Edited By Afjal Khan, Updated: 23 Sep, 2023 12:11 PM

बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर सिस्टम का असर आज से राजस्थान में देखने को मिलेगा। राज्य में कोटा, उदयपुर, जयपुर और भरतपुर संभाग के कई जिलों में बीती रात तेज बारिश हुई। बारां, सवाई माधोपुर, झालावाड़ के कई हिस्सों में 2 इंच तक पानी गिरा। मौसम...
बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर सिस्टम का असर आज से राजस्थान में देखने को मिलेगा। राज्य में कोटा, उदयपुर, जयपुर और भरतपुर संभाग के कई जिलों में बीती रात तेज बारिश हुई। बारां, सवाई माधोपुर, झालावाड़ के कई हिस्सों में 2 इंच तक पानी गिरा। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि राज्य में इस सिस्टम का असर 24 सितंबर तक रहेगा। उसके बाद से प्रदेश में मानसून की विदाई की कंडीशन बनने लगेगी। पिछले 24 घंटे के दौरान अजमेर, बारां, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झालावाड़, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर और प्रतापगढ़ जिले में बारिश हुई। बारां के मांगरोल, अजमेर के केकड़ी और सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में 2 इंच तक बरसात हुई। मौसम केन्द्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया- वर्तमान में झारखंड और उसके आसपास के क्षेत्र के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। मानसून की ट्रफ लाइन जैसलमेर से होकर गुजर रही है। इस सिस्टम के असर से बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश होने का अनुमान है। इसके अलावा अजमेर, जयपुर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, कोटा, झालावाड़, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, टोंक, भीलवाड़ा समेत कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। राजस्थान से मानसून की विदाई भी 25 सितम्बर से शुरू हो सकती है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक पश्चिमी राजस्थान और पाकिस्तान के आसपास अब हवा की दिशा बदलने लगी है। वहां एंटी साइक्लोन बनने की कंडीशन बन रही है। इस कंडीशन में हवा घड़ी की दिशा में घूमती है, जो मानसून की विदाई के लिए अनुकूल होती है। हालांकि पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में बारिश की गतिविधियां अगले सप्ताह में जारी रहने की संभावना है।