Edited By Chandra Prakash, Updated: 08 May, 2025 12:49 PM
पहलगाम में हुए आतंकी हमले का करारा जवाब देते हुए भारतीय सेना ने देर रात पड़ोसी देश के आतंकी ठिकानों को चकना चूर कर दिया है। यह बदला सिर्फ पहलगाम नहीं, बल्कि उन सभी हमलों का है जब-जब आंतकियों ने भारतीयों को चोट पहुंचाई है। भारतीय सेना ने प्रेस...
भारत देगा फिर पाकिस्तान को करारा जवाब
फिर होगा सर्जिकल स्ट्राइक क्या कहती है कुंडली ?
शुभ नहीं है मई में ग्रहों का संयोग
गुरु की अतिचारी चाल पड़ेगी पाक पर भारी
जयपुर/जोधपुर, 8 मई 2025 । पहलगाम में हुए आतंकी हमले का करारा जवाब देते हुए भारतीय सेना ने देर रात पड़ोसी देश के आतंकी ठिकानों को चकना चूर कर दिया है। यह बदला सिर्फ पहलगाम नहीं, बल्कि उन सभी हमलों का है जब-जब आंतकियों ने भारतीयों को चोट पहुंचाई है। भारतीय सेना ने प्रेस कांफ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर यह जानकारी शेयर की है। सेना ने बताया 25 मिनट चले इस ऑपरेशन में सेना ने भारत में पिछले दो दशक से हुए आतंकी हमलों में शामिल आतंकवादियों के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। इससे पहले भी भारत सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट स्ट्राइक और अब ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को चोट दे चुका है। आतंकवाद के खिलाफ भारत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आज पाकिस्तान में स्थित कई आतंकी ठिकानों को जमींदोज कर दिया है। आतंक के खिलाफ हुए इस ऑपरेशन का नाम भारत ने ' ऑपरेशन सिंदूर ' रखा है। भारत के इस एक्शन के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि पाकिस्तान भी कुछ बड़ा कर सकता है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिषीय दृष्टि से देखें तो इस समय ग्रहों का ऐसा संयोग बना हुआ है जो महाभारत के युद्ध के समय बना था। साथ ही भारत पाकिस्तान के बीच 1965 और 1971 में जब युद्ध हुआ था उस समय भी ग्रहों का ऐसा ही कुछ संयोग बना था जो साल 2025 में बनने जा रहा है। ज्योतिषशास्त्र की गणना के अनुसार। महाभारत के समय भी ग्रहों का ऐसा ही संयोग बना था। वैसे जिस योग में यानी शकट भंग योग जो शनि के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश पर बनता है वह 2030 में बनेगा, इसी शकट भंग योग में महाभारत का महायुद्ध हुआ था तो 2030 का समय भी बेहद तनावपूर्ण हो सकता है।
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 7 मई को आपरेशन सिंदूर उसी का नतीजा है। लेकिन ये हमला अभी अंतिम नहीं है। क्योंकि हमले के समय की कुंडली भी शनि प्रधान है। मकर लग्न की कुंडली बनती है।विशेष बात ये है कि हमले के समय चतुर्ग्रही योग बना हुआ था। बुध, शुक्र, शनि और राहु एक साथ विराजमान थे। यानि ग्रहों की स्थिति साफ इशारा कर रहे हैं भारत यही रुकने वाला नहीं है, आने वाले दिनों में पाकिस्तान को अलग-अलग मोर्चों पर भारत उसे कड़ी पटखनी देगा। बुध आने वाले दिनों में पाकिस्तान के संचार व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है, उसका बैंकिंग सिस्टम चरमरा सकता है। मारकेश शुक्र के कारण उसके बड़े नेता, बड़े उद्योगपति, सिलिब्रिटी आदि देश छोड़ कर जा सकते है। राहु जो कि गुप्त ऑपरेशन और उसके शत्रुओं को एक्टिव कर सकता है। कह सकते हैं कि पाकिस्तान को गर्त में ले जाने से अब कोई नहीं रोक सकता है। शनि उसके कर्मों का फल देकर ही रहेंगे।
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ऐसे में संजोग से जब मार्च 2000 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत के दौरे पर थे तो उनकी यात्रा से एक दिन पूर्व 20 मार्च 2000 की रात्रि पाकिस्तान के आतंकियों ने कश्मीर के अनंतनाग जिले के एक गावं में 35 निर्दोष सिखों की हत्या कर दी थी। ठीक इसी प्रकार से अब जब अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस भारत के 4 दिन के दौरे पर हैं तो पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने भारतीय सेना की वर्दी पहन एक कायरतापूर्ण हमला कर निर्दोष नागरिकों की जान ली है। मार्च 2000 में कश्मीर की प्रभाव राशि तुला से छठे भाव में सूर्य गोचर कर रहे थे तथा मृत्यु के सप्तम भाव में गुरु, शनि और मंगल का अशुभ गोचर हो रहा था। यानी ग्रह योग कुछ उसी प्रकार का 22 अप्रैल का भी बना था जैसा साल 2000 में बना था।
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखें तो जम्मू-कश्मीर की प्रभाव राशि तुला मानी जाती है। 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के समय तुला राशि से छठे भाव में मीन राशि में शनि, राहु, शुक्र और बुध गोचर कर रहे थे। यह भाव कश्मीर की कुंडली में हिंसा से संबंधित भाव है। तुला से विनाश के अष्टम भाव में गुरु गोचर कर रहे हैं जिनका अष्टमेश शुक्र से राशि परिवर्तन योग बना हुआ है। तुला राशि को वर्तमान में मंगल अपनी चौथी दृष्टि से पीड़ित कर रहे हैं।
भारत देगा पाकिस्तान को करारा जवाब
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि वर्तमान में तुला राशि पर मंगल की चौथी दृष्टि आगामी 7 जून तक रहेगी जिसके चलते कश्मीर घाटी में भारतीय सेना बहुत ही सख्ती से आतंकवादियों से निपटेगी। और बड़ी तादाद में आतंकियों का सफाया करेगी। यही नहीं भारत की ओर से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी कैम्पों को ड्रोन या हवाई हमलों में बड़ा नुकसान पहुँचाया जा सकता है। अगले तिमाही में पाकिस्तान को आतंकी हमले का करारा जवाब मिल सकता है। वैसे अगस्त के महीने में और सितंबर के शुरू में शनि-मंगल का समसप्तक योग देश में किसी हिंसक गतिविधि या आतंकी हमले का योग दिखा रहा है। इसलिए इस समय अधिक अलर्ट रहने की जरूरत है।
पाकिस्तान की कुंडली में मारकेश की दशा
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि पाकिस्तान की स्थापना कुंडली (14 अगस्त 1947, मध्य रात्रि, पाकिस्तान) मेष लग्न की है, जिसमें वर्तमान में मारकेश शुक्र की महादशा में तृतीयेश और षष्ठेश बुध की अंतरदशा चल रही है जो उसकी अर्थव्यस्था और सेना दोनों के लिए बेहद घातक है। शुक्र में बुध की यह अंतरदशा दिसंबर 2023 से अक्टूबर 2026 तक चलेगी जो की पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंसक विद्रोह और देश की पश्चिमी सीमा पर अफगानिस्तान से तालिबान के बड़े हमलों में नुकसान उठाने का ज्योतिषीय संकेत है। शुक्र युद्ध के सप्तम भाव का स्वामी होकर दशमेश शनि से ग्रह युद्ध में फंसा हुआ है। पाकिस्तान की कुंडली में अंतर दशानाथ बुध तीसरे घर का स्वामी होकर चतुर्थेश चन्द्रमा से एक अशुभ राशि परिवर्तन में होकर उसे सैन्य संघर्ष में बड़ी हानि का योग दिखा रहा है। कर्क राशि में गोचर कर रहा नीच का मंगल 7 जून तक पाकिस्तान के लिए विशेषरूप से अशुभ है। पूर्वी मोर्चे पर भारत की और से सैन्य दबाव और पश्चिम में तालिबानी संगठनों और बलूच विद्रोहियों का हमला पाकिस्तान की सेना को दो मोर्चों पर हानि सहने को मज़बूर कर सकता है। पाकिस्तान की कुंडली मेष लग्न की है, जिसका स्वामी मंगल वर्तमान समय में नीच का होकर कर्क राशि में विराजमान है। मंगल नीच राशि में हो तो युद्ध में पराजित होना पड़ता है। ज्योतिष में मंगल को युद्ध का कारक माना गया है। पाकिस्तान की कुंडली में सबसे खराब दशा चल रही है। पाकिस्तान की कुंडली शुक्र की दशा चल रही है। शुक्र पाकिस्तान की कुंडली में मारकेश है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब मारकेश की दशा चल रही हो तो व्यक्ति को मृत्युतुल्य कष्ट मिलता है, पाकिस्तान का यही समय आरंभ हो चुका है।
भविष्य मालिका
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि भविष्य मालिका की भविष्यवाणी के अनुसार,शनि 29 मार्च, 2025 को मीन राशि में प्रवेश करेंगे और 28 अप्रैल, 2025 को जब शनि उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे तो इसके प्रभाव से संघर्ष और प्राकृतिक आपदाएं घट सकती हैं। भविष्य मालिका के अनुसार, द्वितीय विश्व युद्ध और भारत पाकिस्तान के बीच हुआ 1965 युद्ध के दौरान भी ग्रहों का ऐसा ही संयोग बना हुआ था। भविष्य मालिका के अनुसार 2025 से 2028 के बीच तीसरा विश्व युद्ध छिड़ सकता है। इस युद्ध में अन्य देश भी शामिल हो सकते हैं, जिसमें चीन और 13 इस्लामिक देश भारत का विरोध कर सकते हैं। यह अनुमान है कि यह युद्ध परमाणु युद्ध में भी बदल सकता है।
मई में ग्रहों का संयोग शुभ नहीं
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि दरअसल, 14 मई को गुरु अतिचारी होकर मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। 12 साल बाद गुरु अतिचारी चाल से चलते हुए मिथुन राशि में पहुंचेंगे। इससे पहले वर्ष 1965 और 1971 में जब भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था तो उस समय भी गुरु अतिचारी थे। साथ ही 18 मई को राहु गोचर करते हुए कुंभ राशि में पहुंच जाएंगे। ऐसे में गुरु और राहु का नवम पंचम योग बनेगा। गुरु और राहु का नवम पंचम योग ज्योतीष दृष्टि से शुभ नहीं माना गया है। 18 मई तक शनि और राहु का पिशाच योग भी बना हुआ है दरअसल, शनि और राहु इस समय मीन राशि में गोचर कर रहे हैं। पिशाच योग भी ज्योतिष के अनुसार, अशुभ योग में से एक है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, पिशाच योग जब बनता है तो तनाव, आर्थिक समस्या और जन जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ग्रहों के इस स्थिति का असर देश और दुनिया पर युद्ध के रूप में भी दिखाई दे सकता है।
2025 में गुरु के अतिचारी होने पर देश दुनिया पर प्रभाव
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिषों के अनुसार साल 2025 में गुरु के अतिचारी होने से दुनियाभर में काफी अधिक प्रभाव देखने को मिल सकता है। इससे करियर आर्थिक स्थिति के साथ-साथ युद्ध संकट आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। गुरु की चाल में तेजी होने से दुनियाभर में कई युद्ध हो सकते हैं। कई देशों के बीच युद्ध होने की आशंका मानी जा रही है। इसके साथ ही एक बार फिर आर्थिक मंदी की ओर बढ़ सकते हैं। जैसा 1929 में हुआ था। जब अमेरिकी शेयर बाजार में एक बड़ी गिरावट आई। जो इस दुर्घटना का वैश्विक प्रभाव पड़ा और इसे महामंदी की शुरुआत माना जाता है। गुरु के अतिचारी होने से धर्म संबंधित घटनाएं बढ़ सकती है। विभिन्न धर्मों के लोग अपनी परंपराएं दूसरों के ऊपर थोपने की कोशिश कर सकते हैं। देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में ऐसी स्थिति देखने को मिल सकती है।