Edited By Chandra Prakash, Updated: 28 Sep, 2024 07:26 PM
विशिष्ट न्यायालय पोक्सो क्रम-2 की विशेष न्यायाधीश सोनिया बेनीवाल (जिला जज संवर्ग) ने अपने मुख्य अभियुक्त रामस्वरूप को 10 साल तथा षड्यंत्र रचने और उसकी सहायता करने वाले किशन, नरेश और कैलाश को 3-3 साल का कठोर कारावास और अलग-अलग धाराओं में सभी पर कुल...
बारां, 28 सितंबर 2024 । विशिष्ट न्यायालय पोक्सो क्रम-2 की विशेष न्यायाधीश सोनिया बेनीवाल (जिला जज संवर्ग) ने अपने मुख्य अभियुक्त रामस्वरूप को 10 साल तथा षड्यंत्र रचने और उसकी सहायता करने वाले किशन, नरेश और कैलाश को 3-3 साल का कठोर कारावास और अलग-अलग धाराओं में सभी पर कुल 78,000 रुपए के जुर्माना से दंडित किया है।
विशिष्ट लोक अभियोजक हरिनारायण सिंह ने बताया कि वर्ष 2016 में कोर्ट में इस्तगासा कर बताया कि पीड़िता और उसकी मां जब मेडिकल करा कर अपने गांव जा रही थी, तब रास्ते में रामस्वरूप, रमेश और सुरेश आए और मां को धक्का देकर पीड़िता को उठा ले गए। मां चिल्लाती हुई उनके पीछे भागी मगर कोई हाथ नहीं आया। इस इस्तगासे पर एक प्रथम सूचना रिपोर्ट छबड़ा थाना ने 363, 366 आईपीसी में दर्ज कर अनुसंधान के बाद 02 दिसंबर 2016 को छबड़ा थाना ने आरोपी मुलजिम रामस्वरूप, किशन, नरेश और कैलाश के विरुद्ध धारा 376(2)(एन), 363, 366, 120 बी. आईपीसी एवं धारा 5(1)/6 पोक्सो एक्ट में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 17 गवाहो के बयान लेखबद्ध और कुल 25 दस्तावेज प्रदर्शित कराए गए। विशेष लोक अभियोजक हरि नारायण सिंह ने बताया कि अभियोजन द्वारा प्रस्तुत गवाह और दस्तावेजों के आधार पर मुल्जिम रामस्वरूप को नाबालिक लड़की को भगा ले जाने और दुष्कर्म का दोषी मानते हुए 10 साल का तथा अन्य तीन मुलजिम किशन, नरेश और कैलाश को 3-3 साल कठोर कारावास से दंडित किया साथ ही अलग अलग धाराओं में सभी मुलजिमानो पर कुल 78,000/- रुपये का ज़ुर्माना भी किया है। पीड़िता को जुर्माना की राशि प्राप्त करने के अतिरिक्त पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत 2 लाख रुपए अलग से देने की अनुशंसा की है।