राजस्थान विधानसभा में हरीश चौधरी ने पानी की समस्या को लेकर उठाएं सवाल

Edited By Ishika Jain, Updated: 06 Mar, 2025 03:54 PM

harish chaudhary raised questions about water problem in rajasthan assembly

राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में जल संसाधन एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना पर हुई चर्चा के दौरान बायतु विधायक हरीश चौधरी मे सदन में बोलते हुए थार की ज्वलंत समस्या पेयजल पर अपनी बात रखी।

जयपुर। राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में जल संसाधन एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना पर हुई चर्चा के दौरान बायतु विधायक हरीश चौधरी मे सदन में बोलते हुए थार की ज्वलंत समस्या पेयजल पर अपनी बात रखी। हरीश चौधरी ने कहा कि पानी से हमारे पूर्वजों का सदियों से दर्द रहा है जो आज भी हमसे जुड़ा हुआ है, जिस पर एहसास किया जाए तो इससे बड़ा दुख व दर्द ओर कोई नहीं हो सकता, पानी को लेकर इतिहास में बहुत बार बोला गया और इसे लेकर कई घोषणाएं, नियम, कानून, दोषारोपण, प्रक्रिया, श्रेय, आयोजन, सर्वे, DPR, मेरी सरकार, उसकी सरकार इस तरह की तमाम बातें हुई, लेकिन इस समस्या का अभी तक स्थायी कोई हल नहीं निकल पाया। हरीश चौधरी ने इस दौरान कहा कि ब्यूरोकेट्स, लोकतांत्रिक और अन्य व्यवस्थाओं को मिलकर इस संदर्भ में हल निकालने की प्राथमिकता रहनी चाहिए, श्रेय भले ही किसी को भी दे दिया जाए। उन्होंने कहा कि आज थार के लोग इस जल समस्या को लेकर अपना घर परिवार व क्षेत्र छोड़ने को मजबूर है। प्यास के लिए व न्यूनतम जरूरतों को पुरा करने के लिए हमारे पूर्वज मालवा जाकर मजदूरी करते थे। हमारे पूर्वजों ने जिस तरह पानी के लिए संघर्ष किया वो आज हमें भी करना पड़ रहा है। 

हरीश चौधरी ने सदन में कहा कि थार के लोगों को आज न्यूनतम जरूरत पानी की है, लेकिन वो आज भी नहीं मिल रहा है। हजारों करोड़ों रूपए पानी की योजनाओं के लिए खर्च किए जाते है, लेकिन अंतिम पंक्ति पर बैठे व्यक्ति तक आज भी पानी नहीं पहुँच पा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में उनसे झूठ बुलाया जाता है, जो एक गरिमामय पद है। राज्यपाल महोदय, नाम में हम महामहिम लगाते है, जिन्हे आधी शक्ति देते हुए उन्हें आधी अधूरी जानकारी देकर उनके मुख से एक उदाहरण दिया गया कि राज्यपाल अपनी एक बाड़मेर यात्रा पर तामलोर गांव गए, जहां वे गोविंद सिंह पुत्र जबरसिंह नामक व्यक्ति के घर गए, वहां नल के माध्यम से पानी आ रहा था। ज़ब यह बात सदन के अंदर हो रही है और उसी गाँव तामलोर में उनके ही पड़ोस के रेशमाराम व हरखाराम मेघवाल क़ी ढाणियों का दर्द व तकलीफ का एहसास हम नहीं कर रहे है। उन तक आज तक पानी नहीं पहुंचा है। 

हरीश चौधरी ने आगे तामलोर के राजस्व गांव देवलगढ़ व हीरपुरा का जिक्र करते हुए कहा कि यहां आज तक पानी नहीं पहुंच पाया और बातें कुछ ओर ही हो रही है। चौधरी ने कहा कि हर दोषारोपण व हर योजना क़ी गलतियों का दोष हमे दें दीजिए, लेकिन उनके दर्द व तकलीफ को समझते हुए इन व्यवस्थाओं को सुधारने क़ी जिम्मेदारी हमारी है। आज जल जीवन मिशन को लेकर कई तरह की त्रुटियाँ रही है, जिसमें चाहे वो सर्वें क़ी त्रुटियां हो या अतिरिक्त पंपिंग स्टेशन बनाने की हो उन्हे सुधारने क़ी जरूरत है।

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