Edited By Chandra Prakash, Updated: 17 Aug, 2024 07:49 PM
नोखा तहसील के गांव सूरपुरा में पिछले दो दिनों से लगातार रुक-रुक कर हो रही भारी बरसात से गांव में लोगों का हाल बेहाल हैं । बारिश के कारण सभी तरह का कामकाज ठप हैं । वहीं गांव का एक इलाका पूरी तरह से जलमग्न है । ऐसे में बाढ़ के हालात बने हुए हैं । घरों...
बीकानेर, 17 अगस्त 2024 (प्रेम पाल): नोखा तहसील के गांव सूरपुरा में पिछले दो दिनों से लगातार रुक-रुक कर हो रही भारी बरसात से गांव में लोगों का हाल बेहाल हैं । बारिश के कारण सभी तरह का कामकाज ठप हैं । वहीं गांव का एक इलाका पूरी तरह से जलमग्न है । ऐसे में बाढ़ के हालात बने हुए हैं । घरों में पानी भरने से कई मकान क्षतिग्रस्त हो चुके है व लोग घर छोड़ने को मजबूर हैं। लोगों ने रात भर जागकर पूरी रात गुजारी है । वहीं प्रशासन को सूचना देने के बाद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा ।
ऐसे में शनिवार सुबह जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बिशनाराम सिहाग को ग्रामीणों ने जानकारी दी तो वे जिला प्रमुख मोडाराम मेघवाल, विधायक पुत्र अजय सिंह डूडी, कांग्रेस प्रवक्ता पूनम चन्द भांभू के साथ सूरपुरा पहुंचे । इसी के साथ उन्होंने जिला कलेक्टर, नोखा एसडीएम से बात करके समस्या का समाधान करने को कहा । तब जाकर नायब तहसीलदार, पटवारी व ग्राम सेवक पुलिस जाब्ते के साथ पहुंचे । इस दौरान जिला प्रमुख मोडाराम ने जल्द से जल्द समय का समाधान करने के निर्देश दिए ।
प्रशासन के सामने बिशनाराम सहित ग्रामीणों ने रोष व्यक्त किया व खरी खोटी सुनाई, तब जाकर मोटर पंप मंगवाया गया और पानी निकासी की व्यवस्था की शुरुआत हुई। जिलाध्यक्ष बिशनाराम ने बताया कि ग्रामीण इलाके में अतिवृष्टि से हालत खराब हैं । प्रशासन इसके प्रति घोर लापरवाह हैं, समय रहते नहीं चेता तो कोई जनहानि हो सकती हैं, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। इस मौके पर ग्रामीणों में पूर्व सरपंच प्रतिनिधि प्रह्लाद राम भांभू, रामचंद्र भांभू, राजपाल कुलहरी, मुरली महाराज, मोहन सारस्वत, प्रेम तरड़, फ़रसाराम खाती, गजानंद भांभू सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे ।
पानी से डूबे मोहल्ले, आपदा प्रबंधन कर रहा सिर्फ दिखावा - मिलन गहलोत
वहीं दूसरी ओर बारिश को लेकर भागीरथ नंदिनी संस्था के अध्यक्ष मिलन गहलोत ने बताया की बारिश के कारण आधा सुजानदेसर डूबने के कगार पर पहुंच गया है, प्रशासन के आपदा प्रबंधन के संसाधन नहीं के बराबर है । वहीं सोमारनाथ की कुटिया के आसपास के घर पूरी तरह से डूब चुके हैं । चार-पांच फीट पानी घरों में भरा है व सड़कों पर जलभराव की स्थिति है । इसके बावजूद बीकानेर का शासन प्रशासन नहीं के बराबर है । वहीं उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ ब्राह्मणों का मोहल्ला मोड जी भट्टे के आसपास, नंदू जी भट्टे के आसपास कई मकान दरक गए हैं, पानी की जो पाल बनाई हुई थी, वह भी टूट गई । रात को सलाम नाथ जी धोरे के आसपास की बाड़ीया चांदमल बाग से लेकर सालमनाथ जी धोरे तक, मोहल्ले में पंपिंग प्लांट से लेकर वी पंपिंग प्लांट के पीछे सारे घर डूब गए और लोगों की आजीविका के लिए जो शुद्ध पानी की बाड़ीया बोई हुई थी, जिसमें शुद्ध पानी की सब्जियां होती थी, वह पूरी तरह से नष्ट हो गई है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन के पास ना तो पर्याप्त पंप है, जो ट्रैक्टर लगा रखे हैं वह भी सही ढंग से पानी नहीं खींच रहे हैं, बंद पड़े हैं । वह फॉर्मेलिटी के तौर पर लगे हुए है। लोगों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है । लोगों के पास खाने का सामान भी नहीं बचा,घर डूब गए, रहने के साधन भी नहीं है। प्रशासन के लोगों ने चक्कर जरूर निकाले, मगर मुख्य कमी कहां है इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और यह रोजाना हो रहा है । पहली बारिश से यही हाल है, प्रशासन ने इस बार अगर पुख्ता इंतजाम नहीं किया तो बहुत बड़ा आंदोलन करेंगे और अनिश्चितकालीन धरना लगाएंगे।