Edited By Ishika Jain, Updated: 24 Apr, 2025 06:34 PM

राजस्थान विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने हनुमानगढ़ जिले में भाजपा कार्यालय में गुरुवार को आयोजित बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर सम्मान सभा और पत्रकारवार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कार्यरता पूर्ण...
हनुमानगढ़। राजस्थान विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने हनुमानगढ़ जिले में भाजपा कार्यालय में गुरुवार को आयोजित बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर सम्मान सभा और पत्रकारवार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कार्यरता पूर्ण आतंकी हमले का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को भारत ने कड़ा जवाब देते हुए मोदी सरकार ने पाकिस्तान से दशकों पुराने 'सिंधु जल संधि' जल-बंटवारे के समझौते को निलंबित करते हुए सख्त कदम उठाया है। इस समझौते के रद्द होने से इसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे।
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हमने पाकिस्तान से 1962 में, 1967 में और 1999 में कारगिल युद्ध लड़े, पुलवामा का हमला हुआ। देश ने कभी भी इससे पहले सिंधु जल समझौते को रद्द नहीं किया। जब वृहद भारत था तब सिंधु जल समझौते में तीन नदियों का अधिकार भारत को रावी, ब्यास व सतलुज और तीन नदियों सिंधु, चेनाब और झेलम का पानी पाकिस्तान को मिला था। इसमें सिंधु,चेनाब,झेलम इन तीनों नदियों का 20% पानी भारत रोक सकता है और 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान में जा रहा था। जब पाकिस्तान में पानी जाना बंद होगा तो वहां की एक-एक इंच जमीन पानी के लिए तरसेगी।
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि आज पाकिस्तान में भुखमरी के हालात है। यह निर्णय पाकिस्तान पर एक तरह से आर्थिक प्रहार है। पानी रोकने से पाकिस्तान की पूरी अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी। 'सिंधु जल संधि' रद्द, पाकिस्तानी नागरिकों की प्रवेश पर रोक, अटारी बोर्डर चेक पोस्ट बंद, भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग बंद और 48 घंटे के भीतर पाकिस्तानी राजनयिक को भारत छोड़ने के आदेश के इस निर्णय के माध्यम से मोदी जी ने पाकिस्तान को पहलगाम की आतंकी घटना पर करारा जवाब दिया है और आगामी दिनों में भारत सरकार पाकिस्तान को करारा जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि यह पहली बार है जब भारत ने इस पर सख्त निर्णय लिया है। यह फैसला दर्शाता है कि अब मोदी सरकार भारत पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीति को बर्दाश्त नहीं करेगा। हमने पड़ोसी देशों की स्थितियां देखी हैं, चाहे बांग्लादेश हो या पाकिस्तान हो। इन देशों के हालात भी देखे हैं।पाकिस्तान के जनरल ए मुनीर खान ने पीओके की बात कही और कहा कि भारत के पास जो कश्मीर हैं हम उसे लेकर रहेंगे। इस बात से पाकिस्तान की दहशतगर्दी का नया नमुना सामने आया।
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि आपताकाल देश का काला अध्याय है। इस काल में लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन किया गया। मौलिक अधिकारों को कमजोर का दिया गया और नीति निदेशक सिद्धांतों को उनसे ऊपर कर दिया जिससे संविधानिक संतुलन बाधित हुआ। कांग्रेस ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी की उपेक्षा की है और संविधान के साथ खिलवाड़ किया है जबकि भाजपा ने देश में बाबा साहेब के संविधान निर्माण और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान को भारत रत्न के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलवाई। भाजपा की मोदी सरकार ने डॉ. अम्बेडकर के लेखन और भाषणों को डिजिटलाइज कर जनसुलभता हेतु प्रकाशित करने की दिशा में पहल की है, जिससे उनके विचार, समाज के हर वर्ग तक पहुंचे।
राजेंद्र राठौड़ ने इस दौरान कहा कि मोदी सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट परिसर व विधि मंत्रालय में डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित की गई, यूपीआई आधारित डिजिटल भुगतान हेतु भीम ऐप की शुरूआत, बाबा साहेब के जीवन से जुड़े पांच महत्वपूर्ण स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित कर संविधान निर्माता के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता को दर्शाया। भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए भारत ने संवैधानिक मूल्यों को आत्मसात किया जबकि पाकिस्तान ने अपने संवैधानिक मूल्यों को आत्मसात नहीं किया। जिसका परिणाम आज हम सभी के सामने हैं कि पाकिस्तान में किसी भी चुनी हुई सरकार ने अपना पूरा कार्यकाल नहीं किया और वहां कई बार सैनिक शासन रहा।
राजेंद्र राठौड़ ने इस दौरान यह भी कहा कि संविधान ने हमें मौलिक अधिकार गए दिए हैं। इनमें समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार, और संवैधानिक उपचार का अधिकार शामिल हैं। हमारे यहां मत की पेटी से सरकारें बदलती रही और संविधान और संसद को नतमस्तक होकर दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता माननीय नरेंद्र मोदी जी ने अपने कार्यकाल को प्रारंभ किया। संविधान मूल्यों का जनता और जनता की चुनी हुई सरकार में विश्वास और आस्था होती है। लोकतंत्र की गीता के रूप में संविधान को सर्वोपरि माना जाता है।