Edited By Chandra Prakash, Updated: 04 Nov, 2024 04:26 PM
जैसलमेर शहर में पिछले एक सप्ताह से भयंकर पेयजल संकट छाया हुआ है। शहर में पानी को लेकर त्राहिमाम मचा हुआ है, लेकिन जिम्मेदार लोग वीआईपी लोगों व सरकारी विभागों का हलक तर करने में लगे हुए हैं। वीआईपी लोगों व कई सरकारी विभागों में टैंकरों से पानी की...
जैसलमेर, 4 नवंबर 2024 । जैसलमेर शहर में पिछले एक सप्ताह से भयंकर पेयजल संकट छाया हुआ है। शहर में पानी को लेकर त्राहिमाम मचा हुआ है, लेकिन जिम्मेदार लोग वीआईपी लोगों व सरकारी विभागों का हलक तर करने में लगे हुए हैं। वीआईपी लोगों व कई सरकारी विभागों में टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है, लेकिन आमजन पानी के लिए तरस रहे हैं। लोगों को 700 से 800 रुपए में टैंकर खरीदना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि पूर्व में शहर में टैंकर सप्लाई के लिए टेंडर हो रखे थे, लेकिन पिछले दो महीने से भी ज्यादा समय से टेंडर खत्म हो रखा है। आमजन जब भी जलदाय विभाग के अधिकारियों को टैंकर के लिए फोन करते हैं तो एक ही जवाब मिलता है टेंडर पूरा हो गया है। आज जब पंजाब केसरी की टीम फिल्टर हाउस पहुंची तो मौके पर 6-7 टैंकर भरने के लिए खड़े थे। जब तहकीकात की गई तो जानकारी मिली कि ये टैंकर वीआईपी लोगों व चंद सरकारी विभागों के लिए भरे जा रहे है। ऐसे में सवाल उठता है कि पूर्व में हुए टेंडर का भुगतान तो नगर परिषद करती थी, लेकिन अब इन टैंकरों का भुगतान कौन करता है ?
कार्यवाहक सहायक अभियंता हरीश जीनगर ने बताया कि टेक्निकल खामी के चलते कई दिनों से शहर की सप्लाई बाधित है। वीआईपी लोगो के घर टेंकर भेजने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ चुनिंदा सरकारी विभागों में टेंकर भेजे जा रहे है।
पंजाब केसरी की टीम जब फिल्टर हाउस पहुंची तो जनहित के मुद्दे को लेकर पार्षद लीलाधर दैया अपना विरोध जताते हुए अधिकारियों से उलझते दिखे। उन्होंने बताया कि जलदाय विभाग के अभियंता एक जनप्रतिनिधि का फोन नहीं उठाते तो आमजन इनसे क्या उम्मीद करें ? शहर में कई दिनों से पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है। मैं जब टैंकर सप्लाई देखने आया तो देखा कि नर्सिंग कॉलेज, सर्किट हाउस, अस्पताल तथा कोर्ट में पानी भेजा जा रहा है और वीआईपी लोगों के घर जा रहा है। लेकिन आम जनता के लिए टैंकर नहीं भेजा जा रहा है। इसका मतलब यहां बहुत बड़ा गड़बड़ झाला हो रहा है। अगर ये ऐसे ही चलता रहा तो जैसलमेर की जनता को बहुत बड़ा आंदोलन व धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा।