वादाखिलाफी कर स्कूली बच्चों में भी भेदभाव कर रही है भाजपा सरकार- जूली

Edited By Afjal Khan, Updated: 28 Oct, 2025 06:06 PM

the government is discriminating against school children  julie

विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने भाजपा सरकार को चुनाव से पूर्व संकल्प पत्र के माध्यम से जनता से किया वायदा याद दिलाते हुए स्कूली छात्रों की यूनिफार्म के लिये दी जाने वाली सहायता राशि में कटौती किये जाने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि...

जयपुर, 28 अक्टूबर। राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने भाजपा सरकार को चुनाव से पूर्व संकल्प पत्र के माध्यम से जनता से किया वायदा याद दिलाते हुए स्कूली छात्रों की यूनिफार्म के लिये दी जाने वाली सहायता राशि में कटौती किये जाने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सरकार न तो बच्चों को सुरक्षित स्कूली इमारतें दे पा रही है और न ही आवश्यकतानुसार शिक्षक ही उपलब्ध करवा पा रही है। इसके बाद अब नन्हें-मुन्ने स्कूली बच्चों को दी जा रही स्कूली ड्रेस में भी सरकार भेदभाव कर रही है।

प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए बताया कि कांग्रेस सरकार द्वारा बच्चों के अभिभावकों को राहत पहुंचाने के लिये स्कूली छात्रों को 2 जोडी स्कूल ड्रेस का कपड़ा और 200 रूपये सिलाई के लिये दिये जा रहे थे, तब भारतीय जनता पार्टी द्वारा कांग्रेस सरकार की इस योजना की आलोचना करते हुए यह कहा गया कि 200 रूपये में स्कूल ड्रेस की सिलाई कैसे होगी।

जूली ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव से पूर्व अपने संकल्प पत्र में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्रों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से स्कूल बैग, किताबें एवं यूनिफार्म खरीदने के लिये 1200 रूपये की वार्षिक सहायता प्रदान किये जाने की घोषणा की थी, लेकिन चुनाव के बाद भाजपा सरकार ने स्कूली छात्रों की यूनिफार्म पर कैंची चलाते हुए इस राशि में कटौती कर इसे 600 रूपये कर दिया है। इसमें कपडा  और सिलाई की राशि भी शामिल है ।
    
प्रतिपक्ष के नेता जूली ने बताया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा सभी बच्चों के लिये स्कूल ड्रेस की व्यवस्था की जाती थी, लेकिन भाजपा सरकार द्वारा एस.सी., एस.टी. और बी.पी.एल. बच्चों के लिये ही यह प्रावधान किया गया है, इसमें ई.डब्ल्यू.एस. और ओबीसी के गरीब बच्चों को छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि क्या सामान्य श्रेणी के ब्राह्मण, वैश्य, राजपूत और अन्य जातियों तथा ओबीसी वर्ग में गरीब बच्चे नहीं हैं? क्या उनके प्रति सरकार की कोई जवाबदेही या जिम्मेदारी नहीं है? सरकार उनका हक कैसे छीन सकती है। संविधान के अनुरूप ही ई.डब्ल्यू.एस. का आरक्षण दिया गया है, लेकिन इस सरकार की सोच ही यही है कि गरीब को मारो और अमीर को और बड़ा करो।     प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास की लम्बी-चौडी बातें करने वाली भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार की असली सच्चाई यही है। एक ओर तो सरकार यह कहती है कि पैसे की कोई कमी नहीं है और दूसरी ओर इन छोटी-छोटी योजनाओं पर कैंची चलाकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड कर रही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि आप अपने वादे के अनुसार स्कूली बच्चों की यूनिफार्म की सहायता राशि को पुनः 1200 रूपये करें और एस.सी., एस.टी., बीपीएल सहित ई.डब्ल्यू.एस. और ओबीसी के बच्चों को भी इस योजना में शामिल करने की घोषणा करें तथा समाज के सभी वर्ग के बच्चों को शिक्षा के बेहतर अवसर के साथ आर्थिक मदद मुहैया कराएं, ताकि यह बच्चे आने वाले समय में प्रदेश और देश का नाम रोशन कर सकें।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!