Edited By Chandra Prakash, Updated: 31 Aug, 2024 07:55 PM
जैसलमेर की पूर्व कलेक्टर व चर्चित आईएएस टीना डाबी ने महिला सशक्तिकरण व ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं को स्कूलों से जोड़ने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया था, जिसे 'जैसाण शक्ति' लेडीज फर्स्ट का नाम दिया गया था। इस योजना की सराहना सिर्फ जैसलमेर में ही नहीं...
जैसलमेर, 31 अगस्त 2024 । जैसलमेर की पूर्व कलेक्टर व चर्चित आईएएस टीना डाबी ने महिला सशक्तिकरण व ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं को स्कूलों से जोड़ने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया था, जिसे 'जैसाण शक्ति' लेडीज फर्स्ट का नाम दिया गया था। इस योजना की सराहना सिर्फ जैसलमेर में ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान में हुई थी। लेकिन उनके तबादले के साथ ही योजना भी बंद हो गई, जिससे बड़ी क्लास की बालिकाओं की एक बार फिर स्कूलों से दूरी बढ़ गई हैं। लेकिन जैसलमेर आए नए कलेक्टर इस योजना की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।
गौरतलब है कि जैसलमेर के सीमावर्ती इलाकों में ऐसी कई स्कूले है, जहां एक भी महिला शिक्षक नहीं है। ऐसे में बड़ी क्लासों की छात्राएं स्कूल छोड़ने को मजबूर हो जाती हैं। टीना डाबी की मंशा थी कि जिन स्कूलों में महिला शिक्षक नहीं है वहां विद्या सखी योजना लागू कर शिक्षा से वंचित बालिकाओं को पुनः स्कूली शिक्षा से जोड़कर आगे लाया जाए। इसके लिए टीना डाबी ने जिन गांवों में महिला टीचर नहीं थी, वहां उसी गांव पढ़ी लिखी लड़की या महिला को अस्थाई तौर पर नियुक्तियां दी थी। लेकिन उनकी जैसलमेर से विदाई के बाद ही योजना की भी विदाई हो गई और एक बार फिर बालिकाएं मजबूरन शिक्षा से दूर हो रही है, लेकिन नए कलेक्टर इस अनूठे अभियान की तरफ सोच भी नहीं रहे है।
हालांकि शिक्षक संघ इस योजना को पुनः लागू करने की पुरजोर मांग कर रहा है। संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश विश्नोई ने बताया कि टीना डाबी की ये शानदार पहल थी। जिले में करीब 68 ऐसे विद्यालय थे, जिसमें एक भी महिला टीचर नहीं थी। पूर्व कलेक्टर ने विधा सखियां लगाकर स्कूल छोड़ चुकी बालिकाओं को पुनः शिक्षा से जोड़ने का काम किया था। हमारी मांग है कि इस योजना को पुनः लागू किया जाए ताकि बालिकाएं उनसे सौहार्द कर सकें।