीड़ित व्यक्ति के साथ परिवार जन लंबे समय के बाद जिला कलेक्टर के यहां गुहार लगाने पहुंचे है । वहीं रामावतार सैनी ऑक्सीजन सपोर्ट पर है।
अब बड़ा सवाल यह है कि जब सिलिकोसिस पीड़ित जीवित है तो उसको किस आधार पर जिम्मेदारों ने मृत घोषित कर दिया । इसका जवाब तो जिम्मेदार अधिकारी ही दे सकते हैं । हालांकि प्रदेश में पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, इसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने अपनी आंखे मूंद रखी है ।