Edited By Raunak Pareek, Updated: 25 Jul, 2025 04:33 PM

राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल की दीवार और छत गिरने से 7 बच्चों की मौत और 27 घायल। शिक्षा विभाग ने हादसे के बाद प्रिंसिपल समेत चार शिक्षकों को निलंबित किया। हादसे से पहले भी लापरवाही के संकेत मिले थे।
राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार को हुए स्कूल हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। स्कूल की दीवार और छत गिरने से 7 मासूम बच्चों की जान चली गई, जबकि 27 छात्र घायल हुए हैं। यह हादसा झालावाड़ के पिपलोदी गांव के एक सरकारी स्कूल में हुआ। सबसे चिंताजनक बात यह है कि स्कूल की जर्जर हालत के बारे में पहले से कई बार शिकायतें की गई थीं, लेकिन स्कूल प्रशासन और शिक्षा विभाग दोनों ने आंखें मूंदे रखीं।
हादसे के बाद शिक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए स्कूल की महिला प्रिंसिपल, तीन शिक्षक और एक प्रबोधक को निलंबित कर दिया है। हालांकि, सवाल ये उठता है कि अगर पहले ही संज्ञान ले लिया जाता, तो क्या ये मासूम जिंदगियां बच सकती थीं? स्थानीय लोगों का आरोप है कि पहले भी स्कूल की दीवार से पत्थर गिरने की घटनाएं हो चुकी थीं, जिसकी शिकायत सरपंच व अधिकारियों को दी गई थी। बावजूद इसके कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
वर्ष 2023 में इसी स्कूल को डांग क्षेत्र विकास योजना के तहत 1.80 लाख रुपये मरम्मत के लिए मिले थे, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वो पैसा कहीं उपयोग नहीं हुआ। एक छात्र ने बताया कि हादसे से ठीक पहले बच्चों ने शिक्षक को सूचित किया था कि छत से कंकड़-पत्थर गिर रहे हैं, लेकिन शिक्षक ने देखने की बजाय उन्हें डांट कर अंदर भेज दिया। कुछ ही मिनटों में छत गिर गई और पूरा स्कूल परिसर मातम में बदल गया। अब शिक्षा विभाग ने जांच की घोषणा की है, लेकिन लोगों का सवाल है — क्या यह जांच उन 7 मासूमों की जान लौटा पाएगी?