भाई की हार के बाद पुराने रोल में आए किरोड़ी लाल मीणा, हजारों करोड़ के मामले में पहुंचे ACB

Edited By Raunak Pareek, Updated: 29 Nov, 2024 08:46 PM

kirori lal meena reached the acb office after his brother s defeat

सीएम भजनलाल शर्मा को कह दिया। इसके बाद भी 92 साल का बुजुर्ग एसीबी के दरवाजे पर खड़ा है। मैं इसे उचित नहीं मानता। यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है। हमारी सरकार संवेदनशील है, लेकिन यहां पर न जाने संवेदन शून्यता क्यों है? यह मेरे भी समझ से बाहर है।

मंत्री किरोड़ीलाल मीणा आज जयपुर के झालाना स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने आगरा रोड पर स्थित 5000 करोड़ की वेटरनरी कॉलेज की जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तक पहुंचाई गई है, लेकिन 92 वर्षीय बुजुर्ग डॉ. राज खरे अब भी न्याय के लिए एसीबी के दरवाजे पर खड़े हैं। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार संवेदनशील है, लेकिन इस मामले में प्रशासन की उदासीनता समझ से परे है।"मीणा ने जोर देकर कहा कि राजस्थान में निवेशकों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की कि निवेशकों की संपत्तियों पर से कब्जा हटाकर उन्हें वापस दिलाया जाए।

मुख्यमंत्री की कार्रवाई पर सवाल उठने पर मीणा ने कहा, "मुख्यमंत्री का जवाब वही दे सकते हैं। मेरे विभाग में तो अधिकारी मेरी सुनते हैं।" इस दौरान, कॉलेज संचालक डॉ. राज खरे भी मौजूद थे। उन्होंने सरकार के खिलाफ "राइजिंग राजस्थान" कार्यक्रम में धरना देने की घोषणा की, जिससे प्रशासनिक कार्रवाई में तेजी लाने का दबाव बनाया जा सके। 

असामाजिक तत्वों ने कर रखा डॉक्टर राज खऱे की प्रॉपर्टी पर कब्जा 

किरोड़ीलाल मीणा ने बताया कि भैरोंसिंह शेखावत ने अमेरिका जाकर डॉक्टर खरे को राजस्थान में निवेश का निमंत्रण दिया था, जिसके बाद उन्होंने करोड़ों रुपये लगाकर जयपुर में अपोलो वेटरनरी कॉलेज स्थापित किया। वर्तमान में यह संपत्ति 4 से 5 हजार करोड़ रुपये की है।

पिछले कुछ वर्षों में असामाजिक तत्वों ने इस प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लिया है। 2019 से डॉक्टर खरे न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। एसीबी में तीन केस दर्ज हैं, जो जांच में प्रमाणित हुए हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

कोर्ट ने इस प्रकरण में काले धन के संदेह की बात कही है। इसके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग में शिकायत की तैयारी की जा रही है। हालांकि, कोर्ट द्वारा खाते सीज करने के बाद अज्ञात कारणों से इन्हें दोबारा खोल दिया गया।

इस कॉलेज में 200  बच्चे राजस्थान के पढ़ रहे 

किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि डॉक्टर खरे ने राजस्थान के युवाओं के लिए वेटरनरी कॉलेज शुरू किया था, जिससे वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। हालांकि, मौजूदा समय में कॉलेज में 500 छात्रों में से केवल 200 ही राजस्थान के हैं।

कॉलेज में बाहरी छात्रों को बड़ी फीस लेकर प्रवेश दिया जा रहा है, जो पहले ही अदालत के आदेश से प्रमाणित हो चुका है। इसके बावजूद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। किरोड़ीलाल ने आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। 

92 साल का बुजुर्ग सीएम से मिल चुका, लेकिन अभी भी भटक रहा 

किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि इस मामले को लेकर वह डॉक्टर खरे को 20 दिन पहले मुख्यमंत्री से मिलाने ले गए थे। मुख्यमंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए आईजी सीएम सिक्योरिटी गौरव श्रीवास्तव को निर्देश दिया था। लेकिन श्रीवास्तव ने डॉक्टर खरे से मुलाकात तक नहीं की।

डॉक्टर खरे, 92 वर्ष के बुजुर्ग, पिछले 5 महीनों से अमेरिका छोड़कर जयपुर में रह रहे हैं। उनके बच्चे उन्हें अमेरिका लौटने के लिए कह रहे हैं, लेकिन खरे ने प्रॉपर्टी को सार्वजनिक उपयोग के लिए सुरक्षित करने का फैसला लिया है।

किरोड़ीलाल मीणा ने बताया कि वह डॉक्टर खरे को 20 दिन पहले मुख्यमंत्री से मिलाने ले गए थे। मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को समझते हुए आईजी सीएम सिक्योरिटी गौरव श्रीवास्तव को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। हालांकि, गौरव श्रीवास्तव ने डॉक्टर खरे से मुलाकात करना भी जरूरी नहीं समझा। इस वजह से 92 साल के डॉक्टर खरे को आज भी न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।

डॉक्टर खरे, जो पिछले 5 महीनों से अमेरिका छोड़कर जयपुर में रह रहे हैं, अपने बच्चों के बुलाने पर भी लौटने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी प्रॉपर्टी को सार्वजनिक हित के लिए सुरक्षित नहीं किया जाता, वह यहां से नहीं जाएंगे। उन्होंने डीजी के कमरे में धरना भी दिया, लेकिन किरोड़ीलाल मीणा ने उन्हें समझाकर नीचे लाकर आम जगह पर धरना शुरू करवाया। डॉक्टर खरे का यह दृढ़ निश्चय उनके हक की लड़ाई को दिखाता है। 

राइजिंग राजस्थान का करुंगा विरोध – डॉ. राज खरे 

डॉ. राज खरे ने अपनी बात रखते हुए कहा कि एक तरफ राजस्थान सरकार निवेशकों को आमंत्रित करने का दावा करती है, जबकि दूसरी ओर हमारे जैसे निवेशकों के साथ अन्याय और धोखा हो रहा है।

डॉ. खरे ने घोषणा की कि वह 9 दिसंबर से शुरू होने वाले राइजिंग राजस्थान इवेंट का विरोध करेंगे। उन्होंने एसीबी मुख्यालय में धरना देकर अपने विरोध की शुरुआत की है, ताकि दुनियाभर के निवेशकों को यह संदेश जाए कि राजस्थान में निवेशकों के साथ कैसे धोखा होता है।

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