Edited By Chandra Prakash, Updated: 25 Mar, 2025 05:17 PM

न्याय के देवता शनि इस साल 29 मार्च को अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ से निकलकर देवगुरु बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। शनि के मीन राशि में गोचर करने से कुछ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और कंटक शनि की पनौती से छुटकारा मिल जाएगा वहीं कुछ...
जयपुर/जोधपुर, 25 मार्च 2025 । न्याय के देवता शनि इस साल 29 मार्च को अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ से निकलकर देवगुरु बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। शनि के मीन राशि में गोचर करने से कुछ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और कंटक शनि की पनौती से छुटकारा मिल जाएगा वहीं कुछ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाएगी। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि सभी नौ ग्रहों में न्यायाधिपति और कर्मफलदाता शनि को सबसे प्रभावशाली ग्रह माना जाता है। शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं। यह किसी एक राशि में करीब ढाई वर्षों तक रहते हैं। शनि 29 मार्च 2025 को अपनी स्वराशि और मूल त्रिकोण राशि कुंभ की यात्रा को पूरा करते हुए गुरु की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। शनि के राशि परिवर्तन करने से कुछ राशि वालों पर सकारात्मक वहीं कुछ पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि साल 2025 में शनि, गुरु और राहु-केतु जैसे प्रमुख और बड़े ग्रहों का राशि परिवर्तन होने जा रहा है। इनमें से सबसे पहले न्यायप्रिय और कर्मफलदाता शनि का गोचर होगा। वैदिक ज्योतिष में शनि को सबसे प्रभावशाली ग्रह माना जाता है। शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं, क्योंकि यह किसी एक राशि में ढाई वर्षों तक रहते हैं। इस तरह से शनि को राशि चक्र का पूरा चक्कर लगाने में 30 वर्ष का समय लग जाता है। शनि की धीमी चाल और एक ही राशि में करीब ढाई सालों तक रहने के कारण इनका प्रभाव जिन-जिन राशियों पर पड़ता है काफी देर तक रहता है। शनि जब-जब राशि परिवर्तन करते या फिर चाल में बदलाव करते हैं तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों के जातकों पर किसी न किसी रूप में अवश्य ही पड़ता है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि दरअसल अभी शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि और स्वराशि कुंभ में विराजमान हैं और आने वाले दिनों में यानी 29 मार्च 2025 को मीन राशि में प्रवेश करेंगे। मीन राशि पर गुरु का स्वामित्व है। शनि मीन राशि में 03 जून 2027 तक रहेंगे, फिर मेष राशि की अपनी यात्रा को प्रारंभ करेंगे। शनि के मीन राशि में गोचर होने से कुछ राशियों को लाभ तो कुछ की परेशानियों में इजाफा देखने को मिलेगा।
शनि का मीन में गोचर
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि न्याय के देवता शनिदेव 29 मार्च को मीन राशि में प्रवेश करेंगे। यह गोचर मीन राशि के जातकों के लिए शुभ रहने वाला है। जो जातक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें इस अवधि में सफलता प्राप्त हो सकती है। व्यापार-व्यवसाय में कोई नया आइडिया या प्रभावशाली योजना का विस्तार कर सकते हैं। इस अवधि में विदेश से धन लाभ हो सकता है। जातक को सलाह दी जाती है कि इस अवधि में शेयर मार्केट में निवेश करने से बचें और अन्य प्रलोभन वाली चीजों से भी बचें अन्यथा नुकसान हो सकता है। इस अवधि में कोई निकट का व्यक्ति धोखा दे सकता है। सतर्क रहें। प्रतिदिन सूर्यास्त के पश्चात शनि चालीसा का पाठ करें।
मीन राशि में शनि का प्रवेश खोलेगा तरक्की के मार्ग
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहों के न्यायाधीश कर्मफल दाता शनिदेव 29 मार्च 2025 को मीन राशि में प्रवेश करेंगे। जब-जब शनि मीन राशि में होते हैं तब हम सभी के लिए कुछ न कुछ नया कार्य अवश्य होगा। एक बार फिर शनि मीन राशि में आ रहे हैं और दुनिया में महत्वपूर्ण घटना घटित होगी। जिसका लाभ सभी को मिलेगा। इस बार शनि देव कोई बड़ी बीमारी का इलाज देंगे। मेडिकल क्षेत्र में नए-नए आविष्कार होंगे और लाइलाज बीमारियों का इलाज मिलेगा। डिजिटल संचार तकनीकी क्षेत्र में कोई नई क्रांति की संभावना। भारत के लिए मीन राशि का शनि महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। हम सभी को फायदा होगा। कोई महत्वपूर्ण घटना घटित होगी।
प्राकृतिक आपदा और दुर्घटनाओं की आशंका
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि बड़े मामले सामने आएंगे। बड़े बदलाव और विवाद होने की आशंका है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि के साथ शेयर बाजार फिर से बढ़ने की भी संभावना रहेगी। इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होने के योग बनेंगे। राजनीतिक उथल-पुथल एवं प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ेगी। धरना जुलूस प्रदर्शन आंदोलन गिरफ्तारियां होगी। दुर्घटना होने की संभावना। देश और दुनिया में राजनीतिक बदलाव होंगे। सत्ता संगठन में परिवर्तन होगा। आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलेगा। अचानक मौसमी बदलाव भी हो सकते हैं। बारिश और बर्फबारी होने की आशंका है। सेना की ताकत बढ़ेगी। देश की कानून व्यवस्था भी मजबूत होगी। मनोरंजन फिल्म खेलकूद एवं गायन क्षेत्र से बुरी खबर मिलेगी। बड़े नेताओं का दुखद समाचार मिलने की संभावना।
उपाय
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शिव उपासना और हनुमत उपासना करें। मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें। हनुमान चालीसा एवं शनि चालीसा का पाठ करें। शनिवार के दिन शनि मंदिर में छाया दान अवश्य करें। गरीब, वृद्ध, असहाय लोगों को भोजन कराएं। पशु पक्षियों के लिए दाने, हरे चारे, पानी की व्यवस्था करें। तेल का दान भी करना चाहिए। तेल दान करने से आपको अपने कष्टों से छुटकारा मिलता है। शनिवार को लोहे से बनी चीजों को दान करना चाहिए। इस दिन लोहे का सामान दान करने से शनि देव शांत होते हैं। लोहा दान देने से शनि की दृष्टि निर्मल होती है। काले कुत्ते को शनिवार के दिन सरसों के तेल से बनी रोटी खिलाएं। सूर्यास्त के समय पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
इन गलतियों को करने से बचें
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि किसी असहाय को बेवजह परेशान नहीं करें। मांस, मदिरा का सेवन बिल्कुल नही करें। कमजोर व्यक्तियों का अपमान न करें। अनैतिक कार्यों से दूर रहें।