Edited By Rahul yadav, Updated: 17 Jan, 2025 02:16 PM
हनुमान बेनीवाल, जो नागौर लोकसभा सीट से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सुप्रीमो हैं, गुरुवार को बुरड़ी गांव में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने खींवसर उपचुनाव में मिली हार को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त...
हनुमान बेनीवाल, जो नागौर लोकसभा सीट से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सुप्रीमो हैं, गुरुवार को बुरड़ी गांव में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने खींवसर उपचुनाव में मिली हार को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। अपने संबोधन में उन्होंने खींवसर चुनाव के नतीजों पर चर्चा की और भाजपा व कांग्रेस पर तीखे तंज कसे।
खींवसर की जनता ने अनपढ़ व्यक्ति को चुना: बेनीवाल
बेनीवाल ने खींवसर उपचुनाव के परिणामों पर नाराजगी जताते हुए कहा, "खींवसर की जनता ने एक अनपढ़ व्यक्ति को विधानसभा भेजकर पूरे नागौर का सम्मान कम कर दिया है। यह बात पूरे देश में कही जा रही है। लोकसभा चुनाव में मुसलमानों की पूरी पोलिंग हुई, जिससे 40 प्रतिशत वोट बीजेपी को गए और 60 प्रतिशत मुझे मिले। जब मैंने बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा, तब मैं दो लाख वोटों से जीता था। लेकिन अगर 13 लाख वोट बीजेपी के खिलाफ न पड़े होते, तो मेरी जीत का अंतर कम से कम चार लाख वोटों का होता।"
"बीजेपी और कांग्रेस के पास मुझसे मुकाबला करने लायक नेता नहीं"
अपने संबोधन में बेनीवाल ने कहा, "मैं आपसे पूछता हूं, जिसे आपने वोट दिया, वह आज कहां है? जिसने आपको लड़ना सिखाया और नागौर का मान बढ़ाया, उसे ही मजबूत बनाना चाहिए। बाकी नेता तो घुमक्कड़ हैं। वे कभी बीजेपी में और कभी कांग्रेस में चले जाते हैं। कुछ तो आरएलपी में आने के लिए भी तैयार थे, लेकिन मैंने उन्हें शामिल नहीं किया। मुझे गर्व है कि राजस्थान में मुझसे मुकाबला करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस के पास अपने नेता तक नहीं हैं। वे आरएलपी के पूर्व नेताओं को ही आगे कर रहे हैं।"
खींवसर उपचुनाव में मिली हार
खींवसर उपचुनाव में भाजपा के रेवंतराम डांगा ने 13,901 वोटों से जीत दर्ज की थी। डांगा को कुल 1,08,628 वोट मिले, जबकि आरएलपी उम्मीदवार और हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल 94,727 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। कांग्रेस के रतन चौधरी केवल 5,454 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे।
चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया देते हुए बेनीवाल ने कहा था, "लोकतंत्र में जनता का जनादेश सर्वोपरि है। हार-जीत चुनाव का हिस्सा है। इस बार सरकारी तंत्र और मशीनरी का जमकर दुरुपयोग हुआ, इसके बावजूद आरएलपी ने 15 हजार वोट अधिक लिए। जनहित के मुद्दों पर आरएलपी सदैव संघर्ष करेगी।"
"बीजेपी मंत्री के बयान से हार हुई"
एक इंटरव्यू में बेनीवाल ने खींवसर उपचुनाव में हार के लिए बीजेपी के एक मंत्री के "मूंछ वाले बयान" को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "मिर्धा परिवार ने जगह-जगह जाकर भावनात्मक अपील की। वहीं, जिसने मेरी पीठ में छुरा घोंपा, बीजेपी ने उसी व्यक्ति को खींवसर से टिकट दिया। यह बीजेपी की रणनीति थी, जो सफल रही।"
बेनीवाल के इस बयान से स्पष्ट है कि वे खींवसर उपचुनाव में हुई हार को लेकर अब भी व्यथित हैं। उन्होंने नागौर और खींवसर की जनता से अपनी पार्टी को मजबूत बनाने की अपील की और विकास की नई दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया।