महेश सिंह की याचिका पर हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव, एसीएस होम, डीजीपी, एसपी झालावाड़, डी.एस.पी भवानीमंडी आदि से मांगा जवाब, जानें पूरा घटनाक्रम

Edited By Chandra Prakash, Updated: 31 Jan, 2025 02:30 PM

high court seeks response on mahesh singh s petition

राजस्थान उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने राजस्थान पुलिस के पुलिस इंस्पेक्टर-महेश सिंह की रिट याचिका पर चीफ सेक्रेटरी राज सरकार, ए.सी.एस. (होम), डी.जी.पी. राजस्थान पुलिस आई.पी.एस. रिचा तोमर एस.पी. झालावाड़ (राज), डी.एस.पी-प्रेम कुमार सी.ओ भवानी मण्डी...

झालावाड़, 31 जनवरी 2025 । राजस्थान उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने राजस्थान पुलिस के पुलिस इंस्पेक्टर-महेश सिंह की रिट याचिका पर चीफ सेक्रेटरी राज सरकार, ए.सी.एस. (होम), डी.जी.पी. राजस्थान पुलिस आई.पी.एस. रिचा तोमर एस.पी. झालावाड़ (राज), डी.एस.पी-प्रेम कुमार सी.ओ भवानी मण्डी झालावाड़ (राज) एवं एडिशनल एस.पी.- चिरंजी लाल मीणा, एडिशनल एस.पी. झालावाड़ (राज) को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है, कि इंस्पेक्टर महेश सिंह की मोबाइल कॉल डिटेल, सोशल मीडिया अकाउंट्स एवं उनकी लोकेशन, डिपार्टमेंटल एक्शन के नाम पर राइट टू प्राइवेसी मौलिक अधिकारो का हनन क्यों किया एवं डिपार्टमेंटल एक्शन प्रारम्भ करने के लिये, पिटीशनर द्वारा दर्ज करवाई गई एफआई आर के पूर्व से गिरफ्तारशुदा अभियुक्त जो न्यायलय के आदेश से न्यायिक अभिरक्षा में थे, जिसका अनुसंधान डी.एस.पी. प्रेम कुमार ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 की अवहेलना करते हुए गिरफ्तारी के 36 दिन पश्चात पुलिस रिमांड अवैध रूप से किस प्रकार प्राप्त किया। प्रकरण की पैरवी पीपुल्स लॉ क्लिनिक एडवोकेट्स एसोसिएशन के अधिवक्ता डॉ. मिथिलेश कुमार ने की।

जाने पूरा घटनाक्रम
यह है मामला भवानी मंडी झालावाड़ के तत्कालीन एसएचओ महेश सिंह ने नकाबन्दी के दौरान पिपलिया तिराहा झालावा ? पर 22 सितंबर 2022 की सुबह एक ट्रक को नाकाबंदी के दौरान पकड़ा। उस ट्रक में लगभग 15 क्विंटल 18 किलो डोडा पोस्त पाई गई कार्रवाई के दौरान मौके पर दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया और उसकी एफआईआर भी दर्ज कर ली। लेकिन क्या कारण रहा कि महेश सिंह व कार्यवाही करने वाली समस्त टीम को विभागीय जांच के तहत 16 सीसी का नोटिस देते हुए इस चार्जसीट थमा दी गई। कारण बताया गया कि आपने एफआईआर में कुछ आरोपियों के जानबूझकर नाम दर्ज नहीं किए हैं एवं जब्ती की प्रक्रिया गलत अपनाई है। 

एसएचओ भवानी मंडी महेश सिंह द्वारा दर्ज FIR की जांच पुलिस अधीक्षक झालावाड़ द्वारा डीएसपी प्रेम कुमार तत्कालीन गंगधार DSP को दी गई। तथा विभागीय प्राथमिक जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चिरंजी लाल मीणा एवं डीएसपी प्रेम कुमार ने एसएचओ महेश सिंह के साथ जांच के नाम पर एक अभियुक्त की तरह व्यवहार करते हुए महेश सिंह जो उक्त प्रकरण में मादक पदार्थ जप्त करने वाले कार्मिक है । उनकी 99 दिन की मोबाइल की कॉल डिटेल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक झालावाड़, पुलिस अधीक्षक झालावाड़ एवं अनुसंधान अधिकारी प्रेम कुमार डीएसपी द्वारा प्राप्त की गई। 

सोशल मीडिया अकाउंट, फेस बुक, वाट्सअप आदि रडार पर ले लिए। इस दौरान डीएसपी प्रेम कुमार ने पूर्व से गिरफ्तार न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपितों को गिरफ्तारी के 36 दिन बाद रिमांड पर लिया जबकि जानकारी और नियमानुसार अभियुक्त को प्रथम बार न्यायालय में पेश करने के 15 दिन बाद रिमांड पर नहीं ले सकते। इस प्रकरण पर सोमवार दिनांक 27 जनवरी 2025 को डबल बैंच के फैसले अनुसार डीजीपी, एसीएस ( होम) एसपी झालावाड़, एडिशनल एसपी चिरंजीलाल मीणा एवं पुलिस उप अधीक्षक प्रेम कुमार आदि को नोटिस जारी किए गए।

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