भजनलाल सरकार के आदेश के यू टर्न पर कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कह दी ये बड़ी बात !

Edited By Chandra Prakash, Updated: 17 Oct, 2024 03:05 PM

law minister jogaram patel said this big thing

राजस्थान सरकार के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने जोधपुर दौरे के दौरान मीडिया से बातचीत की । उन्होंने पत्रकारों से भजनलाल सरकार के यू टर्न के सवाल पर कहा कि यू टर्न को कुछ गलत अर्थों में परिभाषित किया गया है । जहां तक नगर पालिकाओं में सेवन सदस्य की...

 

जोधपुर, 17 अक्टूबर 2024 । राजस्थान सरकार के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने जोधपुर दौरे के दौरान मीडिया से बातचीत की । उन्होंने पत्रकारों से भजनलाल सरकार के यू टर्न के सवाल पर कहा कि यू टर्न को कुछ गलत अर्थों में परिभाषित किया गया है । जहां तक नगर पालिकाओं में सेवन सदस्य की नियुक्ति का प्रश्न था । नियुक्ति हुई थी, आदेश निकाले थे । परंतु हमारे से उसमें एक त्रुटि हो गई थी, ऐसे में त्रुटि की जानकारी मिली तो हमने उस आदेश को तुरंत रोक दिया और त्रुटि होने के बाद आदेश को रोकना यू टर्न नहीं होता है‌।

टीचर्स की तबादला लिस्ट रोकने को यू टर्न की परिभाषा देना ठीक नहीं- पटेल 
साथ ही उन्होंने कहा कि अध्यापकों के तबादले होने के बाद आदेश को रोकने का प्रश्न है । क्योंकि हमारी पार्टी में कार्यकर्ता और पदाधिकारी को महत्व दिया जाता है । ट्रांसफर के उपरांत हमारे जनप्रतिनिधि व हमारे नेता ने एक आपत्ति की और कहा कि यह थोड़ा ठीक नहीं है तो उस बात को महत्व दिया गया । आधार दिया गया और मान दिया गया । उस ट्रांसफर लिस्ट को कुछ दिनों के लिए रोका गया है । हम विधिवत इस सूची को जारी करेंगे । इसे यू टर्न की परिभाषा देना ठीक नहीं है ।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को सुर्खियों में रहने की है आदत- जोगाराम पटेल 
वहीं कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डोटसरा द्वारा शिक्षा मंत्री पर दिए बयान को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को सुर्खियों में रहने की आदत है और सुर्खियों के बयान कोई महत्व नहीं रखता ऐसे बयानों को कोई महत्व नहीं देता और ना ही समर्थन करता है । चाहे पूर्व के प्रदेश अध्यक्ष हो या फिर पूर्व के मुख्यमंत्री । इन सबकी सुर्खियों में रहने की आदत है, सुर्खियों में रहने के लिए उनको धन्यवाद । 

जानिए, सरकार के यूटर्न का पूरा मुद्दा क्या है ?
दरअसल, सरकार के यूटर्न वाले मुद्दे की बात की जाए तो राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर लगने वाली आचार संहिता से ठीक पहले 15 अक्टूबर को शिक्षा विभाग की ओर से 40 प्रिंसिपल-टीचर्स के तबादले कर दिए गये थे, ऐसे में तबादला लिस्ट जारी होते ही राजनीतिक हंगामा मच गया । इस सूची में अकेले दौसा जिले से 39 ट्रांसफर किए गए थे,  मुद्दे की बात यह थी कि तबादलों पर बैन के बावजूद सरकार ट्रांसफर कर विवादों में आ गई । जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें दौसा सीट भी शामिल है । ऐसे में अकेले दौसा जिले से तबादला लिस्ट में 30 से ज्यादा नाम होने पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया कि आखिर दौसा जिले से ही इतने टीचर्स का तबादला क्यों ? 

क्यों किरोड़ी मीणा ने अपनी ही सरकार पर आरोप लगा दिए ?
हालांकि तबादलों के आदेश के बाद भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी मीणा ने अपनी ही सरकार पर नाराजगी जताई । उन्होंने आरोप लगाया कि इस सूची में एससी-एसटी वर्ग के शिक्षकों के 500 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर बाड़मेर व बांसवाड़ा तबादले कर दिए और एक जाति विशेष के लिए कृपा बरती गई। ऐसे में किरोड़ी लाल मीणा ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की और इस सूची को तुरंत निरस्त करने को कहा। विवाद बढ़ता देख आदेश को दो घंटे बाद पलट दिया गया।
 

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