Edited By Sourabh Dubey, Updated: 31 Jul, 2025 06:56 PM

2008 मालेगांव बम धमाका मामले में बुधवार को विशेष एनआईए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।
मुंबई। 2008 मालेगांव बम धमाका मामले में बुधवार को विशेष एनआईए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।
अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश करने में नाकाम रही, इसलिए उन्हें संदेह का लाभ दिया जा रहा है।
कोर्ट के अहम अवलोकन
विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी ने फैसले में कहा:
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धमाका हुआ था, लेकिन यह साबित नहीं हुआ कि विस्फोटक मोटरसाइकिल में रखा गया था।
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मोटरसाइकिल का साध्वी प्रज्ञा के नाम पर होना प्रमाणित नहीं हुआ।
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कर्नल पुरोहित द्वारा बम बनाने या साजिश में शामिल होने के सबूत नहीं मिले।
जिन अन्य आरोपियों को बरी किया गया है:
रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी और सुधाकर धर द्विवेदी।
अदालत ने कहा कि UAPA, हत्या, आपराधिक षड्यंत्र और आतंकी गतिविधियों से जुड़े आरोपों को NIA साबित नहीं कर पाई।
17 साल पुराना मामला
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धमाका: 29 सितंबर 2008, मालेगांव (महाराष्ट्र)
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हानि: 6 लोगों की मौत, लगभग 100 घायल
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जांच एजेंसियां: शुरुआत महाराष्ट्र ATS ने की, 2011 में केस NIA को सौंपा गया
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चार्जशीट: NIA ने 2016 में दाखिल की
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फैसला: 17 साल बाद, 31 जुलाई 2025 को आया
इस केस में अब तक तीन जांच एजेंसियां और चार न्यायाधीश बदल चुके हैं।
कोर्ट का फैसला पहले 8 मई 2025 को आना था, जिसे 31 जुलाई तक सुरक्षित रखा गया और अब अंततः सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है।