राजस्थान: ‘मॉब लिंचिंग’ मामले में पीड़ित की पत्नी ने कहा: अभी इंसाफ नहीं हुआ है, ‘मुख्य आरोपी’ बरी

Edited By PTI News Agency, Updated: 27 May, 2023 11:50 AM

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जयपुर, 26 मई (भाषा) राजस्थान के अलवर में ‘मॉब लिंचिंग’ का शिकार हुए रकबर खान की पत्नी का कहना है कि इस मामले में अभी इंसाफ नहीं हुआ है और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के उस नेता को बरी कर दिया गया जिसे वह ‘‘मुख्य आरोपी’’ मानती है।

जयपुर, 26 मई (भाषा) राजस्थान के अलवर में ‘मॉब लिंचिंग’ का शिकार हुए रकबर खान की पत्नी का कहना है कि इस मामले में अभी इंसाफ नहीं हुआ है और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के उस नेता को बरी कर दिया गया जिसे वह ‘‘मुख्य आरोपी’’ मानती है।

अलवर की एक स्थानीय अदालत ने इस मामले में बृहस्‍पतिवार को चार आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें सात-सात साल कारावास की सजा सुनाई थी।

अलवर में कुछ लोगों ने 2018 में रकबर की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। अदालत ने इस मामले में पांचवें आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था।

अदालत ने आरोपियों परमजीत सिंह, धर्मेंद्र यादव, नरेश कुमार और विजय कुमार को दोषी ठहराया था और चारों को कैद की सजा सुनाई थी।

अदालत ने पांचवें आरोपी विहिप नेता नवल किशोर को पर्याप्त सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।

रकबर खान की पत्नी असमीना ने शुक्रवार को कहा, ‘‘हमें न्याय नहीं मिला है। उन्होंने मेरे पति की हत्या की थी। मुख्य आरोपी को अदालत ने बरी कर दिया जबकि अन्य को सुनाई गई सजा कम है। उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए थी।’’
अदालत ने चारों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 304 (1) के तहत गैर इरादतन हत्या और 341 (गलत तरीके से रोकना) के तहत दोषी ठहराया, लेकिन उन्हें हत्या (302) और दंगे (147) के आरोपों से बरी कर दिया।

खान के परिवार के सदस्यों ने कहा कि निचली अदालत के आदेश को राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।

खान के परिवार में उनकी पत्नी और सात बच्चे हैं। इस मामले के दो साल बाद उनके पिता सुलेमान का लंबी बीमारी के कारण निधन हो गया था।

किशोर ने अदालत के फैसले के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘चार अन्य भी निर्दोष हैं। निचली अदालत पर कोई दबाव नहीं था और इसने कानून के अनुसार काम किया है। यदि इस मामले की अपील उच्च न्यायालय में की जाती है, तो हमें उस पर भी पूरा विश्वास है।’’
सजा पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है, ‘‘हम फैसले की समीक्षा करायेंगे। हम देखेंगे कि फैसले में क्या लिखा है और बाद में देखेंगे कि क्या किया जा सकता है।’’
गौरतलब है कि 20 जुलाई, 2018 को अलवर के रामगढ़ इलाके में गौवंश तस्करी के संदेह में रकबर को कुछ लोगों ने बुरी तरह पीटा था। बीस जुलाई की रात खान और उसके दोस्त असलम ने कथित तौर पर लाडपुरा गांव से गायों को खरीदा था और उन्हें अलवर जिले में लालवंडी के पास एक जंगली इलाके से होते हुए हरियाणा ले जा रहे थे। जब आरोपियों ने उन पर हमला किया तब असलम तो भागने में सफल रहा लेकिन रकबर की बुरी तरह से पिटाई की गयी जिसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गयी थी।



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