मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता की हालत में सुधार

Edited By Afjal Khan, Updated: 29 Nov, 2023 12:25 PM

chief electoral officer praveen gupta s condition improving

चुनाव आयोग के राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता की हालात में अब सुधार है. लगातार चुनावी प्रक्रिया में लगे रहने की वजह से प्रवीण गुप्ता की सेहत अचानक गड़बड़ाई और उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा ।

मगर क्या करें, अगर किसी अपने के साथ हो ऐसी परिस्थितियां ?

जयपुर । चुनाव आयोग के राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता की हालात में अब सुधार है. लगातार चुनावी प्रक्रिया में लगे रहने की वजह से प्रवीण गुप्ता की सेहत अचानक गड़बड़ाई और उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा । दरअसल, सीईओ प्रवीण गुप्ता को घर पर नाश्ता करते समय सांस लेने में तकलीफ होने पर उल्टी की शिकायत हो गई थी, जिसके बाद उनको बेहोशी की हालत में एसएमएस अस्पताल के आईयूसी वार्ड में भर्ती कराया गया था । जिनका इलाज डॉ. सुधीर मेहता की देखरेख में चल रहा है । ऐसे में आईएएस कृष्ण कुणाल और निर्वाचन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी एसएमएस अस्पताल पहुंचकर हालचाल जाने । वहीं चिकित्सकों ने शुरुआत में हार्ट अटैक की आशंका के चलते ECG भी कराई गई, लेकिन चिकित्सकों के मुताबिक उनकी रिपोर्ट नॉर्मल आई थी । ऐसे में मेडिकल ICU में  भर्ती गुप्ता की हालत में सुधार होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया है । वहीं राजनीतिक पार्टियों से जुड़े कई नेताओं ने भी प्रवीण गुप्ता के हालचाल पूछे ।  

तमिलनाडु में  भी देखने को मिला था ऐसा ही मामला
शुक्र है कि प्रवीण गुप्ता सकुशल हैं लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसी समस्या क्यों होती है ? 1995 बैच के आईएएस अधिकारी प्रवीण गुप्ता जिस तरह अचानक मुसीबत में फंसे थे, ठीक ऐसा ही मामला, मामला तमिलनाडु में भी देखने को मिला था । दरअसल यहां एक बॉडी बिल्डर को ब्रेड का टुकड़ा खाना भारी पड़ गया था जब ब्रेड खाते समय इसकी श्वास नली में ब्रेड का टुकड़ा फंस गया था । ऐसे में युवक की सांस न आने से से मौत हो गई थी । 

अक्सर गले में खाने की चीजे क्यों अटक जाती है ?
आपको बता दें कि गले में खाना अटकने की प्रक्रिया को 'चोकिंग' कहा जाता है । डॉक्टरों के मुताबिक जब हम खाना खाते हैं तो खाना आहार नली में जाता है. वहां से सीधा लिवर, अग्नाशयों और आंतों से होता हुआ बाहर निकल जाता है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि खाना जल्दबाजी या ध्यानपूर्वक न खाने के कारण ये सांस नली में अटक जाता है । कई बार ये हल्की खांसी से निकल जाता है, जबकि कई बार गले में फंसा ही रहता है । ऐसे में मरीज की मौत होने की संभावना भी बढ़ जाती है तो कई बार मरीज की मौत भी हो जाती है । दरअसल, सांस नली में भोजन या कोई खाने की चीज अटकते ही सांस लेने की प्रक्रिया बंद हो जाती है । इससे ब्रेन को ऑक्सीजन पहुंचनी बंद हो जाती है । ऐसे में ऑक्सीजन नहीं मिलने पर हार्ट भी काम करना बंद कर देता है और दम घुटने से व्यक्ति की मौत हो जाती है । 

अगर खाने की चीजे गले में अटक जाए तो क्या करें ?
अगर आपके आसपास भोजन करते समय किसी व्यक्ति के गले में कुछ अटक जाए तो पेट पर दबाव या हेम्लिच की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए । इसमें व्यक्ति की कमर के ऊपर झुकना होता है और व्यक्ति के कंधे के बीच अपने हाथ से वार करना होता है । जिससे अटका हुआ खाना बाहर निकलने में आसानी हो जाती है । वहीं, हेम्लिच की प्रक्रिया में अधिक दबाव नहीं डालना चाहिए । इससे पसलियों को भी नुकसान पहुंच सकता है । वहीं हेम्लिच प्रक्रिया से अगर खाना निकल जाता है तो ठीक है नहीं तो तुरंत चिकित्सक के पास मरीज को ले जाना चाहिए । डॉक्टरों का कहना है कि भोजन से दम  घुटने का कोई मतलब नहीं होता है । लापरवाही से खाने, तेज खाना खाने और ठीक से खाना न चबाने पर ऐसी परेशानी सामने आ सकती है 

बहरहाल, काम के बोझ के बीच अपनी सेहत का ख्याल करते रहिए. प्रवीण गुप्ता पर बड़ी जिम्मेदारी है, बता दें कि हाल ही में राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 199 सीटों पर 25 नवंबर 2023 को ही चुनाव हुए थे। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। इसी दिन अन्य चार राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आएंगे । 

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