Edited By Chandra Prakash, Updated: 03 Aug, 2025 06:39 PM

उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने आज मेड़ता सिटी में नागौर जिले के सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD), पर्यटन विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी, जिला स्तरीय पदाधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि...
मेड़ता सिटी, नागौर | 3 अगस्त 2025 । उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने आज मेड़ता सिटी में नागौर जिले के सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD), पर्यटन विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी, जिला स्तरीय पदाधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
उपमुख्यमंत्री ने सभी विभागीय योजनाओं की प्रगति, बजट उपयोग, लंबित कार्यों और जनहित से जुड़ी परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य तय समय-सीमा के भीतर गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए पूरे किए जाएं।
सड़क निर्माण और मरम्मत पर विशेष ध्यान
PWD विभाग की समीक्षा करते हुए उपमुख्यमंत्री ने जिले में चल रहे सड़क निर्माण, मरम्मत कार्यों और भवन निर्माण परियोजनाओं की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय सड़कों की गुणवत्ता और कनेक्टिविटी बेहतर होना नागरिक सुविधाओं के लिए अत्यंत आवश्यक है। अधूरे प्रोजेक्ट्स की रिपोर्ट उन्हें व्यक्तिगत रूप से भेजने के निर्देश दिए गए।
धार्मिक और ग्रामीण पर्यटन को मिले बढ़ावा
पर्यटन विभाग को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि मेड़ता और खरनाल जैसे धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व वाले स्थानों पर पर्यटकों के लिए आधारभूत सुविधाएं विकसित की जाएं। उन्होंने कहा कि मीराबाई और तेजाजी से जुड़े स्थलों को धार्मिक पर्यटन सर्किट में सम्मिलित कर विकास किया जाए, जिससे स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिले।
महिला और बाल विकास योजनाओं की जमीनी स्थिति की समीक्षा
महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा में उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यप्रणाली, पोषण ट्रैकिंग, महिला सुरक्षा और बालिकाओं की शिक्षा पर विशेष फोकस किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बालिका एवं महिला सशक्तिकरण की योजनाएं ज़मीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू हों और लाभार्थियों तक समय पर पहुँच सुनिश्चित हो।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा-जनहित सर्वोपरि
“जनकल्याण से जुड़ी सभी योजनाएं धरातल पर उतरें, यही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभाएं और कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करें।”उन्होंने कहा कि वे स्वयं प्रत्येक विभागीय कार्य की निगरानी और फॉलोअप करेंगी, ताकि आमजन को योजनाओं का पूर्ण लाभ मिले।