Edited By Chandra Prakash, Updated: 30 May, 2025 02:34 PM

देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को आखिरकार राहत मिल गई है। राजस्थान हाईकोर्ट की जस्टिस अनिल उपमन की अदालत ने नरेश मीणा को जमानत दे दी है। हालांकि, समरावता हिंसा केस में उनकी...
जयपुर/टोंक, 30 मई 2025। देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को आखिरकार राहत मिल गई है। राजस्थान हाईकोर्ट की जस्टिस अनिल उपमन की अदालत ने नरेश मीणा को जमानत दे दी है। हालांकि, समरावता हिंसा केस में उनकी जमानत याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
क्या था मामला?
नवंबर 2024 में देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान समरावता गांव के लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार किया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे, तभी उन्होंने अधिकारियों पर जबरन मतदान कराने का आरोप लगाया। इसी दौरान SDM अमित चौधरी को नरेश मीणा ने कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया।
घटना के बाद नरेश मीणा वापस धरनास्थल पर बैठ गए थे। लेकिन कुछ देर बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इस कार्रवाई से समर्थक भड़क गए और पुलिस हिरासत से नरेश को छुड़ाकर ले गए। इस दौरान पथराव, आगजनी और लाठीचार्ज जैसी घटनाएं हुईं। समरावता हिंसा के दौरान कई गाड़ियां जला दी गईं।
हाईकोर्ट से मिली राहत
नरेश मीणा की ओर से अधिवक्ताओं डॉ. महेश शर्मा और फतेहराम मीणा ने अदालत में दलील दी कि एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना अचानक हुई थी, और पुलिस ने इसे जानलेवा हमले जैसा गंभीर मामला बना दिया। वकीलों ने बताया कि नरेश मीणा पर पहले 26 मामले दर्ज थे, जिनमें से 5 में वह बरी हो चुके हैं और कुछ राज्य सरकार ने वापस ले लिए हैं। वर्तमान में केवल 12 मुकदमे लंबित हैं।
समरावता हिंसा केस में फैसला सुरक्षित
समरावता हिंसा केस में नरेश मीणा की जमानत याचिका पर जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत में सुनवाई हुई। वकीलों ने तर्क दिया कि हिंसा के समय नरेश पुलिस कस्टडी में थे, लिहाजा उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय एससी-एसटी आयोग ने भी माना है कि पुलिस ने अत्यधिक बल प्रयोग किया, जिसके बाद सरकार ने पीड़ितों को मुआवजा दिया। इस मामले में कुल 63 लोगों के खिलाफ पुलिस चालान पेश कर चुकी है, जिनमें से अधिकतर को जमानत मिल चुकी है। फिलहाल सिर्फ नरेश मीणा जेल में हैं।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी
इससे पहले 14 फरवरी को कोर्ट ने नरेश की पहली जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था, “अपराध करने वाले राजनीतिक व्यक्ति का सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।”
अब देखना यह होगा कि समरावता हिंसा केस में हाईकोर्ट क्या निर्णय देता है। यदि जमानत मिलती है, तो नरेश मीणा को जेल से रिहाई मिल सकती है। फिलहाल वे जेल में ही हैं।आपका क्या कहना है इस पूरे घटनाक्रम पर? अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें। लेटेस्ट अपडेट्स के लिए जुड़े रहें पंजाब केसरी राजस्थान पर....।