Edited By Raunak Pareek, Updated: 30 May, 2025 08:46 PM

राजस्थान पुलिस के रमेश शर्मा बने पहले DGCA प्रमाणित रिमोट पायलट इंस्ट्रक्टर। ड्रोन फोरेंसिक लैब और रिसर्च सेंटर की स्थापना की दिशा में बड़ा कदम। जानिए कैसे बढ़ेगी सुरक्षा की निगरानी क्षमता।
राजस्थान पुलिस को आधुनिक तकनीकों से लैस करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। इंटेलिजेंस ट्रेनिंग अकादमी (आईटीए), जयपुर में पदस्थापित रमेश शर्मा ने भारत सरकार के नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा आयोजित रिमोट पायलट इंस्ट्रक्टर कोर्स को प्रथम प्रयास में सफलतापूर्वक पास कर राज्य पुलिस के पहले प्रमाणित ड्रोन इंस्ट्रक्टर बनने का गौरव प्राप्त किया है।
22% के कठिन पासिंग रेट वाली इस राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा को पास कर रमेश शर्मा ने न केवल अपना परचम लहराया, बल्कि राजस्थान पुलिस की तकनीकी क्षमताओं को भी एक नया आयाम दिया है। यह पहल पुलिस महानिदेशक, इंटेलिजेंस संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में की गई है, जिसका उद्देश्य राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन निगरानी और फोरेंसिक विश्लेषण को मजबूती देना है।
आईटी सेल के प्रभारी शर्मा को विशेष रूप से इस कोर्स के लिए नामांकित किया गया था ताकि वे भविष्य में अन्य कर्मियों को ड्रोन संचालन, सुरक्षा नियमों, और व्यावहारिक उड़ान तकनीकों का प्रशिक्षण दे सकें। आईटीए की एएसपी शालिनी सक्सेना के अनुसार, यह कोर्स उन्हें इंस्ट्रक्टर के रूप में तैयार करता है जो अब प्रमाणित रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (RPTO) में ट्रेनर की भूमिका निभा सकते हैं।
यह उपलब्धि न केवल रमेश शर्मा की व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह राज्य की सुरक्षा, निगरानी, और आपातकालीन प्रबंधन क्षमताओं को भी नई ऊंचाई देने वाली है।