Edited By Chandra Prakash, Updated: 24 Nov, 2024 02:54 PM
राजस्थान में सात सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में सत्ता पार्टी ने पांच सीटों पर जीत हासिल कर ली, जबकि एक सीट बाप पार्टी और एक सीट पर कांग्रेस ने अपना कब्जा बरकरार रखा है । बीजेपी ने 5 सीटों (झुंझुनूं, खींवसर, देवली-उनियारा, सलूंबर, रामगढ़) पर जीत...
जयपुर, 24 नवंबर 2024 । राजस्थान में सात सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में सत्ता पार्टी ने पांच सीटों पर जीत हासिल कर ली, जबकि एक सीट बाप पार्टी और एक सीट पर कांग्रेस ने अपना कब्जा बरकरार रखा है । बीजेपी ने 5 सीटों (झुंझुनूं, खींवसर, देवली-उनियारा, सलूंबर, रामगढ़) पर जीत दर्ज की। जबकि कांग्रेस अपने कब्जे वाली 4 में से एक सीट(दौसा) पर ही सिमट गई है। वहीं भारतीय आदिवासी पार्टी(BAP) ने चौरासी सीट पर कब्जा बरकरार रखा है। लिहाजा एक पार्टी ऐसी भी है जो जिसका अब विधानसभा में एक भी विधायक नहीं बचा है ।
तो चलिए हम बात कर रहे थे कि अब विधानसभा में एक पार्टी ऐसी भी है, जिसका एक भी विधायक अब विधानसभा में नहीं बैठ पाएगा । जी हां हम बात कर रहे हैं राजस्थान के दिग्गज नेता हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी यानी आरएलपी की ।
तो सात विधानसभा सीटों में से सबसे हॉट सीट माने जाने वाली खींवसर सीट अब आरएलपी के हाथों से निकल गई है । चुनाव परिणाम आते ही हनुमान बेनीवाल जो कि अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल की जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वत थे, उनका सारा अहंकार चूर-चूर हो गया है, दरअसल राजस्थान विधानसभा उपचुनाव 2024 में खींवसर सीट पर हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) को हार का सामना करना पड़ा, जिससे पार्टी का राजस्थान विधानसभा से पूरी तरह सफाया हो गया। खींवसर सीट, जो आरएलपी का एकमात्र प्रतिनिधित्व थी, जहां पर बीजेपी के रेवंतराम डांगा ने जीत दर्ज की।
बेनीवाल ने अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल को खींवसर सीट पर उम्मीदवार बनाया था, लेकिन बीजेपी के मजबूत प्रचार और स्थानीय क्षत्रिय समुदाय के समर्थन ने डांगा को निर्णायक जीत दिलाई। यह नतीजा आरएलपी के राजनीतिक अस्तित्व के लिए एक बड़ा झटका है और इसे बेनीवाल की पार्टी के प्रभाव को कमजोर करने वाला माना जा रहा है । ऐसे में अब आरएलपी राजस्थान विधानसभा में प्रतिनिधित्व विहीन हो गई है। हालांकि यह नतीजा पार्टी के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि खींवसर सीट को आरएलपी और हनुमान बेनीवाल का गढ़ माना जाता था। इस हार के बाद बेनीवाल की पार्टी को नए सिरे से अपनी राजनीतिक रणनीति पर विचार करना होगा ।
अब देखने वाली बात ये होगी कि खींवसर सीट से कनिका बेनीवाल की हार के बाद अब कोई नहीं बचा जो विधानसभा में बैठेगा...ऐसे में अब हनुमान बेनीवाल की साख पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है । इसी के साथ आरएलपी विहीन हो गई राजस्थान विधानसभा ।